खुद पर आत्मविश्वास करने का सबसे आसान तरीका | The easiest way to be confident in yourself

खुद पर आत्मविश्वास करने का सबसे आसान तरीका: दोस्तों सबसे पहले तो हमें यह निश्चित करना चाहिए कि हमें किस क्षेत्र में रुचि है यदि हमारी रुचि पढ़ाई में बेहतर है तो हमें  मेहनत से उसी पर ध्यान देना चाहिए लेकिन यदि हमारी रुचि व्यापार करने में है तो हमें परास्नातक करने के बाद उसी तरफ मुड़ जाना चाहिए।

या बात करें अगर हमारी रुचि कुछ नया करने की है तो हमे उसी में कोशिश करना चाहिए क्योंकि वही लोग इस दुनिया में जाने जाते हैं जो कुछ नया करने की कोशिश करते हैं और उसमें सफल भी होते हैं दोस्तों कोशिश करना तो हमारा काम है सफलता या असफलता मायने नहीं रखती।

खुद पर आत्मविश्वास करने का सबसे आसान तरीका:

खुद पर आत्मविश्वास करने का सबसे आसान तरीका

दोस्तों अब आते हैं मुख्य शीर्षक पर कि हमें खुद पर विश्वास करना चाहिए देखिए सबसे पहली बात तो यह है कि हमें भविष्य में जो भी करना है उसे अपने दिमाग में रखना चाहिए मेरे कहने का अर्थ यह है कि हमें अपना भविष्य पहले ही निर्धारित करना चाहिए हालांकि भविष्य तो ईश्वर के हाथ में ही है लेकिन हमें कर्म के अनुसार ही फल मिलता है।

तो दोस्तों हमें अपने भविष्य को सुधारने के लिए अच्छे कर्मों की आवश्यकता होती है लेकिन कुछ लोग सब कुछ ईश्वर के भरोसे ही छोड़ देते हैं हालांकि यह बात बिल्कुल सही है क्योंकि जो ईश्वर करेगा वही होगा लेकिन इस बात की चर्चा धर्म ग्रंथों में भी की गई है कि ईश्वर कहते हैं कि हमें अपना कार्य करना चाहिए ऐसा नहीं है कि आप कोई भी कार्य ना करें और सब ईश्वर के भरोसे छोड़ दें इससे हमें भारी क्षति हो सकती है।

सच इसलिए होता है कड़वा:

दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा जो लोग सच्चाई बयान करते हैं वे कड़वे ही होते हैं क्योंकि सच कड़वा होता है और जो लोग आपके सामने आपकी तारीफ करते हैं वे लोग आपको अच्छे लगते होंगे लेकिन यह बिल्कुल ही वैसा है जैसे पीठ पीछे खंजर मारना क्योंकि जो लोग आपसे सच्चा प्रेम करते होंगे वे आपके सामने कभी आपकी प्रशंसा नहीं करेंगे और ना ही पीठ पीछे बुराई करेंगे।

पीठ पीछे बुराई करने वाले मित्र से बेहतर तो स्पष्ट बुराई करने वाला शत्रु है क्योंकि उससे आपको डर है कि वह आपका शत्रु है लेकिन पीठ पीछे बुराई करने वाले मित्र से कोई डर नहीं होता इसीलिए पीठ पीछे बुराई करने वाला मित्र शत्रु से भी घातक होता है।

हमेशा बड़े सपने  इसलिए देखना चाहिए:

प्रिय मित्रों यह तो सभी जानते हैं कि सपने सभी देखते हैं कोई छोटे सपने देखता है तो कोई बड़े सपने देखता है।

लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि जो मेहनती और लगन से कार्य करने वाले होते हैं सपने उन्हीं के पूरे होते हैं वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना मेहनत के ही सफल होना चाहते हैं लेकिन ऐसा संभव नहीं है क्योंकि सपने पूरे करने के लिए रात दिन मेहनत करनी होती है और वास्तव में वही लोग सफल होते हैं जो मेहनती होते हैं।

अब बात आती है हमें अपना लक्ष्य किस प्रकार निर्धारित करना चाहिए सबसे पहले मैं बात करना चाहूंगा पढ़ाई के दौर की।
क्योंकि यही वह दौर है जिसमें हम अपना भविष्य देखते हैं और इसी समय हमें निर्णय लेना होता है कि हमें जिंदगी में क्या करना चाहिए।

बड़े सपने पूरे करने के लिए पूरे आत्मविश्वास और मेहनत से जुट जाना चाहिए चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें आए लेकिन उन मुश्किलों से कभी पीछे ना हटें।

क्योंकि जो लोग कामयाबी पाने का दृढ़ निश्चय कर लेते हैं वह कामयाबी पाकर ही रहते हैं और जिन लोगों के इरादे मजबूत नहीं होते वे लोग असफल हो जाते हैं इसीलिए हमें अपने इरादे मजबूत और दृढ़निश्चय करके ही किसी कार्य का प्रारंभ करना चाहिए ताकि हम असफल ना हो।

चाहे कलम चलाने की बात हो या जंग का मैदान हो हमेशा वही लोग सफल होते हैं जिनके इरादों में मजबूती होती है।

ना गलत कार्य स्वयं करें और ना दूसरों को करने दें:

दोस्तों आज के इस युग में ज्यादातर लोग गलत कार्यों की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन सभी अपने आप में अकेले ही हैं इसलिए यदि हम स्वयं को सुधारें तो सारा जग सुधर जाएगा लेकिन समस्या यह नहीं है कि हम कैसे स्वभाव के हैं समस्या तो यह है कि सामने वाले का व्यवहार कैसा है आप मेरे कहने का अर्थ तो समझ ही रहे होंगे।

मनुष्य अपनी गलती ना देखकर दूसरों की गलती देखता है और स्वयं के अंदर झांक कर भी नहीं देखता इसीलिए हर व्यक्ति को सामने वाला गलत दिखाई देता है जबकि ऐसा निश्चित नहीं है कि कोई भी मनुष्य गलती ना करें गलती तो केवल देवताओं से नहीं होती है इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है उससे गलतियां भी अवश्य होंगी।

एपीजे अब्दुल कलाम कहते हैं की सफलता का रास्ता तो असफलताओं से होकर ही जाता है ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसमें सफल होने के लिए हमें असफलताओं से ना गुजरना हो।

एक सफल मनुष्य की मात्र सफलताओं को देखने से हमें लगता है कि वह ऐसे ही सफल हो गया होगा लेकिन उसके पीछे के संघर्ष को जानने के बाद हमें वास्तविकता का ज्ञान होता है क्योंकि कोई भी सफल मनुष्य ऐसा नहीं है जिसने अपने जीवन में कठिन संघर्ष और असफलताओं का सामना ना किया हो क्योंकि बिना असफलताओं के कोई भी व्यक्ति सफल नहीं होता।

विज्ञान में असफलताएं नहीं होती:

हाल ही में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन, [ Indian Space Research Organisation ] (ISRO)  ने बहुत बड़ा महारत हासिल करने की कोशिश की है लेकिन इस प्रयास में हमें सम्पूर्ण रुप से सफलता नहीं मिल पाई इसका मतलब यह नहीं है कि हम असफल हो गए क्योंकि विज्ञान में प्रयास और सफलताएं ही होती हैं उसमें असफलताओं का कोई भी स्थान नहीं है कहने का अर्थ यह है विज्ञान में जो भी प्रयास किए जाते हैं उनकी संख्या हजारों या लाखों में होती है तब जाकर कहीं हमारा प्रयास सफल होता है।

चाहे बात हो एक बल्ब को बनाने की या बिजली के अविष्कार की लेकिन सभी अविष्कारों में अनगिनत प्रयास किए गए हैं तब जाकर कहीं सफलता मिली है।

जरा सोच कर तो देखिए यदि आविष्कार करने वाले थोड़ा प्रयास करने के बाद हार मान लेते तो वह अपने प्रयासों में कैसे सफल होते और कैसे आविष्कार कर पाते। इसीलिए विज्ञान में असफलता नहीं होते विज्ञान में सिर्फ प्रयास और सफलता ही होती है।

दोस्तों आज का हमारा यह प्रयास खुद पर आत्मविश्वास करने का सबसे आसान तरीका आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके अवश्य बताएं और ब्लॉग पर विजिट करते रहें धन्यवाद!

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