सुंदर दिखने वाले लोग इसलिए होते हैं धोखेबाज | Chanakya Niti in Hindi

सुंदर दिखने वाले लोग इसलिए होते हैं धोखेबाज:-

मित्रों इस दुनिया में कई तरह के उदाहरणों को समझाते हुए मैने सुंदरता का वर्णन किया है लेकिन आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये यदि स्त्री सुंदर होती है तो वह अपनी सुंदरता पर बहुत इतराती है।

 

सुंदर दिखने वाले लोग इसलिए होते हैं धोखेबाज
सुंदर दिखने वाले लोग इसलिए होते हैं धोखेबाज

रामायण में सीता का उदाहरण लेकर बताया कि अत्यंत सुंदर होने के कारण सीता का हरण हुआ था इसीलिए रामायण में सुंदरता को लेकर कुछ वर्णन किए हैं रामायण में रूप की सुंदरता को सुंदरता नहीं बताया है रामायण में तो मन की पवित्रता को ही सुंदरता बताया है अर्थात मन पवित्र होगा तो आप भी पवित्र होंगे।

रामायण में यह भी बताया है कि किसी को परखना है तो आप उसके मन की सुंदरता को देखें ना कि उसके चेहरे की सुंदरता को जो लोग चेहरे से सुंदर होते हैं अक्सर वही लोग आपके साथ छल कपट या मक्कारी करेंगे विद्वानों ने स्पष्ट अर्थों में बताया है की सौंदर्य अक्सर धोखेबाज होता है।

 

पुत्र को सही रास्ते पर इसलिए डालना चाहिए:-

दोस्तों मैं तो आपको यही कहना चाहूंगा कि पुत्र को सही रास्ते पर इसलिए डालना चाहिए क्योंकि पुत्र ही एक ऐसी महान हस्ती है जो आपके नाम को उज्जवलित करेगा।

मित्रों पुत्र की तुलना चंद्रमा से की है क्योंकि जिस प्रकार चंद्रमा रात्रि में अकेले होते हुए भी पूरे संसार को अपनी चमक से चकाचौंध कर सकता है ठीक उसी प्रकार अगर आप का पुत्र अच्छा यानी सुशील है तो आपका नाम रोशन करेगा और ठीक इसी के विपरीत अगर आप का पुत्र सही ना हुआ तो बड़ा दुनिया में आपकी बदनामी के सिवा कुछ नहीं करेगा।

इसीलिए अच्छे पुत्र की तुलना चंद्रमा से की है क्योंकि पूरे विश्व में एक ही चंद्रमा होता है और वहां अपनी रोशनी से पूरे संसार को प्रकाशित कर देता है ठीक इसी प्रकार सुपुत्र आपको पूरे संसार में प्रसिद्ध कर देगा।

 

नालायक लड़के को अपने घर में इसलिए ना रहने दें:-

दोस्तों इस पंक्ति में मैनें नालायक पुत्र और आग से जलते हुए सूखे वृक्ष की तुलना की है वास्तव में अगर आप का पुत्र गलत संगत में पड़ जाता है या वह कोई ऐसा कार्य करने लगता है जिससे उसका भविष्य खतरे में आ जाता है।

तो ऐसे पुत्र को पहले ठीक ढंग से समझाना चाहिए अगर समझाने से भी ना माने तो उसे दंडित करना चाहिए यदि दंडित करने पर वह आपके साथ दुर्व्यवहार करता है तो ऐसे पुत्र को त्याग देना ही आपके लिए बेहतर होगा।

इसिलिए मैं आपसे कहता हूँ जैसे आग जलते हुए सूखे वृक्ष से सारा बन जल जाता है ठीक उसी प्रकार एक कुपुत्र से कुल का नाश हो जाता है।

 

सुगंधित फूल के जैसा होना चाहिए पुत्र:-

पुत्र के बारे में कहा है अगर आप का पुत्र सुशील और सुशोभित है तो ठीक उसी प्रकार आपका पुत्र आपके वंश को सुगंधित करेगा जिस तरह से एक ही फूल पूरे वन को सुगंधित कर देता है कहने का अर्थ क्या है कि अगर आपका पुत्र आपकी बात मानेगा आपको सम्मान देगा तो निश्चित ही आप भी उसकी बात से सहमत होंगे।

इसी कारण वह आपको सम्मान देगा जिससे आपको आपके कुल में आप के पुत्र के नाम से जाना जाएगा और इससे बेहतर क्या होगा कि आप के पुत्र के नाम से आपको आपके कुल में जाना जाए।

इसीलिए पुत्र की तुलना एक सुगंधित फूल से की गयी है जिस प्रकार सुगंधित फूल से पूरा वन महक जाता है ठीक उसी प्रकार आपके सुपुत्र से भी सारा कुल सुशोभित हो जाता है।

 

सच्चे मन से कार्य करने वाले के लिए कोई भी कार्य बड़ा नहीं होता:-

जो लोग अपने कार्य को पूरी सच्चाई के साथ अर्थात पूरे मन से करते हैं उनके लिए कोई भी कार्य बड़ा नहीं होता बल्कि वे लोग हर काम को मात देते हैं जो लोग अपने कार्य को मन से नहीं करते हैं हमसे कोई भी प्रसन्न नहीं होता।

मान लीजिए आप किसी कंपनी में नौकरी करते हैं और आप अपने कार्य पर पूरा ध्यान लगाते हैं अर्थात पूरी लगन के साथ अपना कार्य करते हैं लेकिन कभी कारणवश अगर आप अपने कार्य को सही ढंग से नहीं कर पाते हैं और उसी वक्त कंपनी का कोई सर्वोच्च अधिकारी आ जाए तो वह यही सोचेगा कि आप हर दिन ऐसे ही कार्य करते होंगे जिससे आपके चरित्र पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और हो सकता है आपको नौकरी से हाथ भी धोना पड़े।

तो दोस्तों सोचिए कितनी बड़ी क्षति आपको उठानी पड़ सकती है इसीलिए अपने कार्य को इतनी लगन से करिए कि सामने वाला भी आपको देखकर प्रसन्न हो जाए।

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