Bharat Ka Sabse Bada Chidiyaghar Kaun Sa Hai, बचपन मे हम सभी कभी ना कभी किसी ना किसी बहाने से चिडियाघर घूमने गये है। जहां पर ना केवल हमारा मनोरंजन होता है बल्कि प्रकृति और प्रकृति के इन पशु पक्षियो, सरीसृपो, पेड़ पौधो व अन्य सभी चीजो के बारे में जानकारी के साथ हमे ज्ञान की प्राप्ति भी होती है लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है कि, Bharat Ka Sabse Bada Chidiyaghar Kaun Sa Hai।
यदि आप भी यह जानना चाहते है कि, Bharat Ka Sabse Bada Chidiyaghar Kaun Sa Hai। तो हमारा यह आर्टिकल केवल आपके लिए है जिसमे हम आपको विस्तार से ना केवल यह बतायेगे कि, भारत का चिडियाघर कौन सा है बल्कि हम आपको यह भी बतायेगे कि, कोलकाता का सबसे बड़ा चिड़ियाघर कौन सा है।
इस आर्टिकल मे, हम आप सभी बच्चो, युवाओ व पाठको को विस्तार से भारत के सबसे बड़े चिडियाघर व उसकी विशेषताओं के बारे मे बतायेगे जिसके लिए आपको अन्त तक इस आर्टिकल के साथ बने रहना होगा ताकि आप इसका लाभ प्राप्त कर सकें।
चिड़ियाघर क्या होता है
साधारण शब्दो मे, कहें तो जिस प्रकार इंसानो के निवास स्थान को घर कहा जाता है ठीक उसी प्रकार से पशु – पक्षियो व अन्य जानवरो के रहने व निवास स्थान को चिड़ियाघर कहा जाता है जहां वे आराम से बिना किसी भय के अपना जीवन यापन करते है।
चिड़ियाघर का उद्धेश्य क्या होता है
अब हम आपको कुछ बिंदुओ की मदद से बताते है कि चिड़ियाघऱ का मौलिक लक्ष्य क्या होता है जो कि, इस प्रकार से हैं –
- चिड़ियाघर का मौलिक लक्ष्य, प्रकृति के सभी आमो खास पशु पक्षियो व जानवरो को आसरा देना होता है।
- हमारी कई विलुप्तप्राय प्रजातियां या संकटापन्न प्रजातियो जीवित रखने के लिए और उनकी जनसंख्या को बढ़ावा देने के लिए चिड़ियाघर मे रखा जाता है जहां वे बिना किसी भय के रह सकते है और अपनी जनसंख्या का विस्तार कर सकते है।
- इन चिडियाघरो का मौलिक लक्ष्य होता है अलग अलग दुर्लभ प्रजाति के पशु पक्षियो, सरीसृपो, पेड़ पौधो आदि को सहेज कर सुरक्षा पूर्वक रखना ताकि आने वाली मानवजाति इनके रोमांच को प्राप्त कर सकें और अपने ज्ञान का विकास कर सकें।
- इन चिडियाघरो मे, पशु पक्षियो को रहने व फलने फूलने के लिए आदर्श वातावरण प्रदान किया जाता है जहां पर ये आराम से जी पाते है और अपना विकास कर पाते है और यही इन चिड़ियाघरो का लक्ष्य हैं।
इस प्रकार हमने आपको कुछ बिंदुओं की मदद से बताया कि, इन चिडियाघरो का क्या लक्ष्य हैं ताकि आप उनके प्रति एक सामान्य समझ को विकसित कर सकें।
Bharat Ka Sabse Bada Chidiyaghar Kaun Sa Hai
आइए अब हम, आप सभी को बता दें कि, भारत का सबसे बड़ा चिड़ियाघर कौन सा है? अर्थात् Bharat Ka Sabse Bada Chidiyaghar Kaun Sa Hai।
जूलॉजिकल गार्डन (कोलकाता) को भारत का सबसे बड़ा व भारत का सबसे प्राचीन चिडियाघर होने का गौरव व सम्मान प्राप्त है क्योंकि भारत में, कुल 355 प्रकार के अलग – अलग विशेषताओं वाले चिड़ियाघर है लेकिन कोलकाता मे स्थिति इस जूलॉजिकल गार्डन को ही भारत का सबसे बड़ा व प्राचीन चिडियाघर माना जाता है।
जूलॉजिकल गार्डन ( कोलकाता ) की स्थापना कब हुई थी
यहां हम, अब आपको यह बतायेगे कि, भारत के इस सबसे बड़े व प्राचीन चिडियाघर की स्थापना कब और किसने की थी ताकि आप अपने – अपने सामान्य ज्ञान का विकास कर सकें।
सबसे पहले हम आपको बता दें कि, भारत के सबसे बड़े व प्राचीन चिडियाघर की स्थापना साल 1875 मे पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुई थी जो कि, आजतक पशु पक्षियो का पालन पोषण करता आया है?
जूलॉजिकल गार्डन अन्य किन नामो से प्रसिद्ध है
हम आपको बता दें कि,भारत के इस सबसे बड़े चिडियाघर को कई नामो से ख्याति प्राप्त है जैसे कि –
- अलीपुर जू व
- कोलकाता जू आदि।
जूलॉजिकल गार्डन का कुल क्षेत्रफल कितना है
आपको बता दें कि, भारत के इस सबसे बड़े चिडियाघर अर्थात् जूलॉजिकल गार्डन का कुल क्षेत्रफल 18.81 हेक्टेयर अर्थात् 46.5 एकड़ मे फैला हुई समृद्ध चिड़ियाघर है और इसीलिए इसे भारत का सबसे बड़ा चिडियाघर कहलाता है।
जूलॉजिकल गार्डन की गोद लेने वाली योजना/स्कीम क्या है
आइए अब हम, आपको विस्तार से जूलॉजिकल गार्डन की गोल लेने वाली योजना अर्थात् एडॉप्शन ऑफ ज़ू एनिमल स्कीम की जानकारी कुछ बिंदुओं की मदद से प्रदान करते है जो कि, इस प्रकार से हैं –
- जूलॉजिकल गार्डन में, पशु – प्रेमियो के पशु प्रेम को बढावा देने के लिए गोद योजना अर्थात् एडॉप्शन ऑफ ज़ू एनिमल स्कीम को शुरु किया गया था जिसके तहत कोई भी पशु – प्रेमी अपने इच्छित पशु को कानूनी तौर पर गोद ले सकता है और इसका पालन – पोषण कर सकता हैं,
- वहीं दूसरी तरफ आपको बता दें कि, एडॉप्शन ऑफ ज़ू एनिमल स्कीम के तहत हाथी, बाघ, चीता, शेर व चिम्पैंजी जैसे शानदार जानवरो को गोद लेन के लिए 1 लाख 50 हजार रुपयो का प्रतिवर्ष खर्च देना होता हैं,
- दूसरी तरफ यदि आप भालू, तेंदुआ, गैंडा आदि जानवरो को गोद लेते है तो आपको प्रतिवर्ष 50,000 रुपयो का ही शुल्क देना होता है आदि।
अन्त, इस प्रकार हमने आपको इस गार्डन की एडॉप्शन ऑफ ज़ू एनिमल स्कीम की पूरी जानकारी प्रदान की ताकि आप इसका पूरा – पूरा लाभ प्राप्त कर सकें।
जूलॉजिकल गार्डन में पर्यटको के आने की संख्या क्या है
भारत के इस गौरवमयी व समृद्धशाली चिडिया मे आमतौर पर प्रतिवर्ष की दर से लगभग 30 लाख पर्यटक आते है इस जूलॉजिकल गार्डन मे पर्यटन के आने के रिकॉर्ड बना जब एक दिन इस चिडियाघर मे कुल 1 लाख से अधिक पर्यटक आये और इस रिकार्ड ने इस चिडियाघर को और भी गौरव प्रदान किया।
आइए अब हम आपको कुछ बिंदुओं की मदद से बताते है कि, जूलॉजिकल गार्डन मे जानवरो की संख्या क्या है जो कि, इस प्रकार से हैं –
- वर्तमान समय में, जूलॉजिकल गार्डन में कुल 1,266 प्रकार के अलग – अलग जानवर है,
- इस समय जूलॉजिकल गार्डन मे कुल 108 प्रकार की अलग – अलग प्रजातियो के पशु ,पक्षी वास करते है आदि।
जूलॉजिकल गार्डन मे कौन कौन से स्तनधारियो का वास है?
- बंगाल टाइगर
- एशियाई शेर
- अफ्रीकी शेर
- तेंदुए
- जंगल बिल्ली
- गोल्डन सियार
- सफेद बाघ
- मछली पकड़ने वाली बिल्ली
- धारीदार लकड़बग्घा
- जलहस्ती
- एशियाई हाथी
- साथी हिरन
- दलदल हिरण
- धुरी हिरण
- भारतीय मंटजेक
- सांभर हिरण
- भारतीय भेड़िया
- जालीदार जिराफ
- ग्रांट का ज़ेबरा
- भौंह सींग वाला हिरण
- भारतीय माउस हिरण
- भारतीय जंगली कुत्ता
- ब्रश-पूंछ वाला साही हॉग
- डियर भारतीय
- गैंडा
- रीसस मकाक
- हनुमान लंगूर
- वाइल्ड शेर की पूंछ वाला मकाक
- हिमालयी काला भालू
- आलसी भालू
- असमिया मकाक
- विशाल गिलहरी
- काला हिरन बोनट
- मकाक पूर्वी ग्रे
- कंगारू
- नीलगाउ आदि।
सरीसृपो की कौन कौन सी प्रजातिया वास करती है
- खारे पानी का मगरमच्छ
- घड़ियाल
- मगर मगरमच्छ ए
- ल्डब्रा विशाल कछुआ
- किंग कोबरा
- भारतीय अजगर
- बंधी हुई समुद्री क्रेट रैटस्नेक
- गैंडा इगुआना
- भारतीय सितारा कछुआ
- मार्श मगरमच्छ
- भारतीय कोबरा
- चेकर्ड कीलबैक और
- पीला एनाकोंडा आदि।
पक्षियो की कौन कौन सी प्रजातियां वास करती है
- ग्रिफॉन गिद्ध ब
- ड़े सींग वाला उल्लू
- ओस्प्रे
- घरेलू हंस
- कम सीटी वाली टीला
- एमु चित्रित सारस
- स्पॉट-बिल पेलिकन ईस्टर्न
- लार्ज एग्रेट ओपनबिल
- सारस
- सफेद आइबिस
- पहाड़ी मैनाही
- भारतीय तोता
- क्वेकर
- तोता लाल स्तन वाला
- तोता खिले हुए सिर वाला
- तोता गुलाब की अंगूठी वाला
- तोता
- रेड-वेंटेड बुलबुल
- लाल-मूंछ वाला बुलबुल
- रेड-वॉटल्ड लैपविंग
- ग्रेटर सल्फर-क्रेस्टेड
- कॉकटू
- साइट्रॉन-क्रेस्टेड
- कॉकटू नंगी आंखों वाला
- कॉकटू पशु cockatiel
- मोलुक्कन कॉकटू
- ग्रे तोता नीला
- गुलाब की अंगूठी वाला तोता
- तोता सफेद छाया वाला
- पियोनस
- लेडी एमहर्स्ट की तीतर
- चीनी चांदी
- तीतर
- भूटान ग्रे मुर्गा
- तीतर हिंसक
- तुराको सारस क्रेन
- नीले पंखों वाला एक प्रकार का तोता
- नीला और पीला एक प्रकार का तोता
- लाल तोता
- हरा शाही कबूतर
- कम चितकबरा
- हॉर्नबिल
- कोयल
- एडजुटेंट
- सारस आदि।
उपरोक्त सभी प्रकार के पशु पक्षी इस चिडियाघर मे पाये जाते है।
जूलॉजिकल गार्डन की शान अद्वैत क्या था
आपको हम बताना चाहते है कि, साल 1750 मे जन्मे अलडबरा प्रजाति के एक कछुए को अंग्रेज जनरल राबर्ड क्लाईव ने पालतू बनाया था और कुछ समय बाद ही इस कछुए को जूलॉजिकल गार्डन सौंप दिया था जहां पर इसका पर्याप्त मात्रा में पालन – पोषण किया गया था जिसका परिणाम यह हुआ कि, अलडबरा प्रजाति का यह कछुआ जिसका नाम अद्वैत रखा गया था कुल 250 साल तक जीवित रहा और अन्त में 23 मार्च, 2006 मे जाकर इस कछुए की मृत्यु हुई।
इसीलिए अद्वैत को जूलॉजिकल गार्डन की शान कहा जाता है।
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सारांश
इस प्रकार हमने इस आर्टिकल मे आप सभी बच्चो, युवाओं व पाठको को विस्तार से ये बता दिया है कि Bharat Ka Sabse Bada Chidiyaghar Kaun Sa hai। हमने आपको इसकी विशेषताओं के बारे मे बताया ताकि आप इस चिड़ियाघर मे एक बार घूमने जरुर जाये औऱ मनोरंजन के साथ ही साथ अपने ज्ञान का सतत विकास कर सकें औऱ यही हमारे इस आर्टिकल का मौलिक लक्ष्य हैं।