संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार एवं उदाहरण

क्या आप कल्पना कर सकते है कि यदि हमारी इस दुनिया में अलग – अलग चीजो को नाम ही ना हो तो अर्थात् बिना किसी भी वस्तु, इंसान या पदार्थ के नाम के बिना हमारा जीवन कितना अर्थहीन प्रतीत होगा इसकी कल्पना करना भी हमारे लिए संभव नहीं है इसीलिए संज्ञा का हमारे जीवन और इस दुनिया को अर्थ प्रदान करने मे बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है लेकिन क्या जानते है कि संज्ञा किसे कहते हैं?

संज्ञा किसे कहते हैं

इस आर्टिकल में हम ना केवल आपको यह बतायेगे कि, संज्ञा किसे कहते है बल्कि हम इस आर्टिकल में, आप सभी पाठको व विद्यार्थियो को विस्तापूर्वक बतायेगे कि, संज्ञा कितने प्रकार की होती है व साथ ही साथ यह भी बतायेगे कि, संज्ञा किसे कहते हैं और उसके भेद?

संज्ञा ना केवल हमारे जीवन को अर्थ व नाम प्रदान करता है बल्कि इस विश्व व दुनिया की हर सूक्ष्म से लेकर लघु चीज, वस्तु या फिर अन्य चीजो को एक नाम देकर उसके महत्व व अर्थ को स्पष्ट करता है जिससे ना केवल हम उस वस्तु की पहचान कर पाते है बल्कि आसानी से उस वस्तु की बेहतर जानकारी को समझ पाते है और संज्ञा का सबसे बड़ा लाभ है।

अन्त, हमारा यह आर्टिकल आप सभी पाठको, विद्यार्थियो वो हिंदी व्याकऱण सीखने वाले आप सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण, रोचक व ज्ञानवर्धक आर्ठिकल होगा जिसे आप सभी को बेहद ध्यान के साथ पढ़ना होगा।

संज्ञा किसे कहते है?

संज्ञा, हिंदी व्याकरण का वो स्तम्भ है जिसके आधार पर ही पूरा हिंदी व्याकरण अर्थ प्राप्त करता है और इसीलिए अब हम आपको बताते है कि, Sangya Kise Kehte Hai?

सरल व सहज भाषा में कहे तो संज्ञा किसी भी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, गुण या भाव का बोध करवाने के लिए किसी एक विशेष नाम को कहते है या फिर हम यह भी कह सकते है कि, जिस नाम से हम किसी भी वस्तु, नाम, गुण या बोध को जानते है व उसे समझते है उसे संज्ञा कहते है।

संज्ञा का लाभ क्या है?

संज्ञा के एक नहीं बल्कि अनेको लाभ है जैसे कि –

  1. संज्ञा की मदद से ही किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि को पहचान पाते है,
  2. इस सजीव विश्व की सभी चीजो को संज्ञा के माध्यम से ही नाम प्रदान किया जाता है,
  3. संज्ञा की मदद से हम किसी व्यक्ति के नाम को जान पाते है
  4. व्यक्तियो, पक्षियो, जानवरो, पेड़ो, पौधो व अन्य चीजो की जाति की जानकारी प्राप्त कर पाते है,
  5. संज्ञा हमें, किसी भी वस्त या चीज को केवल नाम से पहचानने में मदद करता है,
  6. संज्ञा की मदद से ना केवल हम अपने भावो को प्रकट कर पाते है बल्कि दुसरो के प्रकट हुए भावो को भी आसानी से समझ पाते है,
  7. मानवीय संवेदनशीलता को समझने में संज्ञा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
  8. संज्ञा की मदद से किसी भी विशेष वस्तु या व्यक्ति के भाव को पहचान पाते है।

अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तार से बताया कि, संज्ञा के क्या – क्या लाभ है ताकि आप सभी इसका पूरा – पूरा लाभ प्राप्त कर सकें।

संज्ञा किसे कहते हैं उदाहरण?

अब जब हम यह जान चुके है कि, संज्ञा किसी वस्तु, व्यक्ति, गुण, भाव यार स्थान आदि के नाम को कहते है तो आइए इसकी बेहतर समझ के लिए हम आपको इसके कुछ उदाहरण देते है जैसे कि –

संज्ञा के तौर पर व्यक्ति का उदहारण है

  • सोनू, मोनू, मोहन, सोहन, रोहन व नवदीप आदि।

संज्ञा के तौर पर वस्तु के उदाहरण हैं

  • चारपाई, पत्थर, पहाड़ और रोड़ा आदि।

संज्ञा के तौर पर गुण के उदाहरण है

  • सुन्दरता, ईमानदारी, चालाकी, कोमलता व कठोरता आदि।

संज्ञा के तौर पर भाव के उदाहऱण है

  • प्रेम, गुस्सा, आश्चर्य, दया, करुणा व क्रोध आदि।

संज्ञा के तौर पर स्थान के उदाहरण है

  • दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता व अन्य किसी भी स्थान का नाम।

अन्त, उपरोक्त उदाहरणो से हमने आपको विस्तार से बताया कि, संज्ञा किसे कहते हैं इसके उदाहऱण क्या – क्या है ताकि आप सभी इसका पूरा – पूरा ज्ञान प्राप्त कर सकें।

संज्ञा कितने प्रकार की होती है?

आपको बता दें कि, संज्ञा कुल 5 प्रकार की होती है और संज्ञा के इन अलग – अलग प्रकारो को संज्ञा के भेद कहा जाता है जो कि, कुछ बिंदुओं की मदद से उदाहऱण सहित इस प्रकार से हैं –

व्यक्तिवाचक संज्ञा

  • जिस नाम अर्थात् संज्ञा से किसी व्यक्ति के नाम का बोध हो या फिर अर्थ पता चले उसे व्यक्तिवाचर संज्ञा कहते है जैसे कि – राम एक हुनरमंद लड़का है।

जातिवाचर संज्ञा

  • जिस नाम अर्थात् संज्ञा से किसी भी व्यक्ति या वस्तु की जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संत्रा कहते है जैसे कि – क्षत्रिय जाति के लोग बहुत वीर होते है व सब्जियो की इस जाति में बेहद पोषक तत्व पाये जाते है।

भाववाचक संज्ञा

  • जिस नाम अर्थात् संज्ञा से किसी भी वस्तु या व्यक्ति का भाव प्रकट हो उसे ही भाववाचक संज्ञा कहते है जैसे कि – सीता बेहद कोमल स्वभाव वाली बालिका है लेकिन राम बेहद कठोर स्वभाव वाला बालक है।

समूहवाचक संज्ञा

  • जिस नाम या संज्ञा से किसी भी वस्तु या उसके समूह का बोध हो उसे ही समूहवाचक संज्ञा कहते है जैसे कि – पक्षियो का यह समूह कितने आकर्षक व सुन्दर दिखाई देते है।

द्रव्यवाचक संज्ञा

  • जिस नाम या संज्ञा से हमें किसी द्रव्य को बोध हो उसे ही द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है जैसे कि – इस तालाब का पानी कितना स्वच्छ और पारदर्शी हैं।

अन्त, इस प्रकार हमने आपको कुछ बिंदुओं की मदद से विस्तार से संज्ञा के अलग – अलग भेदो के बारे में उदाहरण सहित बता ताकि आप इनकी बेहतर समझ प्राप्त कर सकें।

सारांश

आप सभी हिंदी प्रेमियो को हमने अपने इस आर्टिकल में ना केवल विस्तार से यह बताया कि संज्ञा किसे कहते हैं? बल्कि हमने आप सभी को इसके साथ ही साथ संज्ञा से संबंधित अन्य जानकारीयां भी प्रदान की ताकि आप संज्ञा की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें और इसका पूरा – पूरा लाभ प्राप्त कर सकें और यही हमारे इस आर्टिकल का लक्ष्य हैं।

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