एकता भयान का जीवन परिचय | Ekta Bhyan Biography in Hindi

इंडोनेशिया के जर्काता में, आयोजित तीसरे पैरा एशियन गेम्स 2018 में, भारत को 2 गोल्ड मैडल और 4 ब्रांज मैडल दिलाकर भारत का सिर गर्व से ऊंचा करने वाली एकता भयान पर आधारित व केंद्रित होगा हमारा ये आर्टिकल जिसमें हम, अपने सभी पाठको व युवा खिलाड़ियों को विस्तार से Ekta Bhyan Biography in Hindi ।। एकता भयान बायोग्राफी इन हिंदी की जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप सभी इनसे पर्याप्त मात्रा में, प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें।

Ekta Bhyan Biography in Hindi

हम आपको बता दें कि टूटी रीढ़ की हड्डी पर एकता भयान ने अपने भाग्य को कभी भी निर्भर नहीं किया बल्कि अपने अथक परिश्रण से पहले हरियाणा राज्य की लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके एक सफल सिविल सेवा अधिकारी बनी और अब एक एथलीट बनकर उन्होंने भारत को 2 गोल्ड मैडल और 4 ब्रांज मैडल दिलाया है जो कि, पूरे भारतवर्ष के लिए गर्व व सम्मान की घड़ी है।

अन्त, हमारा ये आर्टिकल पूरी तरह से एकता भयान की जीवन परिचय अर्थात् Ekta Bhyan Biography in Hindi ।। एकता भयान बायोग्राफी इन हिंदी पर आधारित होगा जिसमे हम, आपको एकता भयान के जीवन के संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप सभी ना केवल इनके जीवन को करीब से देख सकें बल्कि इनसे प्रेरणा व प्रोत्साहन भी प्राप्त कर सकें और यही हमारे इस आर्टिकल का लक्ष्य है।

Ekta Bhyan Biography in Hindi । एकता भयान बायोग्राफी इन हिंदी – Quick Look

Name Ekta Bhyan
Medals 2 Gold Medal and 4 Bronze Medals
Nick Name Ekta
D.O.B 7th June, 1985
Birth Place Hisar, Harayana, India
Nationality Indian
Educational Qualification Graduation
Religion Hindu
Profession Athlete

Ekta Bhyan Biography in Hindi

आइए अब हम, कुछ बिंदुओँ की मदद से आप सभी को विस्तार से एकता भयान के जीवन परिचय से परिचित करवायें जो कि, इस प्रकार से हैं-

  1. एकता भयान का जन्म कब, कहां व किसके यहां पर हुआ?

आइए अब हम, अपने सभी पाठको व युवाओँ खिलाड़ियों को बता दें कि, एकता भयान का जन्म 7 जून, 1985 को हरियाणा के हिसार जिले में रहने वाले बलजीत भयान के घर पर हुआ जिन्होंने ना केवल अपने माता – पिता का, राज्य का बल्कि पूरे भारतवर्ष का नाम रौशन कर दिया है।

  1. एकता भयान का फैमिली बैकग्राउंड क्या है?

हम, आपको बता दें कि, एकता भयान का जन्म हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले बलजीत भयान के गर में हुआ जो कि, सेवानिवृत बागवानी अधिकारी है जिनकी कुल 3 सन्तान है और इन्हीं में से एक है एकता भयान।

  1. एकता भयान के जीवन की कड़वी सच्चाई कब सामने आई?

साल 2003 एकता भयान के लिए कभी दुर्भाग्यपूर्ण रहा क्योंकि इसी साल एक सड़क दुर्घटना में, एकता भयान की रीढ़ की हड्डी टूट गई जिसकी वजह से उन्हें अपने जीवन के कुल 9 महिनें अस्पताल में बिताने पड़े और इस दौरान उनके कुल 2 ऑपरेशन भी हुए जिसकी वजह से उनके परिवार की सामाजिक व आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो गई लेकिन एकता भयान ने, इसे भाग्य समझकर स्वीकार नहीं किया बल्कि अपने भाग्य का स्वंय निर्माण करके सफलता की राह तय की।

  1. एकता ने, कहां तक शिक्षा प्राप्त की है व कहां से प्राप्त की है?

अपने सभी पाठको व युवा खिलाड़ियों को हम, बता दें कि, एकता भयान ने, अपने पैतृक गांव हरियाणा से ही ग्रेजुऐशन तक की शिक्षा प्राप्त की है और साथ ही साथ साल 2011 में, हरियाणा राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके सहायक रोजगार अधिकारी के पद पर कार्यरत हुई।

  1. एकता भयान को एथलीट बनने की प्रेरणा कब व किससे प्राप्त हुई?

हम, आपको बता दें कि, जीवन में, सफलता प्राप्त करने के बाद साल 2015 में, एकता भयान की मुलाकात पैरा एथलीट अमित सरोहा से हुई जिनके व्यक्तित्व से प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त करके आखिरकार एकता भयान ने, पैरा एथलीट बनने की ठानी व भाला फेंक खेल का प्रशिक्षण लेना शुरु किया और उनका ये निर्णय आज बिलकुल सही सिद्ध हुआ है।

  1. एकता भयान की कद – काठी कैसी है?

आइए अब हम, आपको विस्तार से कुछ बिंदुओं की मदद से एकता भयान की कद – काठी के बारे में, जानकारी प्रदान करें जो कि, इस प्रकार से हैं-

  • वर्तमान समय में, एकता भयान 36 साल की है।
  • उनकी लम्बाई 5.11 फीट है।
  • एकता भयान का वजन 70 किलाग्राम है।
  • एकता भयान की आंखों व बालों का रंग काला है।

उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आपको एकता भयान की कद – काठी के बारे में बताया।

उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से Ekta Bhyan Biography in Hindi ।। एकता भयान बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में बताया।

निष्कर्ष

एकता भयान ने, ईश्वर द्धारा लिखे भाग्य को नहीं जीया बल्कि खुद से अपने भाग्य का निर्माण करके सफलता की राह तय की क्योंकि एकता भयान ने, ना केवल हरियाणा राज्य के लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की बल्कि साथ ही साथ एथलीट बनकर भारत को 2 गोल्ड मैडल और 4 ब्रांज मैडल दिलाया जिससे ना केवल उनका बल्कि पूरे भारतवर्ष का नाम रौशन हुआ है।

अन्त, हमें आशा है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे बल्कि साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव भी हमें, कमेंट करके बतायेंगे ताकि हम, इसी प्रकार के आर्टिकल आपके लिए प्रस्तुत कर सकें।

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