NGO Full Form: NGO Ka FUll Form Kya Hai

“नर-सेवा, नारायण सेवा” के जन-कल्याणकारी सिद्धान्त व बिना किसी आर्थिक लालच के चलने वाले NGO पर समर्पित होगा हमारा आर्टिकल। जिसमें हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को प्रमुख तौर पर NGO Full Form के साथ ही साथ what is NGO in Hindi? के बारे में भी बतायेंगे ताकि आप सभी बेहतर तरीक से समझ सकें कि, NGO क्या होते है?

NGO Full Form

अलग अलग प्रकार से मानव सेवा करने वाले इन NGO के कार्यों की सूची बेहद लम्बी और गौरवपूर्ण होती है और इसी वजह से हम, अपने इस आर्टिकल में, आप सभी को विस्तार से NGO के कार्य? के बार में, बतायेगें और साथ ही साथ भारत के प्रमुख NGO? की जानकारी भी प्रदान करेंगे।

अन्त हम, अपने इस आर्टिकल में, आप सभी को विस्तार से ना केवल NGO Full Form के बारे में, बतायेंगे बल्कि साथ ही साथ NGO कैसे रजिस्ट्रेशन करें? की भी बिंदु-दर-बिंदु जानकारी प्रदान करेंगे क्योंकि यही हमारा प्राथमिक कर्तव्य व दायित्व है।

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NGO Full Form क्या है?

आइए आर्टिकल की शुरुआत में, हम, सबसे पहले अपने सभी पाठको व युवाओं को हिंदी व अंग्रेजी में, NGO Full Form की जानकारी प्रदान करें जो कि, इस प्रकार से हैं-

  1. हिंदी में, NGO का Full Form होता है – ’’ गैर – सरकारी संगठन ’’ और
  2. अंग्रेजी में, NGO का Full Form होता है – “Non – Governmental Organization”

उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने अपने सभी पाठको को विस्तार से हिंदी व अंग्रेजी में NGO Full Form की जानकारी प्रदान की।

What is NGO in Hindi?

आइए अब हम, कुछ बिंदुओँ की मदद से अपने सभी पाठको व युवाओँ को बतायें कि, what is NGO in Hindi?

  1. NGO, गैर सरकारी संगठन होता है

ये तो आप सभी भली-भांति जानते ही होंगे कि, NGO का हिंदी में, फुल फॉर्म ’’ गैर सरकार संगठन ’’ होता है लेकिन क्या आपको इसका अर्थ / मतलब पता है?

यदि आपको NGO का अर्थ / मतलब नहीं पता हैं तो कोई बात नहीं क्योंकि हम, आपको बता दें कि, NGO अर्थात् गैर सरकारी संगठन, वे संगठन होते है जो ना तो सरकार का हिस्सा कहलाते है और ना ही पारस्परिक लाभात्मक व्यवसाय कहलाते है।

और इसी वजह से यदि NGO को सरल व सार्थक भाषा में, कहें तो NGO को ’’ गैर लाभकारी व्यवसाय ’’ कहा जा सकता है जिसका कार्य बिना किसी आमदनी या आर्थिक लालच के गरीबो, बुजुर्गो, अनाथो, बेसहारा बच्चो व पर्यावरण आदि सभी समस्याओँ का सफल व सार्थक समाधान करके उनका सशक्तिकरण करना होता है।

  1. NGO, मानव-सेवा का दूसरा नाम होता है

हम, आपको बता दें कि, NGO किसी विशेष लाभ की प्राप्ति या फिर किसी आकर्षक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गठित नहीं किया जाता है बल्कि हमारे समाज के सामाजिक – आर्थिक तौर पर पिछड़े, दबे-कुचले और हाथिये पर जीवन जी रहे लोगो की सेवा करना और उन्हें विकास की राह पर लाकर उनका सतत व सर्वांगिन विकास करना होता है और इसी वजह से हमने कहा कि, मानव-सेवा का दूसरा नाम ही NGO हैं।

  1. मानव-सेवा हेतु प्रतिबद्ध लोगो के समूह को NGO कहा जाता है

यहां पर हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को एक बात स्पष्ट कर देना चाहते है कि, NGO किसी एक व्यक्ति की निजी संस्था नहीं होती है बल्कि NGO, किसी एक सांक्षे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समर्पित लोगो का एक समूह होता है।

आप या हम, अपनी इच्छानुसार किसी भी प्रकार के NGO का गठन कर सकते है लेकिन हम, अकेले NGO नहीं चला सकते है और मानव-सेवा को समर्पित NGO चलाने के लिए हमें, अनिवार्य तौर पर कुछ मानव-सेवा हेतु प्रतिबद्ध लोगो की जरुरत पड़ती है ताकि NGO को सुगमतापूर्वक चलाया जा सकें और मानव-सेवा के अपने सर्वोच्च लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकें।

उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आपको बताया कि, NGO क्या होता है अर्थात् what is NGO in Hindi?

NGO से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य क्या है?

हम, कुछ बिंदुओं की मदद से आपको NGO से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्रदान करेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रति वर्ष 27 फरवरी को ’’ गैर सरकारी संगठन दिवस ’’ मनाया जाता है,
  2. 17 अप्रैल, 2010 को NGO को आधिकारीक तौर पर मान्यता दे दी गई थी,
  3. NGO अर्थात् गैर सरकारी संगठन शब्द का उदय संयुक्त राष्ट्र संघ के उदय के साथ ही हुआ,
  4. पूरे भारतवर्ष में, इस समय कम से कम 1 से लेकर 2 लाख तक NGO कार्यरत है,
  5. भारत में, कार्यरत सभी NGO ’’ केंद्रीय सोसाइटी अधिनियम ’’ के तहत कार्यरत है और
  6. राजस्थान के NGO के लिए ’’ राजस्थान सोसाइटी अधिनियम ’’ बनाया गया है।

उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से NGO से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्रदान की।

NGO की शुरुआत कहां से और कैसे हुई?

यदि हम बेहद सरल भाषा में, कहें तो ’’ संयुक्त राज्य अमेरिका ’’ को NGO का जनक माना जाता है लेकिन इससे भी पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर NGO का इतिहास 18वीं शताब्दी के अन्त में, पाया जाता है क्योंकि 1914 के आस-पास कुल 1,083 थे। क्योंकि वहां पर सरकार द्धारा किये जाने वाले मानव – विकास कार्य व मानव-सेवा को समर्पित कार्यों के अलावा अनेको प्रकार के ऐसे मानव-विकासकारी सामाजिक कार्य होते थे जिनका सम्पादन बिना किसी आर्थिक लालच या हित के NGO द्धारा सम्पन्न किया जाता है ताकि मानव की अनन्त सेवा की जा सकें और पूरे विश्व मे, मानवता का विकास किया जा सकें।

अन्त, हमने अपने सभी पाठको व युवाओं को बताया कि, NGO की शुरुआत कहां से व कैसे हुई लेकिन क्या आप जानते है कि, NGO कैसे काम करता है?

NGO कैसे काम करता है?

NGO कैसे काम करता है इसका जबाव हम, बेहद सरल तरीके से देना चाहते है ताकि आप आसानी से समझ सकें कि, NGO कैसे काम करता है।

जैसा कि, हमने आपको अपने आर्टिकल मे बताया कि, NGO किसी एक अकेले व्यक्ति द्धारा नहीं चलाया जाता है बल्कि इसे किसी एक सांक्षा लक्ष्य हेतु समर्पित लोगो द्धारा आपकी सहयोग, समर्पण और त्याग की भावना की मदद से चलाया जाता है ताकि NGO के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकें।

यहां पर हम, आपको बता दें कि, आप NGO को दो तरीको से चला सकते है जैसे कि –

  1. रजिस्टर्ड NGO

यदि आप सरकार की मदद से अपने NGO को चलाते है तो उस स्थिति में, आपके NGO को ’’ रजिस्टर्ड NGO ’’ कहा जाता है और इसके सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि, आपके अपने NGO को चलाने व NGO के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता प्राप्त हो जाती है जिसकी मदद से आप आसानी से अपना NGO चला पाते है।

  1. गैर रजिस्टर्ड NGO

यदि आप अपना NGO बिना सरकार की मदद के चलाते है तो ऐसी स्थिति में, आपके NGO को गैर-रजिस्टर्ड NGO कहा जाता है जिसमें आपको अपने साथियों के बल पर ही अपना NGO चलाना होता है औऱ NGO के लक्ष्यों को प्राप्त् करना होता है।

उपरोक्त तथ्यों व बिंदुओं की मदद से हमने आपको बताया कि, NGO कैसे काम करता है लेकिन क्या आपको पता है कि, NGO के क्या कार्य है?

NGO के कार्य?

आइए अब हम, कुछ बिंदुओं की मदद से आपको NGO के कार्यों के बारे में, बतायें जो कि, इस प्रकार से हैं-

  1. समाज के गरीब, दबे-कुचले व सामाजिक – आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगो का विकास करना,
  2. विधवा महिलाओं के लिए रहने की सुरक्षित व्यवस्था करना,
  3. गरीब अनाथ बच्चो को ’’ मानव तस्करी ’’ से बचाकर उन्हें शिक्षा प्रदान करना,
  4. गरीब महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा करना,
  5. स्कूली बच्चो को स्वादिष्ट व पौष्टिक भोजन प्रदान करना,
  6. सामाजिक – आर्थिक तौर पर बेहद कमजोर बच्चो को उनके शैक्षणिक विकास के लिए मुफ्त किताबें प्रदान करना,
  7. आदिवासी समाज की मौलिक समस्याओँ का समाधान करना,
  8. समाज के बूढ़े-बुजुर्ग लोगो की सेवा करना,
  9. रोगी व्यक्तियों की सेवा करना और
  10. समाज के साथ ही साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव-सेवा का प्रचार-प्रसार करना।

उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आपको बताया कि, NGO कौन-कौन से कार्य करती है लेकिन क्या आप जानते है कि, NGO कितने प्रकार के होते है?

NGO कितने प्रकार के होते है?

आइए अब हम, आप सभी को कुछ बिंदुओं की मदद बतायें कि, NGO कितने प्रकार के होते है?

  1. Bingo – Business Friendly International NGO,
  2. Engo – Environmental NGO,
  3. Gongo – Governmental Organized NGO,
  4. Ingo – International NGO and
  5. Quango – Quasi – Autonomous NGO

उपरोक्त सभी बिंदुओँ की मदद से हमने आपको वैश्विक / अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत सभी 5 प्रमुख NGO के बारे में, बताया लेकिन क्या आप जानते है कि, NGO कैसे बनायें?

NGO कैसे बनायें?

हमारे भीतर अनेको प्रकार के मानव-सेवा के विचार आते रहते है लेकिन हम, कुछ विशेष कर नहीं पाते है क्योंकि हमें, पता ही नहीं होता है कि, हम, NGO कैसे बनायें?

लेकिन अपने इस आर्टिकल में, हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को विस्तार से बतायेंगे कि, आप NGO कैसे बना सकते है।

हम, आपको बता दें कि, NGO बनाने के लिए आपको कुछ जरुरी चीजों की पूर्ति करनी होगी जैसे कि –

  1. यदि आप अपना NGO बनाना चाहते है तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपने राज्य या फिर क्षेत्र द्धारा NGO बनाने हेतु जारी दिशा-निर्देशो या कानूनो/नियमों को समझना होगा,
  2. अपना NGO बनाने के लिए आपको ऐसे 7 लोगो को एकत्रित करना होगा जो कि, आपके मौलिक लक्ष्य पर एकमत होकर समर्पण व त्याग की भावना से प्रेरित होकर कार्य कर सकें,
  3. NGO बनाने व शुरु करने से पहले आपको समाज के भीतर जमीनी स्तर पर जाकर लोगो की समस्याओं व परेशानियों को पहचानना होगा और उसी के अनुसार अपने लक्ष्यों व उद्धेश्यो को तय करना होगा,
  4. अपना NGO बनाने के लिए सबसे पहले आपको अपने NGO के लक्ष्य, उद्धेश्य, प्राथमिकतायें, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव व सलाहकार आदि सदस्यों का चयन करना होगा,
  5. अपना NGO बनाने से पहले आपको अपने NGO को सुगमतापूर्वक व सफलतापूर्वक चलाने के लिए एक समावेशी विस्तृत रुपरेखा अर्थात् Blue-Print or Road-Map तैयार करना होगा।

उफरोक्त चीजों की पूर्ति करने के बाद हमारे सभी NGO बनाने के इच्छुक लोग अपना NGO बना सकते है और मिलजुल कर अपने NGO के लक्ष्यो को प्राप्त करते हुए चला सकते है लेकिन क्या आप जानते है कि, NGO बनाने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?

NGO बनाने के लिए कौन-से दस्तावेज चाहिए?

आइए अब हम, आप सभी को उन कुछ मौलिक दस्तावेजो के बारे में, बतायें जिनकी जरुरत आपको अपना NGO बनाने के दौरान पड़ेगी –

  1. Trust Deed / Memorandum of Association,
  2. Advertisement / Rules and Regulations,
  3. Regulation Association Letter,
  4. राष्ट्रपति द्धारा जारी शपथ पत्र,
  5. पहचान पत्र या आधार कार्ड,
  6. स्थायी निवास प्रमाण पत्र,
  7. अपने NGO के नाम से एक बैंक खाता खुलवाने के लिए आपके पास पैन कार्ड होना चाहिए,
  8. अपने रजिस्टर्ड कार्यालय का स्थायी प्रमाण पत्र और
  9. आवेदक का पासपोर्ट बेहद अनिवार्य है।

उपरोक्त सभी दस्तावेजो की पूर्ति के बाद हमारे सभी NGO शुरु करने के इच्छुक लोगो का समूह अपना NGO शुरु कर सकते है लेकिन क्या आप जानते है NGO कैसे रजिस्ट्रेशन करें?

NGO कैसे रजिस्ट्रेशन करें?

यहां पर हम, अपने सभी पाठको को कुछ बिंदुओँ की मदद से बतायेंगे कि, NGO कैसे रजिस्ट्रेशन करें?

  1. Trust Act

आप अपने NGO का रजिस्ट्रेशन आसानी से Trust Act के तहत कर सकते है जो कि, भारत के लगभग सभी राज्यों में, मौजूद है लेकिन यदि किसी राज्य में, Trust Act नहीं हैं तो आप अपने NGO के रजिस्ट्रेशन के लिए 1882 Trust Act का प्रयोग कर सकते है जिसके लिए अनिवार्य तौर पर 2 Trustee होने चाहिए।

Trust Act की मदद से अपने NGO के रजिस्ट्रेशन के लिए आपको इन चरणो को पूरा करना होगा जैसे कि –

  • यदि आप अपने NGO का रजिस्ट्रेशन Trust Act के तहत करना चाहते है तो सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र के Charity Commissioner or Registrar के यहां जाकर आवेदन करना होगा और
  • Trust Act के तहत अपने NGO के रजिस्ट्रेशन के लिए अपना Deed Document लगाना होगा।

उपरोक्त चरणो के बाद आप आसानी से अपने NGO का रजिस्ट्रेशन ट्रस्ट एक्ट के तहत कर सकते है।

  1. Society Act

यदि आप अपने NGO का रजिस्ट्रेशन ’’ Society NGO ’’ के तौर पर करना चाहते है तो आप आसानी से Society Act की मदद ले सकते है।

Society Act में, अपने NGO के रजिस्ट्रेशन के लिए आपको इन चीजों की जरुरत होगी –

  • सबसे पहले आपको Society Act के तहत अपने NGO के रजिस्ट्रेशन के लिए Memorandum of Association व Rules and Regulations संबंधी दस्तावेजो के प्रस्तुत करना होगा जिसके लिए आपको कुल 7 सदस्यों की जरुरत होगी।

उपरोक्त चरणो को पूरा करके आप सभी आसानी से Society Act के तहत अपने NGO के रजिस्ट्रेशन कर सकते है।

  1. Companies Act

यदि आप Companies Act के तहत अपने NGO के रजिस्ट्रेशन करना चाहते है तो आपको इन दस्तावेजो की जरुरत होगी जैसे कि –

  • Memorandum of Association,
  • Article of Association and
  • Rules and Regulations Document

अन्त, Companies Act के तहत अपने NGO के रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको उपरोक्त दस्तावेजो के साथ ही साथ 3 सदस्यों की भी जरुरत होगी।

अन्त, उपरोक्त सभी बिंदुओँ की मदद से आप सभी आसानी से अपने NGO का रजिस्ट्रेशन कर सकते है लेकिन क्या आपको भारत के प्रमुख NGO? के बारे में, पता है?

भारत के प्रमुख NGO?

हमें, बताते हुए बेहद हर्ष और गौरव का अहसास हो रहा है क्योंकि इस समय भारत में, 5 सुप्रसिद्ध व सफल NGO जिन्होंने अपने कार्यों का निर्वाह बेहद सुगमतापूर्वक किया है जो कि, इस प्रकार से हैं-

  1. मुस्कान फाउंडेशन.
  2. नन्ही कली,
  3. गिव इंडिया फाउंडेशन,
  4. गूंज और
  5. हेल्पेज इंडिया

उपरोक्त NGO के अलावा भारत के कुछ सुप्रसिद्ध NGO इस प्रकार से हैं-

  1. CRY – Child Rights and You,
  2. The Akshay Patra Foundation (TAPF),
  3. KC Mahindra Education Trust,
  4. LEPRA India,
  5. Pratham Education Foundation,
  6. Samman Foundation,
  7. Smile Foundation,
  8. Udaan Welfare Foundation and
  9. Deepalaya

उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को भारत के कुछ सुप्रसिद्ध NGO के बारे में, बताया।

निष्कर्ष

मानव-सेवा को अपना धर्म मानने वाले NGO पर केंद्रित अपने इस आर्टिकल में, हमने अपने सभी पाठको को विस्तार से NGO Full Form ।। what is NGO in Hindi? के साथ ही साथ NGO कैसे रजिस्ट्रेशन करें? ।। भारत के प्रमुख NGO? ।। NGO कैसे काम करता है? आदि के बारे में, विस्तार से बताया ताकि आप अच्छे से NGO की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।

अन्त हमें, उम्मीद है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा जिसके लिए ना केवल आप हमारे इस आर्टिकल को शेयर करेंगे बल्कि अपने विचार व सुझाव कमेंट करके बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।

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