हमारे भारत पर लगातार कई वर्षों तक मुगल शासन का शासन रहा था। आज तो भारतीय सरकार नियम बनाती है, मगर काभी यहाँ मुगल नाम मे कुछ वंश का राज होता था। ऐसे में मुगलों के शासन काल में कई ऐसे मुख्य अधिकारी होते थे जो साम्राज्य का ख्याल रखते थे और मुगल साम्राज्य को बेहतर तरीके से चलाने में मुगल शासक की मदद करते थे।
मुगल शासक द्वारा कौन-कौन से मुख्य अधिकारियों को साम्राज्य चलाने के लिए नियुक्त किया जाता था। इस बारे में अगर आप जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि मुगल शासन काल के मुख्य अधिकारी कौन कौन थे और उनका काम क्या था तो आज के लेख मे इसके बारे मे जानकारी दी गई है।
मौजूदा आर्टिकल के माध्यम से आपको बताया जाएगा की मुगल शासन काल के दौरान मुगल शासक द्वारा अपने राज्य को चलाने के लिए कौन-कौन से मुख्य अधिकाऊरी को रखा जाता था और उनका काम क्या होता था। बस सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को आप अंत तक पढ़ते रहे।
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मुगल शासन काल के मुख्य अधिकारी
मुगल बादशाह कुछ ऐसे दरबारी को चुनते थे जो हर किसी पर अपना राज चलते थे, आपको मुगल दरबार के इन सभी अधिकारियों का नाम पता होना चाहिए –
दीवान
मुगल साम्राज्य में शासक द्वारा साम्राज्य के वित्त विभाग से संबंधित कार्य देखने के लिए और राजस्व वसूलने के लिए दीवान की नियुक्ति की जाती थी। इनका मुख्य काम पूरे राज्य में घूम घूम कर राजस्व की वसूली करना था और वित्त विभाग से संबंधित सारे कार्यों की देखरेख करना था। इसके अलावा दीवान राजस्व ना देने वाले व्यक्तियों के कारोबार पर अंकुश लगा सकते थे और उन्हें सजा भी दे सकते थे। यह अधिकार उनको शासक के द्वारा प्राप्त था।
वजीर ए तफविज
सभी मुगल शासक द्वारा मुगल साम्राज्य की देखरेख के लिए अपने दरबार में एक वजीर ए तफविज की नियुक्ति की जाती थी। इनका काम जरूरत के अनुसार बदलता रहता था और यह सभी तरह के कामों की देखरेख करते थे। राजा द्वारा इनको असीमित कामों के लिए रखा जाता था यानी कि इनका काम असीमित था। जरूरत के अनुसार राजा द्वारा इनके काम में बदलाव किया जाता था और इनको हर तरह के काम दिए जाते थे।
वजीर ए तनफिज
मुगलों के दरबार में वजीर ए तनफिज नाम का एक पद होता था जिस पद पर नियुक्त होने वाले अधिकारी का अधिकार क्षेत्र सीमित था। उन्हें जब उस पद पर बैठाया जाता था उस वक्त उन्हें उनके कामों के बारे में अच्छे से समझा दिया जाता था। उनका कार्यक्षेत्र सीमित था लेकिन उनका कार्यक्षेत्र जरूरत के अनुसार निर्धारित किया जाता था। हालांकि जब एक बार उनका कार्यक्षेत्र निर्धारित होता था तो सिर्फ वह वही कार्य करते थे उनका कार्य कभी बदलता नहीं था।
दीवान ए तन
दीवान ए तन नाम का एक पद मुगल साम्राज्य में मुगल शासक द्वारा रखा गया था। इस पद पर जो भी व्यक्ति नियुक्त होते थे उन्हें शासक द्वारा साम्राज्य की जागीर तथा वेतन से संबंधित कार्य दिया जाता था। इस पद पर नियुक्त अधिकारी सभी कर्मचारियों की वेतन से संबंधित जानकारी रखते थे और सभी कर्मचारियों को वेतन भी यही देते थे।
दीवान ए वायुता
मुगल साम्राज्य में दीवान ए वायुता नाम का एक पद था जिस पर एक अधिकारी को हर समय नियुक्त किया गया रहता था। इस पद पर जो अधिकारी नियुक्त होते थे उनका काम करखानों से संबंधित खर्चे पर ध्यान देना होता था। यानी कि वह राज्य में चल रहे सभी कारखानों के खर्चों का गणना करते थे और राजा द्वारा पूछे जाने पर उनको सारी जानकारी देते थे कि यहां इतना खर्चा लगा।
दीवान ए मुस्तौफी
मुगल शासक द्वारा राज्य में की होने वाले आए और खर्चे पर ध्यान देने के लिए और इसकी जानकारी रखने के लिए दीवान ए मुस्तौफी नाम का एक पद रखा गया था। इस पद पर शासक द्वारा जिस अधिकारी को नियुक्त किया जाता था उनका मुख्य काम साम्राज्य को होने वाले आए और होने वाले खर्चे से संबंधित जानकारी रखना होता था। ताकि शासक को इस बारे में हमेशा जानकारी रहे की उनके राज्य का कितना आए हैं और कितना खर्च।
मीर बख्शी
मुगल साम्राज्य में एक मुख्य पद मीर बख्शी नाम का था। इस पद पर उन लोगों को नियुक्त किया जाता था जिन्हें सैन्य से संबंधित अच्छी जानकारी रहती थी और वह लड़ाई में अच्छे रहते थे। क्योंकि जिन लोगों की नियुक्ति इस पद पर होती थी उनको सैन्य से संबंधित जानकारी रखना होता था और वह सभी सैन्य बल का ध्यान भी रखते थे। अगर कहीं दूसरे साम्राज्य से लड़ाई होती थी तो मीर बख्शी ही अपने सैन्य बल को तैयार कर लड़ाई के लिए रवाना होते थे।
काजी उल कुज्जात
मुगल साम्राज्य में जो अधिकारी काजी उल कुज्जात पद पर नियुक्त होते थे उनको साम्राज्य के सारे काजीयो का ध्यान रखना होता था और अलग-अलग जगहों पर काजीयो की नियुक्ति भी करनी होती थी। कहने का मतलब है कि इस पद पर नियुक्त अधिकारी काजीयो की नियुक्ति करने के लिए होते थे।
मुहतसिब
इस पद पर नियुक्त अधिकारियों का कार्य अपने राज्य के विरोध करने वाले लोगों को रोकना था और उन पर सख्त कार्यवाही करना था। जो लोग भी शरीयत के खिलाफ चलते थे उन लोगों पर यह लोग रोक लगाते थे और कानूनी कार्रवाई करते थे।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको मुगल साम्राज्य में होने वाले कुछ मुख्य अधिकारियों के बारे में जानकारी दी है। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि मुगलों के मुख्य अधिकारी का कार्य क्या था और उन्हें किस लिए नियुक्त किया जाता था। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी और आर्टिकल पसंद आया तो आप इसे अपने मित्रों के साथ साथ अपने रिश्तेदारों और सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते हैं।