दिवाली (दीपावली) पर निबंध । Essay on Diwali in Hindi 2021

दीपावली त्यौहार पर निबंध यानी Essay on Diwali in Hindi पर आधारित इस आर्टिकल में हम अपने सभी पाठको को बता दें कि, दीपावली भारतवर्ष के साथ ही साथ पूरे विश्व का एक बेहद लोकप्रिय और प्रसिद्ध त्यौहार है जिसका ना केवल लम्बे समय से इंतजार किया जाता है बल्कि साथ ही साथ लम्बे इंतजार के बाद जब दीपावली का त्यौहार आता है तो उसे बड़े ही धूमधाम व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है।

essay on diwali in hindi

जिससे ना केवल हमें खुशी प्राप्त होती है बल्कि हमारे जीवन में उत्साह, उमंग और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और इसीलिए इस आर्टिकल में प्रमुख तौर पर दीपावली के त्यौहार की पूरी जानकारी प्रदान की जायेगी ताकि आप ना केवल धूमधाम के साथ अपने इस प्रिय त्यौहार का उत्सव मना सकें बल्कि अपने जीवन को उत्साह और उमंग से भी पूर्ण कर सकें।

Essay on Diwali in Hindi परिचय

इसमें कोई दो-राय या संदेह नहीं है कि, हमारा भारतवर्ष अलग – अलग अनुठे त्यौहारों की विविधता वाला देश है परन्तु कुछ त्यौहार इतने खास और लोकप्रिय होते है जिन्हें विशेष प्राथमिकता व सर्वोच्चता प्रदान की जाती है और इसी श्रृखंला में, दीपावली का त्यौहार आता है जिसे “त्यौहारों का त्यौहारों या फिर त्यौहारों का राजा” भी कहा जाता है क्योंकि दीपावली का त्यौहार ना केवल हमारी भारतीय गौरवमयी सक्ष्यता व संस्कृति को दर्शाता है बल्कि हमारे जीवन को भी हर्षो-उल्लास व उमंग से परिपूर्ण कर देता है।

दीपावली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व लोकप्रिय त्यौहार माना जाता है जिसे भारत सहित विश्व के अनेक देशों में मनाया जाता है क्योंकि दीपावली का त्यौहार हर्षो-उल्लास का त्यौहार, उत्सवों का त्यौहार, रोमांच का त्यौहार, सुख-समृद्धि का त्यौहार, बच्चो से लेकर बूढ़ो तक का त्यौहार है और साथ ही साथ जीवन का त्यौहार है जिससे ना केवल हमारा जीवन सुखमय बनता है बल्कि हमारे जीवन में, अनेको प्रकार की नवीन खुशियों का संचार भी होता है।

दोस्तों हम इस आर्टिकल में आप सभी को विस्तार से दीपावली त्यौहार पर निबंध हिंदी मे ।। Deepawali Essay in Hindi. deepavali par nibandh औऱ साथ ही साथ diwali kya hai hindi mai की पूरी जानकारी प्रदान की जायेगी ताकि आप धूमधाम के साथ दीपावली के त्यौहार को तो मनाये ही मनायें बल्कि साथ ही साथ दीपालवी के महत्व और भारतीय सभ्यता व संस्कृति में उसके महत्व को भी समझ सकें क्योंकि यही हमारे इस आर्टिकल का मौलिक लक्ष्य है।

दीपावली का अर्थ क्या होता है?

भारत सहित पूरे विश्व में, बड़े ही हर्षो-उल्लास व धूमधाम के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है जो कि खुशियों, उत्सवो, हर्षो-उल्लासों और उमंगो का त्यौहार होता है परन्तु हमारे बहुत कम पाठकों को पता होगा कि, दीपावली का अर्थ क्या होता है इसलिए यदि आपको भी दीपावली का अर्थ नहीं पता है तो घबराने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि हम, आपको विस्तार से बतायेंगे कि, दीपावली का क्या अर्थ होता है?

दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से मानी जाती है जिसके तहत दीपावली शब्द को संस्कृत के दो शब्दों “दीप + आवली” से मिलाकर बनाया गया है जिसमें दीप का अर्थ दीपक होता है और आवली का अर्थ माता, श्रृखंला या फिर पंक्ति होती है और इस प्रकार दीपावली का अर्थ होता है दीपों की माला जो कि, ना केवल हमारे जीवन के अन्धकार को दूर करती है बल्कि हमारे भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करके हमारे उज्जवल भविष्य का निर्माण भी करती हैं।

दिवाली क्या है?

दीपावली को ही हम संक्षिप्त रुप में दीवाली कहते है और आप सभी को भली-भांति पता है कि, दीवाली किसे कहते है क्योंकि दीवाली भारतीय सभ्यता व संस्कृति का एक ऐसा प्रमुख त्यौहार है जिसे भारत सहित पूरे विश्व में धूमधाम व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है।

Happy Diwali image

दीवाली के त्यौहार को मूलत अन्धेरे पर रोशनी की और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है जिससे ना केवल हमें, प्रेरणा मिलती है बल्कि जीवन में, अच्छाई की राह पर चलकर अपने उज्जवल भविष्य के निर्माण करने का प्रोत्साहन भी मिलता है।

दीपावली का त्यौहार, एक ऐसा त्यौहार है जो कि, भारतीय सभ्यता व संस्कृति में, अपना एक विशेष महत्व रखता है जिसके कई आयाम है अर्थात् दीपावली के त्यौहार का सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व होता है जो कि, ना केवल मानवीय संबंधो को अपनेपन के मजबूत धागे से बांधता है बल्कि हमारे जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से ओत-प्रोत करता है।

दीपावली का त्यौहार कब मनाया जाता है?

दीपावली का त्यौहार, भव्यता व दिव्यता का त्यौहार है जो कि, केवल एक विशेष दिन नहीं मनाया जाता है बल्कि पूरे 5 दिन दीपावली के त्यौहार को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है जिसके तहत हम कह सकते है कि, दीपावली के त्यौहार को कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से लेकर कार्तिक शुक्ल द्धितीय तक मनाया जाता है और इस प्रकार ये पूरा सप्ताह दीपावली के धूम और उमंग से भरा रहता है।

दूसरे शब्दो में हम यह भी कह सकते है कि, दीपावली का त्यौहार माता दुर्गा की अपरमपार महिला को दर्शाने वाले दशहरा पूजा के ठीक 21 दिन बाद मनाया जाता है या आप ये भी मान सकते है कि, दीपावली का त्यौहार सितम्बर के अन्त से लेकर अक्टूबर के प्रारम्भ में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

अन्त में हम आप सभी को बता दें कि, दीपावली का त्यौहार जिस दिन मनाया जाता है वो दिन कार्तिक मास की अमावस्या होती है जिसका अपना एक विशेष महत्व होता है।

दीपावली त्यौहार की चारित्रिक विशेषतायें क्या है?

हमारे भारतवर्ष में, सामान्य तौर पर सभी त्यौहार 1 या फिर 2 दिनों का होता है लेकिन दीपावली भारत का एक ऐसा त्यौहार है जो 1 या 2 दिन का ना होकर पूरे 5 दिन का होता है और यही दीपावली के त्यौहार की सबसे बड़ी चारित्रिक विशेषता होती है वहीं दूसरी तरफ हम, आपको बता दें कि, दीपावली के त्यौहार के साथ ही साथ भारतीय सभ्यता व संस्कृति को दर्शाने वाले 4 अन्य त्यौहारों को भी धूमधाम व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है जिससे दीपावली की रौनक कई गुणा और बढ़ जाती है।

दीपावली के त्यौहार का मौसमी महत्व भी अत्यधिक मायने रखता है जिसके अनुसार दीपावली का त्यौहार वर्षा ऋतु की समाप्ति व शरद ऋतु के आगमन को दर्शाती है जिसका अपना ही एक महत्व होता है क्योंकि इस दौरान मौसम में, गुलाबीपन छा जाता है, खुशनुमा ठंडक फैल जाती है और साथ ही साथ पूरा वातावरण कितना मनोरम व मनभावक प्रतीत होता है और कुल मिलाकर यही दीपावली के त्यौहार की चारित्रिक विशेषतायें होती है।

दीपावली का प्रेरणादायी स्वर्णिम इतिहास क्या है?

दीपावली का त्यौहार, पूरे भारतवर्ष का एक महा – त्यौहार है जिसके इतिहास को लेकर लम्बे समय से इतिहासकारों में, मतभेद चलता आया है लेकिन एक जगह पर आकर सभी ने, दीपावली के इस इतिहास को सर्व-स्वीकृति प्रदान की है कि, दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की सबसे बड़ी जीत मानी जाती है जिसके तहत प्रभु श्री. राम के द्धारा राक्षस रावण का वध करके 14 साल के लम्बे वनवास को पूरा करने के बाद जब भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आते है तो उसी उपलक्ष्य में, दीपों की अनन्त रौशनमयी मालाओं को जलाकर अर्थात् दीपावली का त्यौहार मनाकर भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण का स्वागत किया जाता है।

दीपावली का त्यौहार इतिहास के पन्नो में, इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि दीपावली का त्यौहार जिस दिन मनाया गया था उस दिन कार्तिक मास की घनी, गहरी और अखंड काली अमावस्या की रात थी जिसे राम के भक्तों ने, अपने स्नेह के दियों से दूर कर दिया है और इस प्रकार अमावस्या के अन्धकार को समाप्त करके भगवान राम का स्वागत किया गया था।

दीपावली के त्यौहार का इतिहास हमारे जैन धर्म के लोगों के लिए भी काफी मायने रखता है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर श्री. महावीर स्वामी को मोझ की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को भी ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

हमारे सिख धर्म में, दीपावली के त्यौहार का इतिहास बेहद मायने रखता है क्योंकि इसी दिन पंजाब के अमृतसर में, 1577 में “गोल्डन टैम्पल अर्थात् स्वर्ण मंदिर” का निर्माण किया गया था और साथ ही साथ इसी दिन सिख धर्म के 6वें गुरु, गुरु हरगोबिंद सिंह जी मुगल शासक द्धारा जहांगीर द्धारा ग्वालियर के जेल से मुक्ति प्रदान की गई थी।

अन्त में हम आपको बता दें कि, दीपावली के त्यौहार का इतिहास आर्य समाज के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि आर्य समाज की स्थापना करने वाले स्वामी दयानन्द सरस्वती जी व वेदान्त स्वामी रामतीर्थ को भी ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

दीपावली का त्यौहार क्यूं मनाया जाता है?

आप सभी भली-भांति जानते है कि, दीपावली का त्यौहार क्यूं मनाया जाता है क्योंकि प्रभु राम द्धारा राक्षस रावण का वध करके जब 14 सालों के वनवास काटकर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है जिसे बुराई पर अच्छाई की विजय का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है और हम, सदा बुराई पर अच्छाई की जीत सुनिश्चित करते रहे इसीलिए दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

दीपावली का त्यौहार इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी जिसे लेकर जैन धर्म के लोगों में, बड़ी आस्था और विश्वास है और इसी वजह से जैन धर्म के लोगों में भी बड़े ही धूमधाम के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

अतः हम कह सकते है कि, दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाने के लिए और सभी मानवों में सच्चाई, समर्पण, त्याग, कठोर परिश्रम, धैर्य और साहस की उत्पत्ति के लिए मनाया जाता है।

दीपावली के त्यौहार का महत्व क्या है?

जब हम दीपावली के त्यौहार के महत्व की बात करते है तब जाकर हमें, वास्तविक मायनो में, पता चलता है कि, दीपावली का त्यौहार कितना बड़ा और विशाल है और इसका क्या महत्व है? दीपावली का त्यौहार अनेक महत्वों वाला त्यौहार है अर्थात् दीपावली के त्यौहार का आध्यात्मिक, ऐतिहासक, सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृति महत्व होता है जो कि, ना केवल भारतीय सभ्यता को दर्शाती है बल्कि भारतीय संस्कृति को भी गौरवान्वित करती है।

दीपावली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

दीपावली का त्यौहार बड़े ही हर्षो-उल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जाता है और दीपावली के त्यौहार का हमारे द्धारा लम्बे समय से इंतजार किया जाता है, बाजारों में रौनक बढ़ जाती है, व्यापक स्तर पर खरीददारी होती है, अच्छे से घरों व दफ्तरों की साफ – सफाई की जाती है, दीपावली के दिन पूरा परिवार एक साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करता है, आस – पड़ोस में खुशी से मिठाईय़ां बांटी जाती है, पूरे घर को दीपों से सजा दिया जाता है और बच्चों से लेकर बूढ़ो तक दीपावली की आतिशबाजी का पूरा रोमांचक आनन्द प्राप्त किया जाता है।

दीपावली का त्यौहार किन – किन देशों में और कैसे मनाया जाता है?

आपको जानकर हैरानी होगी कि, दीपावली का त्यौहार भारतवर्ष के साथ ही साथ विश्व के अनेक देशों द्धारा मनाया जाता है जैसे कि – मलेशिया में दीपावली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है और इस दिन सभी नागरिकों को सरकारी सार्वजनिक अवकास भी प्रदान किया जाता है।

दिव्यता व भव्यता के प्रतीक कहे जाने वाले इस दीपावली के त्यौहार को साल 2003 में, विश्व की महाशक्ति कहे जाने वाले अमेरिका के व्हाइट हाउस में बड़े ही धूमधाम व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया गया था जिससे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सभ्यता व संस्कृति को मान्यता व स्वीकार्यता प्राप्त हुई थी।

हमारा पड़ोसी देश नेपाल भी दीपावली का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाता है और नेपाल में तो दीपावली के दिन ही नव-वर्ष भी मनाया जाता है जिससे दीपावली के त्यौहार का रोमांच दुगुना हो जाता है।

अगर बात करें सिंगापुर की तो हम, आपको बता दें कि, सिंगापुर में भी बड़े ही धूमधाम के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है और विशेष तौर पर सिंगापुर में, भारतीय तमिल समुदाय के लोगों द्धारा दीपावली का त्यौहार हर्षो-उल्लास व धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

44 प्रतिशत भारतीय मूल के नागरिक वाले देश अर्थात् मॉरिशस में भी दीपावली का त्यौहार बड़े ही हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है और आपसी संबंधो को मजबूत किया जाता है और श्री लंका में भी भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोगो द्धारा आधिकारीक तौर पर अलग – अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मदद से धूमधाम व हर्षो-उल्लास के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।

निष्कर्ष

भारतीय सभ्यता व संस्कृति को दर्शाने वाले दीपावली के त्यौहार पर आधारित अपने इस लेख में हमने आप सभी को विस्तार से दीपावली त्यौहार पर निबंध हिंदी मे । Deepawali Essay in Hindi के बारे में बताया ताकि आप सभी दीपावली के त्यौहार का पूरा रोमांचक आनन्द प्राप्त कर सकें और दीपावली से अपने घर को खुशियों से भर सकें।

हमें उम्मीद व आशा है कि आपको हमारा ये आर्टिकल Essay on Diwali in Hindi जरुर पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को शेयर करेंगे और साथ ही साथ कमेंट करके अपने विचार व सुझाव हमें, बतायेंगे ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए प्रस्तुत कर सकें।

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