ब्रह्माकुमारी शिवानी बायोग्राफी | Braham Kumari Biography in Hindi

Braham Kumari Biography In Hindi: आजकल की दैनिक जिन्दगी बेहद तनावपुर्ण, संघर्षपूर्ण, दुखमय और अस्त – व्यस्त हो चली है जिसमे जीवन रुपी आशा की किरण की एक झलक के लिए हम, तरसते है और हमारी इसी प्यार को, अहसास को और जरुरत को पूरा करती है ब्रह्रमा कुमारी जो कि, आस्था टी.वी चैनल पर Awakening With Braham Kumari नामक अपने टेलीविजन शो के माध्यम से सभी को अध्यात्म रुपी जीवन अमृत का रसपान करवाती है और उन्हीं के जीवन पर आधारित होगा हमारा ये आर्टिकल जिसमे हम, आपको विस्तार से Braham Kumari Biography In Hindi में प्रदान करेगे।

Braham Kumari Biography in Hindi

हम, आपको बता दें कि, ब्रह्मा कुमारी दीदी ना केवल हमें, अध्यात्म के करीब ले जाती है बल्कि हमें हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी को जीने का नया तरीका, नया उत्साह, नई उमंग और नई आशा सिखाती है ताकि हम, इस संघर्षपूर्ण जीवन को हर पल नये उत्साह के साथ जी सकें और अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकें।

अन्त, हम इस आर्टिकल में आप सभी पाठको व युवाओँ को विस्तार से Braham Kumari Biography In Hindi में प्रदान करेगे जिसके लिए आपको हमारे इस आर्टिकल को अन्त तक पढ़ना चाहिए।

कौन है Braham Kumari? | Braham Kumari Biography in Hindi

Woman of the Decade Achiever के अवार्ड से सम्मानित ब्रह्मा कुमारी, अध्यात्म का वो रुप है जो चारों तरफ नई आशा, अभिलाषा और उमंग का संचार करके जन – जन में नया जीवन व नई उत्साह का संचार करती है। ब्रह्मा कुमारी जी का असली नाम शिवानी वर्मा है जो कि, बहु- शिक्षित और अध्यात्म को समर्पित व्यक्तित्व है जिन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य ही जन – कल्याण और मानव – सेवा को बना रखा है।

अन्त, इस प्रकार हम, कह सकते है कि, ब्रह्मा कुमारी अध्यात्म की वो दूत है जो कि, नव जीवन रुपी नई उत्साह से भरपूर अमृत का रसपास कराती है और हमारे जीवन को सफल व ऊर्जामयी बनाती है।

ब्रह्मा कुमारी जी का शुरआती जीवन, पारीवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा कैसी रही?

ब्रह्मा कुमारी मूलतौर पर पुणे की रहने वाली है क्योंकि ब्रह्मा कुमारी का जन्म साल 1972 में पुणे एक आध्यात्मिक परिवार मे हुआ था और यही से उनका रुझान व खिचांव आध्यात्म की तरफ बढ़ता गया।

हम, आपको बता दें कि, ब्रह्मा कुमारी जी ने, साल 1994 में Electrical Engineering में Graduation की Degree को Pune University से प्राप्त किया है जिसके बाद ब्र्हमा कुमारी लगभग 2 सालों तक भारतीय विघापीठ इंजीनियरिंग कॉलेज में लेकच्चर के तौर पर कार्य किया है लेकिन अध्यात्म के प्रति इनके रुझान ने, इन्हें पूरी तरह से अध्यात्मक को ही समर्पित कर दिया है।

ब्रह्मा कुमारी का करियर कैसा रहा है?

आइए अब हम, आप सभी को कुछ बिंदुओं की मदद से विस्तार से ब्रह्मा कुमारी के करियर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगे जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. चूंकि ब्रह्मा कुमारी का जन्म अध्यात्म को समर्पित परिवार में हुआ था इसीलिए उनका अध्यात्म के प्रति रुझान होना स्वाभाविक ही था और साथ ही साथ जब ब्रह्मा कुमारी छोटी थी तब वे अपने परिवार के साथ ब्रह्मा कुमारी विश्वविघालय में प्रवचन सुनने जाया करती थी जिससे उन्हें आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती थी जिससे उनका रुझान और आकर्षण, अध्यात्म की और बढने लगा,
  2. ब्र्हमा कुमारी लगभग 2 सालों तक भारतीय विघापीठ इंजीनियरिंग कॉलेज में लेकच्चर के तौर पर कार्य किया है लेकिन अध्यात्म के प्रति इनके रुझान ने, इन्हें पूरी तरह से अध्यात्मक को ही समर्पित कर दिया है,
  3. जिसके फलस्वरुप साल 1995 में जाकर ब्रह्मा कुमारी ने, हिंदी व अंग्रेजी भाषा के कई प्रोग्राम्स किये जैसे कि – राजयोग मेडिटेशन, डिप्रैशन, विजडम ऑफ दादी जानकी, इनर ब्युटी, लाइफ स्किल्स आदि

अन्त, इस प्रकार हमने आपको कुछ बिंदुओँ की मदद से विस्तारपूर्वक आपको ब्रह्मा कुमारी के करियर के बारे मे बताया ताकि आप उनके प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें।

ब्रह्मा कुमारी संस्था – संक्षिप्त परिचय

आइए अब हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को विस्तार से ब्रह्मा कुमारी संस्था की संक्षिप्त परिचय से परिचित करवायेगे जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. हम, आपको बता दें कि, ब्रह्मा कुमारी नामक आध्यात्मिक संस्था को दादा लेखराज कृपलाणी द्धारा साल 1936 में स्थापित किया गया था ताकि इस संस्था के माध्यम से पूरे भारतवर्ष को आध्यात्मक की शिक्षा प्रदान की जा सकें,
  2. दादा लेखराज कृपलाणी के बारे में हम, आपको बता दें कि, वे एक बहुत बड़े बिजनैसमैन थे जिन्होंने अध्यात्मक के महत्व और जीवन में उसकी उपयोगिता को समझते हुए ब्रह्मा कुमारी संस्था का गठन किया था और हम, आपको बता दें कि, इन्हें प्रजापिता ब्रह्मा के नाम से भी जाना जाता है,
  3. दादा लेखराज कृपलाणी भी मूलतौर पर बचपन से ही धार्मिक क्रियाओं व अध्यात्मक को प्रति आकर्षण महसूस करते रहे थे और इसीलिए उन्होंने मानव कल्याण को समर्पित ब्रह्मा कुमारी नामक संस्था का गठन साल 1936 में किया था,
  4. अब हम, आपको बता दें कि, दादा लेखराज कृपलाणी जी के द्धारा ब्रह्मा कुमारी नामक संस्था का गठन, कोलकाता में किया था जिसका मुख्यालय – माउंट आबू ( राजस्थान ) में स्थित है,
  5. आपको जानकर हैरानी होगी कि, ब्रह्मा कुमारी नामक संस्था की कुल 8,500 शाखायें पूरे विश्व मे फैली हुई है,
  6. अब आप सोचेगे कि, इस संस्था का नाम ब्रह्मा कुमारी ही क्यूं रखा गया तो हम, आपको बता दें कि, जब इस संस्था का गठन किया गया था तब इसमे केवल महिलायें ही कार्यरत थी जिन्हें ब्रह्रमा कुमारी कहा गया लेकिन अब धीरे – धीरे इसमे पुरुषो को भी सामिल किया जा रहा है जिन्हें ब्रह्मा कुमार कहा जाता है आदि।

अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तारपूर्वक ब्रह्मा कुमारी संस्था के बारे में मौलिक जानकारीयां प्रदान की ताकि आप इस संस्था को करीब से देख सकें।

ब्रह्मा कुमारी- शारीरिक संरचना

लम्बाई5 फुट 5 इंच
वजन55 किलोग्राम
आंखों का रंगगहरा भूरा
बालों का रंगकाला

ब्रहमा कुमारी जी की कृतियां कौन – कौन सी है?

अब हम, आपको कुछ बिंदुओं की मदद से ब्रह्मा कुमारी द्धारा लिखी कृतियों के बारे में बताते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. मेरा सुख किसके हाथ
  2. असीम आनन्द की ओर और
  3. हैप्पीनेस अनलिमिटेड आदि।

इस प्रकार उपरोक्त सभी पुस्तको की रचना ब्रह्मा कुमारी द्धारा ही की गई है।

ब्रह्मा कुमारी के अनमोल वचन?

यहां पर हम, आपको ब्रह्मा कुमारी के कुछ अति प्रेरणादायी अनमोल वचनो की जानकारी प्रदान करेगे जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. दीदी कहती है कि, हर कोई कहता है कि, गलती करना सफलता की ओर पहला कदम है लेकिन सच्चाई यह है कि जब हम उस गलती को सुधार कर आगे बढ़ते है तब हम, सफलता प्राप्त करते है
  2. घरेलू रिश्तो पर दीदी ने कहा है कि, अच्छे रिश्ते वह होते है जहां पर कल के या बीते झगड़े आज की बात – चीत या मेल – मिलाप को नहीं रोकते,
  3. दीदी ने कहा है कि, हम हमेशा एक ऐसे इंसान की खोज में लगे रहते है या ऐसे इंसान के मिलने की चाहत करते है जो कि हमारी जिन्दगी को बदल देना तो इसके लिए आपको कुछ विशेष नहीं करना है बस आपको एक आइना / दर्पण लेकर खुद को देखना है और उस दर्पण मे आपकी जिन्दगी को बदलने वाला इंसान आपको मिल जायेगा,
  4. क्रोध पर दीदी ने कहा है कि, यदि कोई इंसान आपको गुस्सा या क्रोधित कर देता है तो समझ लीजिए कि, आप उस इंसान के हाथों की एक कठपुलती है,
  5. जीवन में तंदुरुस्ती का राज बताते हुए दीदी कहती है कि, जब मैं को हम के रुप में बदल दिया जाता है तब कमजोरी भी तंदुरुस्ती बन जाती है आदि।

अन्त, इस प्रकार हमने आपको दीदी के अनमोल प्रेरणादायी वचनो की जानकारी प्रदान की ताकि आप उनसे प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें।

निष्कर्ष

हमने अपने इस आर्टिकल मे, अपने सभी पाठको व युवाओ को विस्तारपूर्वक Braham Kumari Biography In Hindi में प्रदान की ताकि आप उनके जीवन से प्रेरणा व प्रोत्साहन प्राप्त कर सकें और अपने दैनिक जीवन की समस्याओँ स्वंय समाधान खोजते हुए हंसी – खुशी के साथ अपना जीवन जी सकें क्योंकि यही हमारे इस आर्टिकल का मौलिक लक्ष्य है।

अन्त हम, उम्मीद करते है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल बेहद पसदं आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेगे, शेयर करेगे और साथ ही साथ कमेंट करके अपने विचार व सुझाव भी हमारे साथ सांक्षा करेंगे।

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