HIV Full Form | एच.आई.वी का फुल फॉर्म क्या है?

प्यार का अहसास बेहद मीठा, नया जीवनदायी और रोमांचकारी होता है जिसकी वजह से हम, अक्सर ’’ जोश में होश खो बैठते है ’’ अर्थात् बिना सुरक्षा के अपने प्रेमी या प्रेमिका से संभोग कर बैठते है ’’ जिसका परिणाम HIV के रुप में, सामने आता है लेकिन हमारे युवाओं व आम लोगो में, HIV को लेकर बेहद कम जागरुकता है जिसे दूर करने के लिए हम इस आर्टिकल में आप सभी को विस्तार से HIV Full Form या HIV Full Form in Hindi की पूरी जानकरी प्रदान करेंगे।

आमतौर पर हमारी युवा पीढ़ी बिना किसी सुरक्षा के ही संभोग कर बैठती है और चूंकि HIV के लक्षणों का जल्द पता नहीं चलता है इसलिए वे गलतफहमी और अन्धविश्वास के कारण लापरवाही बरतते चले जाते है जिसका परिणाम आगे चलकर बेहद घातक सिद्ध होता है लेकिन हमारे किसी पाठक के साथ ऐसा ना हो इसके लिए हम, इस आर्टिकल में, आप सभी को हिंदी में एचआईवी पॉजिटिव लक्षण की पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।

HIV एक ऐसा रोग है जो कि, ना केवल पुरुषो को होता है बल्कि महिलाओं को भी होता है और इसी वजह से हमारी महिलाओं को महिलाओं में एचआईवी के लक्षण की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हम, अपने इस आर्टिकल में, आप सभी को विस्तार से एचआईवी/एड्स के उपचार अर्थात् एच.आई.वी का सफल इलाज की जानकारी प्रदान करेंगे।

हमारा ये आर्टिकल पूरी तरह से एच.आई.वी ।। HIV विशेषांक होने वाला है जो कि, ना केवल एक घातक बीमारी है बल्कि HIV को हमारे समाज में सामाजिक शर्मिंदगी, सामाजिक बहिष्कार, सामाजिक अपमान, सामाजिक तिरस्कार और साथ ही साथ सामाजिक अछूत होने का मूल कारण माना जाता है।

इसी वजह से HIV बेहद संवेदनशील विषय है जिस पर हम, आमतौर पर बात करने से भी कतराते है लेकिन हम, इस आर्टिकल में, खुलकर HIV Full Form in Hindi के साथ ही साथ इससे संबंधित पूरी जानकारी आपको प्रदान करेंगे जिसके लिए आपको तक इस आर्टिकल को पढ़ना होगा।

HIV Full Form

HIV Full Form

आइए सबसे पहले हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को कुछ बिंदुओं की मदद से HIV Full Form in Hindi की जानकारी प्रदान करें जो कि, इस प्रकार से हैं-

  1. HIV Full Form in Hindi में होता है – मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु कहा जाता है और
  2. अंग्रेजी में, HIV का Full Form होता है – Human Immunodeficiency Virus ( HIV ) कहा जाता है।

उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से HIV Full Form in Hindi व अंग्रेजी में, प्रदान की ताकि हमारे युवा व आम लोग इस रोग के बारे में, जागरुक होकर अपना व अपनो का बचाव कर सकें।

क्या है HIV?

आइए अब हम, आप सभी को विस्तार से कुछ बिंदुओं की मदद से बताते है कि, क्या है HIV?

  1. सबसे पहले हम, आपको बता दें कि, HIV की खोज साल 1981 में, हुई थी,
  2. आपको बता दें कि, HIV अर्थात् Human Immunodeficiency Virus होता है जो कि, मूलत रेट्रोवायरस परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता है और यही आगे चलकर AIDS – Acquired Immunodeficiency Syndrome का जनक माना जाता है,
  3. हम, आपको ये भी बता दें कि, AIDS – Acquired Immunodeficiency Syndrome जो कि, HIV के कारण होता है वास्तव में, एक ऐसी मानवीय अवस्था होती है जिसमें मानवीय प्रतिरक्षा तंत्र पूरी तरह से विफल / निष्क्रिय हो जाते है जो कि, आगे चलकर मृत्यु तक का कारण बन जाते है,
  4. सरल शब्दो में, कहें तो HIV मूलत एक विषाणु है जो कि, मानवीय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की कमर तोड़ देता है और संक्रमण के प्रति इसकी रोग – प्रतिरोधक क्षमता को धीरे – धीरे चिन्ताजनक या दयनीय स्थिति में, लाकर खड़ा कर देता है जो कि अन्त में एड्स ।। AIDS नामक लाईलाज बीमारी का कारण बन जाती है
  5. HIV एक ऐसा विषाणु है जो कि, सीधे शरीर की ’’ श्वेत रक्त कोशिकाओं ’’ पर हमला करता है जिसमें उच्च आनुवांशिक परिवर्तनशीलता के गुण पाये जाते है और यही HIV के इलाज व उपचार में, सबसे बड़ी बाधा / रुकावट उत्पन्न करते है
  6. HIV की पुष्टि करने के लिए विश्व भर में, सबसे अधिक ELISA – Enzyme Linked Immunosorbent Assay Test किया जाता है और
  7. विश्व स्वास्थ्य संगठन अर्थात् World Health Organization ( WHO) द्धारा इसे महामारी घोषित कर दिया गया है।

उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने अपने सभी पाठको व युवाओं को विस्तार से बताया कि, HIV क्या है? ताकि आप इसकी पूरी जानकारी प्राप्त करके खुद को व अपने परिवार को इससे सुरक्षित कर सकें।

किन कारणो से HIV होता है?

आइए अब हम, आपको विश्व स्वास्थ्य संगठन अर्थात् World Health Organization द्धारा बतायें गये उन 3 वर्गो के बारे में, बतायेंगे जिस कारण से HIV का संक्रमण होता है जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. HIV संक्रमण का पहला कारण

HIV के संक्रमण का पहला कारण मुख्य तौर पर असुरक्षित यौन संबंध / शारीरिक संबंधो को माना जाता है,

  1. HIV संक्रमण का दूसरा कारण

HIV संक्रमण का दूसरा कारण मुख्य तौर पर दूषित या पहले से ही HIV संक्रमित रक्त के प्रयोग से HIV का संक्रमण होता है और

  1. HIV संक्रमण का तीसरा कारण

HIV संक्रमण का तीसरा व अन्तिम कारण माता से शिशु में, गर्भावस्था के कारण या फिर स्तनपान के द्धारा ही HIV का संक्रमण होता है।

  1. विशेष – HIV संक्रमित व्यक्ति को हीन या तिरस्कारपूर्ण नजरो से ना देखें

जैसा कि, हमने आपको बताया कि, एक HIV संक्रमित व्यक्ति से उपरोक्त 3 माध्यमों द्धारा ही HIV का संक्रमण अन्य व्यक्तियों में होता है इसके अतिरिक्त नहीं इसलिए एक HIV संक्रमित व्यक्ति भी उसी सामान्य तरीके से अपना जीवन जी सकता है जिस प्रकार से हर सामान्य इंसान जीता है लेकिन इसके लिए जरुरी है कि, आप HIV संक्रमित व्यक्ति को हीन या तिरस्कारपूर्ण नजरो से ना देखें और यहां पर हम, आपको ही इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आपसे इस क्रान्तिकारी बदलाव की शुरुआत होगी।

उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आपको बताया कि, HIV का संक्रमण किन कारणो से होता है ताकि आप इन कारणों की पहचान करके अपना व अपनो की सुरक्षा तय कर सकें।

HIV के लक्षण क्या है?

आइए अब हम, आप सभी को कुछ बिंदुओँ की मदद से HIV के अलग – अलग लक्षणों की जानकारी प्रदान करें जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. HIV के शुरुआती लक्षण आमतौर पर फ्लू जैसे होते है जैसे कि – तेज़ बुखार, गले में खराश, रात में बहुत पसीना आना, अत्यधिक थकान महसूस करना, शरीर के वचन में कटौती,
  2. HIV के कारण मानव के शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता का लगातार कम होना अर्थात् मानवीय प्रतिक्षा प्रणाली का पतन होना,
  3. HIV संक्रमित रोगियों में, गुलाबी व बैंगनी रंग के धब्बे आमतौर पर चमड़ी के नीचे, बाहर, मुहं के भीतर, नाक के भीतर और पलको के नीचे दिखाई देने लगते है,
  4. साथ ही साथ HIV के लक्षणों हम लम्बे समय तक दस्त होना,
  5. जांघ, कंधो व गर्दन में, लम्बे समय तक सूजन रहना।

उपरोक्त सभी वे HIV के शुरुआती लक्षण माने जाते है।

HIV के अलग – अलग स्टेज कौन से है?

आइए अब हम, आप सभी को HIV के अलग – अलग स्टेज्स के बारे में, कुछ बिंदुओं की मदद से बतायें जो कि, इस प्रकार से हैं –

सबसे पहले हम, आपको बता दें कि, HIV के कुल 3 अलग – अलग स्टेज होते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. तीव्र HIV संक्रमण ( Acute HIV Infection )

हम, आपको बता दें कि, HIV के 3 अलग – अलग स्टेज्स में, यही सबसे पहला स्टेज होता है जिसका पता आमतौर पर बहुत देरी से चलता है क्योंकि HIV के लक्षण जल्दी नजर नहीं आते है और HIV के शुरुआती लक्षणों को सामने आने में, कम से कम 2 से 4 सप्ताह का समय लग ही जाता है।

  1. क्रोनिक HIV संक्रमण ( Chronic HIV Infection )

HIV संक्रमण का ये दूसरा चरण अर्थात् स्टेज माना जाता है जिसमें हमारे शरीर की रोग – प्रतिरोधक क्षमता अर्थात् प्रतिरक्षा प्रणाली अत्यधिक कमजोर होने लगती है लेकिन इस स्टेज की विशेषता ये होती है कि, इस स्टेज में, आप बिलकुल स्वस्थ नजर आते है और आप खुद भी स्वस्थ महसूस करते है और आमतौर पर इसी वजह से हम इसकी जांच नहीं करवाते है और इसका संक्रमण अन्य लोगो में, हो जाता है।

इसलिए हमें चाहिए कि, हम जल्द से जल्द HIV के इस स्टेज की तुरन्त से तुरन्त जांच करवायें।

  1. एड्स उन्नत संक्रमण ( Aids High Infection )

इस स्टेज को HIV का तीसरा व अन्तिम स्टेज कहा जाता है जिसका प्रमाण ये है कि, इस स्टेज में, HIV संक्रमित व्यक्ति कि, CD4 T-Cell की संख्या 200 से भी नीचे चली जाती है जिसका सीधा सा अर्थ होता है कि, रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बिलकुल खत्म हो चुकी है।

उपरोक्त बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से HIV के अलग – अलग 3 स्टेज्स की पूरी जानकारी प्रदान की ताकि आप सही समय पर अपना उपचार करवा सकें।

HIV संक्रमण से अपना बचाव कैसे करें?

आइए अब हम, आप सभी को कुछ बिंदुओं की मदद से बतायें कि, आप HIV संक्रमण से अपना बचाव कैसे कर सकते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. HIV संक्रमण से खुद को सुरक्षित रखने का सबसे बेहतर व सर्वोत्तम उपाय ये माना जाता कि, आप भूलकर भी HIV संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन या फिर शारीरिक संबंधो को स्थापित ना करें,
  2. इलाज के दौरान किसी भी प्रकार के रक्त का प्रयोग करने से पहले रक्त दूषित है या नहीं इसकी जांच जरुर करवायें,
  3. पहले से इस्तेमाल ब्लेड, इंजेक्शन्स और Hypodermic Needles का प्रयोग बिलकुल ना करें,
  4. यदि आपको HIV का थोड़ा का अहसास होता है या आप इसके लक्षणो को महसूस कर पाते है तो बिना समय गंवाय तुरन्त अपनी जांच करवाकर इलाज शुरु करें।

उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको बताया कि, आप कैसे HIV संक्रमण से अपना बचाव कर सकते है और एक सुरक्षित जीवन जी सकते है।

HIV से संबंधित ताज़ा आंकड़े क्या है?

आइए अब हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को विस्तार से HIV से संबंधित ताज़ा आंकड़ो के बारे में, बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं-

  1. साल 1981 में, HIV की खोज से लेकर साल 2006 तक HIV / एड्स कुल 25 मिलियन से अधिक लोनो की जान ले चुका है,
  2. ताज़ा आंकड़ो की माने तो विश्व की लगभग 0.6 प्रतिशत जनसंख्या HIV संक्रमण से पीड़ित है,
  3. वर्तमान में, जारी ताज़ा आंकड़ो के अनुसार HIV, अफ्रीका के 90 मिलियन लोगो को संक्रमित कर अपनी चपेट में, लेने के लिए बिलकुल तैयार हैं।

उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आप सभी को विस्तार से HIV संक्रमण को लेकर जारी ताज़ा आंकड़ो की जानकारी प्रदान की।

एचआईवी/एड्स के उपचार ।। एच.आई.वी का सफल इलाज

हमें, ये बताते हुए बेहद दुख और अफसोस हो रहा है कि, HIV की खोज से लेकर आज तक इसका कोई ठोक इलाज नहीं खोजा जा सका है और वहीं HIV के लाइलाज बीमारी है जिससे रोगी की मौत होना तय है लेकिन हम, रोगी के मृत्यु को रोक तो नहीं सकते है लेकिन कुछ दवाओं की मदद से इसे कुछ समय के लिए टाल जरुर सकते है।

HIV के रोगी की मृत्यु को कुछ समय तक टालने के लिए Health Line Website के अनुसार हम, HIV संक्रमित व्यक्ति को अबाकवीर, एमट्रिसिट्राबाइन, लामिवुडिन, टेनोफोविर, अल्फैनेमाइड आदि दवायें दे सकते है जिससे उनकी मृत्यु तो नहीं रुकेगी लेकिन कुछ समय के लिए टल जरुर जायेगी।

सांराश

HIV ना केवल एक जानलेवा बीमारी है बल्कि एक इंसान को सामाजिक तौर पर जीते जी मार देने वाला रोग है जिसकी वजह से HIV संक्रमित व्यक्ति अपनी वास्तविक मृत्यु से पहले हर पल, हर क्षण और दिन सामाजिक तौर पर मरता है जिसका दर्द केवल वहीं और उसका परिवार ही समझ सकता है।

लेकिन हमारे सभी पाठक HIV नामक इस जानलेवा रोग से सुरक्षित रह सकें और अपने परिवार को भी सुरक्षित कर सकें इसी उद्धेश्य से हमने अपने इस आर्टिकल में, आप सभी को विस्तार से HIV Full Form in Hindi के साथ ही साथ HIV से संबंधित अन्य सभी उपलब्ध जानकारीयां आपको प्रदान की ताकि आप भली – भांति HIV के रोग की जानकारी प्राप्त करके अपना व अपनो की इस बीमारी से सुरक्षा कर एक स्वस्थ व सुखी जीवन जी सकें और यही हमारे इस आर्टिकल का लक्ष्य है।

हमें उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा व आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए मददगार साबित हुई होगी जिसके लिए आप ना केवल हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करेंगे बल्कि अपने विचार व सुझाव हमारे साथ कमेंट करके साझा करेंगे ताकि हम इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।

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