मेहनत से कार्य करने वाले इसलिए नहीं होते असफल:-
जो लोग अपने काम को पूरे मेहनत और लगन से करते हैं वह कभी असफल नहीं होते कहने का अर्थ यह है कि जो लोग अपना काम अपने आप स्वयं करते हैं वह कभी असफल नहीं होते वहीं इसके विपरीत अगर जो लोग अपना काम दूसरों पर छोड़ देते हैं वह लोग निश्चित ही असफल होंगे।
जो लोग व्यापार करते हैं वह कभी निर्धन नहीं होते और जो लोग अपने कार्य को ठीक ढंग से नहीं करते वह लोग कभी धनी नहीं होते कहने का अर्थ यह है सभी को अपने काम के प्रति शत प्रतिशत योगदान देना चाहिए।
वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने कार्य को दूसरों के सहारे छोड़ देते हैं जिससे वह जीवन में कभी सफल नहीं होते इसीलिए आचार्य चाणक्य जी ने मेहनत से कार्य करने वालों को सफल होने का मंत्र दिया है।
दुष्ट लोगों से इसलिए हमेशा दूर रहें:-
दुष्ट लोगों से बहुत ज्यादा दूरी बनाकर ही रखे इसी में आपकी भलाई है यदि आप दुष्ट लोगों के भ्रम जाल में फंस जाते हैं तो आपको नुकसान के सिवा कुछ नहीं भुगतना पड़ता दुष्ट लोग केवल अपना ही भला चाहते हैं उन्हें दुनिया की कोई लाज लज्जा नहीं होती वह केवल अपने लिए ही जीते हैं और अपने लिए ही मरते हैं।
उन्हें आम लोगों से कोई मतलब नहीं होता ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार वन में रहने वाले शिकारी शेर को अन्य जानवरों से कोई लगाव या मतलब नहीं होता वह केवल अपने फायदे के लिए ही उनका इस्तेमाल करता है ठीक उसी प्रकार दुष्ट मनुष्य भी केवल अपने फायदे के लिए आप का उपयोग करेगा इसीलिए आचार्य चाणक्य जी बताते हैं कि दुष्ट लोगों से सदैव दूरी बनाकर रखें।
विद्या ग्रहण करना इसलिए होता है जरूरी:-
रूप की सुंदरता के बारे में कहा गया है कि मन की सुंदरता ही केवल सुंदरता होती है जो लोग मन के सुंदर होते हैं वही लोग उन्नति करते हैं मन से गंदे और कर्मों से नीच व्यक्ति का कभी विश्वास ना करें क्योंकि यही वह लोग हैं जो आपको सबसे ज्यादा दुख देंगे।
शिक्षा ग्रहण करने के बारे में बताया है कि मनुष्य को शिक्षा जरूर ग्रहण करना चाहिए यदि आपका जन्म किसी ऐसे परिवार में होता है जिसकी स्थिति बहुत अच्छी है लेकिन अगर आप शिक्षा ग्रहण नहीं करते हैं तो निश्चित ही आप उस परिवार का नाश हो जाएगा।
इसीलिए हर मनुष्य को शिक्षा जरूर ग्रहण करनी चाहिए अभी बिना शिक्षा के मनुष्य किसी का आदर सत्कार करना नहीं जानता शिक्षा ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जो आपको मनुष्यता सिखाती है बिना शिक्षा के मनुष्य मनुष्य नहीं जानवर है इसीलिए मनुष्य को शिक्षित होने के लिए कहा है।
मीठी वाणी बोलिए:-
जब आप किसी मनुष्य से मिले तो आपको उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए आपके व्यवहार के कारण ही आप जाने जाते हैं यदि आप सामने वाले मनुष्य के साथ दुर्व्यवहार करेंगे तो आप उससे भी ज्यादा जाने जाएंगे लेकिन दुर्व्यवहार व्यवहार के लिए जाने ना कि अपनी अच्छाई के लिए।
जिस प्रकार कोयला अपनी मीठी वाणी के लिए जानी जाती है ठीक उसी प्रकार मनुष्य भी अपने व्यवहार और अपनी वाणी से जाना जाता है।
यदि मनुष्य विद्वान है तो वह निश्चित ही आप से अच्छा व्यवहार करेगा और आप भी उसके साथ ठीक वैसा ही व्यवहार करेंगे इसीलिए आचार्य चाणक्य जी ने मनुष्य को मीठी वाणी बोलने के लिए कहा है।
पृथ्वी को भी छोड़ना पड़े तो आप पीछे ना हटें:-
अगर आपको किसी एक व्यक्ति को छोड़ने से आपके परिवार की रक्षा होती है तो आपको निश्चित ही उस व्यक्ति को छोड़ देना चाहिए ठीक है इसी के विपरीत अगर आपको किसी व्यक्ति से सराहना मिलती है तो आपको उस व्यक्ति पर पूरा विश्वास करना चाहिए तथा उसके लिए आपको सदैव तत्पर रहना चाहिए।
कोई भी विपत्ति आने पर आपको उसका साथ देना चाहिए तो निश्चित ही बाहर भी आपका साथ देगा यदि आपके मित्र पर कोई आपदा आती है तो आपको उसके लिए धरती त्याग देना चाहिए मनुष्य को चाहिए उसके मित्र पर आई आपदा का डटकर सामना करें और अपने मित्र को सुरक्षित बचा ले।
इसिलिए आपको समय आने पर धरती भी त्याग देना चाहिए।