कैसे पहचाने कौन मित्र कौन शत्रु | How to identify who enemy who friend

कैसे पहचाने कौन मित्र कौन शत्रु:

दोस्तों मैं सबसे पहले बात करना चाहूंगा धर्म पत्नी के बारे में क्योंकि यह धार्मिक पत्नी होती है अब इस शब्द का मतलब तो यही होता है धार्मिक पत्नी अर्थात धर्म के साथ पत्नी यदि पत्नी धार्मिक होगी तो सच्ची भी होगी यदि पत्नी अधार्मिक होगी तो सच्ची नहीं होगी अब इस शब्द का यही अर्थ मेरे समझ में आता है।

 

How to identify which friend, who is the enemy
Identify which friend, who is the enemy

 

लेकिन पत्नी की पहचान तो समय आने पर ही की जा सकती है सच्ची पत्नी वह है जो आपसे कोई भी राज नहीं छुपाएगी अर्थात कोई भी ऐसी बात जो यदि आप बाद में जानें तो आपको कष्ट पहुंचे ऐसा यदि आपकी पत्नी नहीं करती है तो आप समझ लीजिए आपकी पत्नी सच्ची है।

दोस्तों इस कलयुग में सच्ची पत्नी भी मिलना मानो एक महान उपलब्धि हासिल करना हो आज के इस दौर में लोग सच्चा प्यार ना करके दिखावा ज्यादा कर रहे हैं यह तो आप भी देखते होंगे कि इस संसार में ज्यादातर लोग झूठे और फरेबी हो रहे हैं लेकिन उनका फरेब जब सामने वाले व्यक्ति को पता चल जाता है।

तो फिर क्या होता है इसका भी अनुमान आप लगा सकते हैं इसीलिए दोस्तों मैं हमेशा आपको यही कहना चाहूंगा कि कुछ भी हो जाए लेकिन अपने जीवनसाथी के साथ कभी भी झूठ ना बोले और ना ही कोई बात उससे छिपाने की कोशिश करें यदि उसे सच्चाई का पता चलता है तो निश्चित ही आप उसे खो देंगे।

हमें इसलिए लालच नहीं करना चाहिए:

दोस्तों यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी-

“लालच बुरी बला है”

मनुष्य लालच में आकर ही गलत कार्य करता है और उसी के परिणाम स्वरूप उसे उसका फल भी मिलता है यदि मनुष्य लालच ना करें तो वहां कभी भी दुखी नहीं रहेगा।

लेकिन मनुष्य का स्वार्थ और लालच ही उसका शत्रु है क्योंकि स्वार्थी मनुष्य ना किसी से लगाओ रखता है और ना ही किसी के हित की बात करता है उसे तो बस अपने स्वार्थ से ही मतलब होता है इसीलिए हम सब लोगों को स्वार्थी मनुष्य से हमेशा बच कर रहना चाहिए।

क्योंकि स्वार्थी मनुष्य तो अपने परिवार का भी नहीं होता तो वह गैर का कैसे हो सकता है संसार में स्वार्थ ही मनुष्यता की सबसे बड़ी कमी है इस संसार में यदि मनुष्य स्वार्थी ना होता तो वह सदैव संपन्न और सुखी जीवन जी पाता लेकिन मनुष्य के स्वार्थ ने मनुष्यता का सर्वनाश कर दिया है।

आज के इस कलयुग में स्वार्थी होना कोई गलत नहीं है लेकिन कुछ लोग इतने ज्यादा स्वार्थी होते हैं कि उन्हें आपने स्वार्थ के सिवा और कुछ दिखाई ही नहीं देता वही लोग मनुष्यता का सर्वनाश कर रहे हैं जैसे कि हमारे देश के नेता मनुष्यता का स्वार्थ कर रहे हैं उसी तरह से कुछ छोटे व्यक्ति भी मनुष्यता के दुश्मन बने हुए हैं।

 


मरने के बाद साथ में कौन जाएगा:

दोस्तों यह तो सभी जानते हैं इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है उसे मरना भी होगा लेकिन इस संसार में बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इस तरह से जीते हैं जैसे उन्हें कभी मरना ही नहीं है मेरे कहने का अर्थ यह है कि ऐसे लोग जो धर्म और दुनिया को छोड़ कर केवल अपनी मोह माया में लगे हुए हैं ऐसे ही लोग सोचते हैं कि हमें तो बस यही धरती पर ही रहना है लेकिन वह यह नहीं जानते कि मौत का कोई भी समय नहीं होता।

यदि मनुष्य के अंदर थोड़ी सी भी मानवता होगी तो वह कभी किसी को कष्ट पहुंचाने का प्रयत्न नहीं करेगा अर्थात मनुष्य की मानवता तो इन्हीं कारणों से पता चलती है कि वह अन्य लोगों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है या अन्य लोगों के साथ क्या सहायता कर रहा है।

इस संसार में मनुष्य अकेला ही जन्म लेता है और उसे अकेला ही मरना होगा ना जन्म के समय उसका कोई साथ ही होता है और ना ही मृत्यु के समय उसके साथ कोई भी जाता है तो फिर हम इतनी मोह माया में क्यों पड़ जाते हैं कि हम इंसानियत को भी भूल जाते हैं।

संसार में सबसे बड़ा धर्म मानवता का है उसके बाद सभी धर्म आते हैं इसलिए हमेशा दूसरों से अच्छा बर्ताव करना चाहिए क्योंकि इस संसार में अकेले ही आए हैं और अकेले ही जाना होगा।

 

संसार को देखने सबका नजरिया:

संसार में जन्मे सभी व्यक्ति अपने जीवन में कुछ ना कुछ करने का प्रयत्न करते हैं और अपने सपनों को साकार करने का सोचते हैं लेकिन इस संसार में जितने भी मनुष्य जन्में है उन सभी का नजरिया इस संसार के प्रति भिन्न है अर्थात मेरे कहने का मतलब यह है कि इन सभी व्यक्तियों का इस संसार को देखने का अपना-अपना नजरिया है।

कुछ लोगों का यह मानना है कि सरकारी नौकरी बेहतर है लेकिन ठीक उसी के विपरीत कुछ लोग यह भी कहते हैं की प्राइवेट नौकरी बेहतर है लेकिन इन दोनों के विपरीत कुछ लोग यह भी कहते हैं कि किसी की भी नौकरी बेहतर नहीं है बल्कि अपना स्वयं का व्यापार सबसे बेहतर है और मेरे हिसाब से यह बात बिल्कुल सही है क्योंकि बड़े-बड़े विद्वानों ने यह बात कही है कि किसी की बड़ी नौकरी करने से बेहतर है अपने आप में छोटा मालिक बन जाना।

देखिए सबसे पहली बात तो यह है यदि आप किसी दूसरी कंपनी में नौकरी करते हैं तो आपकी आय सीमित रहेगी या हो सकता है जिस आय पर आप ने प्रारंभ में नौकरी शुरू की हो उससे दोगुनी हो जाए लेकिन यह बिल्कुल नहीं हो सकता कि आपकी आय सौ गुनी या दो सौ गुनी हो जाये ऐसा तो बिल्कुल ही असंभव है लेकिन यदि आप अपना व्यापार करते हैं तो उसमें कोई भी सीमा बंधन नहीं होता।

तो दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि इस संसार को देखने का नजरिया हर व्यक्ति का अलग है।

 

किसे दान देना चाहिए:

दोस्तों इस संसार में जितने भी व्यक्ति हैं चाहे वह गरीब हो या अमीर हैं लेकिन यदि आप कुछ भी दान करने योग्य हैं तो निश्चित ही आपको दान करना चाहिए लेकिन दान करने से पहले यह भी पता होना चाहिए कि हम जो भी दान करने जा रहे हैं वह किसे मिलने वाला है या उससे क्या फायदा होगा।

सबसे पहले मैं आपको बताना चाहूंगा कि यदि आप सड़क पर मांगने वाले बच्चों को दान देते हैं तो आपको जरूर सतर्क हो जाना चाहिए।

सबसे पहले तो आपको उन बच्चों से पता करना चाहिए कि वह क्यों भीख मांग रहे हैं उसके बाद यदि वह कहते हैं कि अपनी इच्छा अनुसार मांग रहे हैं तो उन्हें आपको समझाना चाहिए कि मैं आपको इस चीज से छुटकारा दिलवा सकता हूं।

यदि आप सच बताएं जिससे उन बच्चों के मन में डर नहीं रहेगा और वह आपको सच बताने के लिए तैयार हो जाएंगे क्योंकि दोस्तों हमारे देश में ज्यादातर बच्चे ऐसे हैं जो अपहरण करके दूर-दराज के इलाकों में भेजे जाते हैं और उनसे भीख मंगवाने का काम करवाया जाता है लेकिन यदि आप उनकी सहायता करेंगे तो शायद आपकी वजह से कोई मासूम बच्चा अपने घर पहुंच जाए।

मित्रों हमें चाहिए है ना ही भ्रष्टाचार करें और ना ही होने दें तभी हमारे देश का भला हो पाएगा।

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