पुत्र को किस प्रकार शिक्षा देनी चाहिए | chanakya niti

पुत्र को किस प्रकार शिक्षा देनी चाहिए:

दोस्तों यह दुनिया बहुत विचित्र है जहां हम लोग अच्छे मकानों में रहकर अच्छे कपड़े पहनते हैं और अच्छा खानपान करते हैं वहीं कुछ लोग इस दुनिया में ऐसे भी हैं जो इस दुनिया से कोई संपर्क ही नहीं रखते हैं यह बात सुनने में बिल्कुल आपको बहुत अजीब लग रही होगी लेकिन यही सच्चाई है जो आपको मानना पड़ेगी।
पुत्र को किस प्रकार शिक्षा देनी चाहिए
पुत्र को किस प्रकार शिक्षा देनी चाहिए
दोस्तों आपने अमेजन जंगलों का नाम तो सुना ही होगा अमेजन के जंगलों में ना जाने कितने आदिवासी लोग रहते हैं जिन्होंने दुनिया से अब तक कोई संपर्क ही नहीं किया है जी हां दोस्तों और एक हम लोग हैं जो अच्छे वातावरण में रहकर भी दुखी रहते हैं।
अब बात आती है कि हमें अपने बच्चों को किस प्रकार से शिक्षा देनी चाहिए दोस्तों इससे पहले मैं आपसे एक बात अवश्य कहना चाहूंगा आप अपने बच्चों को उत्तम शिक्षा तो दिलाएं ही लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है आपका उन पर नियंत्रण दोस्तों अक्सर आपने देखा होगा जो माता-पिता अपने बच्चों को बेहद प्रेम करते हैं और कभी भी डांट फटकार नहीं लगाते हैं अक्सर वही बच्चे बिगड़ जाते हैं।
 इसलिए मैं तो आपसे यही कहना चाहूंगा कि आप अपने बच्चों को घर पर ही शिष्टाचार सिखाएं ताकि उनको बात करने की समझ आ सके और किसी के सामने बात करने में ना हिचकिचाये।
 आप अपने बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही दें जैसे कि किससे कैसे बातचीत करना है और जो भी विद्यालय में पढ़ाया जाए उसको आप अवश्य जांच करें।
आपको चाहिए कि अपने बच्चों को घर पर पढ़ने के लिए प्रेरित करें यदि वह पढ़ने के लिए मना करें तो आपको उन्हें डांट भी लगाना चाहिए।
 

इन तीन चीजों से मनुष्य को संसार में सुख शांति मिल सकती है:

दोस्तों सबसे पहले इस श्रेणी में हम बात करना चाहेंगे एक सच्चे सुपुत्र के बारे में जहां पुत्र अपने माता-पिता को सारे दुखों से दूर रख सकता है वहां कुछ पुत्र ऐसे भी होते हैं जिन्हें कुपुत्र कहते हैं ऐसे पुत्र होने या ना होने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
दोस्तों आज के युग में बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते हैं और वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने माता-पिता का बहुत आदर सम्मान करते हैं।
दोस्तों मेरे कहने का अर्थ यह है कि पुत्र अपने माता-पिता को सुख शांति अवश्य दे सकता है।
दोस्तों इसके बाद हम बात करना चाहेंगे पवित्र स्त्री के बारे में जी हां दोस्तों अगर आपको इस जीवन में पवित्र स्त्री का साथ मिल जाता है तो आप सदैव सुखी ही रहेंगे चाहे आप कितने भी संकटों में क्यों ना घिरे हुए हों।
दोस्तों इसके बाद हम आपको एक सच्चे मित्र के बारे में बताना चाहेंगे यदि आपको इस जीवन में सद्संगति मिल जाती है तो भी आप अपने संकट के दिनों में प्रसन्नता से जीवन व्यतीत करेंगे और वही अगर आपके पास कोई सच्चा मित्र नहीं है तो आप अपनी निराशा के दिनों में बहुत खाली महसूस करेंगे क्योंकि दोस्तों सच्चा मित्र ही ऐसा होता है जिससे हम अपने दिल की हर बात कह सकते हैं और वह भी हमारी सहायता अवश्य करता है।
तो दोस्तों यही वह तीन बातें हैं जो आपको दुखों के समय में भी सुख शांति प्रदान करेंगी।

या तो विद्वान बने या सन्यासी बन जाए:

दोस्तों हम यहां बात कर रहे हैं बुद्धि परीक्षण की जहां कुछ लोगों की बुद्धि ऐसी होती है कि वह किसी बात को एक बार सुन या देख लेते हैं उन्हें हमेशा के लिए याद रहती।
तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बार-बार किसी बात को याद करने का प्रयास करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें याद नहीं होती।
दोस्तों बुद्धि परीक्षण का सही अर्थ यही है कि कौन किस बात को ज्यादा दिनों तक याद रख सकता है।
हमारे देश का गौरव सुंदर पिचाई जोकि गूगल जैसी कंपनी के मुख्य अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं उनकी एक विशेषता हमें बहुत ही प्रेरित करती है उन्होंने अपने बचपन से लेकर अब तक जितने भी मोबाइल नंबर डायल किए हैं वह सभी उन्हें आज भी वैसे ही याद है और वर्तमान में जो भी मोबाइल नंबर डायल करते हैं वह भी उन्हें याद हो जाता है अब उनकी बुद्धि का अनुमान आप लगा सकते हैं इसीलिए वह गूगल के मुख्य अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं।
दोस्तों मैं तो आपसे यही कहना चाहूंगा कि या तो विद्वान बनिए या फिर सन्यासी बन जाइए।

रहने के लिए इसलिए सदैव उत्तम स्थान का ही चयन करना चाहिए:

दोस्तों वैसे तो हम लोग कहीं भी निवास कर सकते हैं लेकिन रहने के लिए उत्तम स्थान आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
दोस्तों रहने के लिए सबसे उत्तम स्थान घनी आबादी से कुछ दूर माना गया है यदि आप शहर में रहते हैं तो आपको चाहिए कि आप इतनी दूर रहें ताकि आपको सुविधाएं भी मिल सके और घनी आबादी के संपर्क में भी ना आए जिससे आपको शुद्ध वातावरण भी मिलेगा और रहने के लिए सभी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
दोस्तों मान लीजिए आप घनी आबादी में रहते हैं जिससे आए दिन आप के झगड़े होते रहेंगे यह बात तो स्पष्ट है कि यदि आप ज्यादा लोगों के बीच में रहेंगे तो निश्चित ही ज्यादा बातचीत भी करेंगे और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सामान्य बात करना ही नहीं जानते मान लीजिए आप किसी से सामान्य तौर पर भी बात करते हैं तो भी आप का झगड़ा होने की संभावना रहती है तो क्यों ना दोस्तों हम ऐसी जगह पर रहे ही ना जिससे कि झगड़ा हो सके।
दोस्तों अगर बात करें हम गांव में रहने की तो हमें चाहिए कि गांव से थोड़ी दूर अपना घर बनाए क्योंकि गांव का वातावरण तो शुद्ध होता है लेकिन फिर भी गांव से बाहर का वातावरण ज्यादा ही शुद्ध होता है जिससे आपको कोई समस्या नहीं होगी यदि आप गांव से बाहर भी रहते हैं तब भी आपको किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
तो दोस्तों अब तो आप मेरे कहने का अर्थ समझ ही गए होंगे कि रहने के लिए निवास स्थान घनी आबादी से दूर ही होना चाहिए जिससे कि हमें शुद्ध वातावरण का आनंद भी मिल सके और सभी सुविधाओं का लाभ भी मिल सके।

किसी भी व्यक्ति से अपने कार्य को प्रेम पूर्वक करवाएं:

दोस्तों आज के कलयुग में सभी एडवांस हो रहे हैं चाहे वह बच्चे हों या बूढ़े हो।
आजकल बच्चे बड़ों की बात नहीं मानते हैं क्योंकि बड़े भी बच्चों को डांट नहीं लगाते दोस्तों मैं तो आपसे सदैव यही कहता हूं कि बच्चों को उतना ही प्रेम करें जितना कि उनके लिए उचित हो अनुचित प्रेम बच्चों को बिगाड़ देता है।
दोस्तों अब बात आती है किसी से अपना कार्य किस प्रकार करवाएं इसके लिए तो सबसे पहले मैं आपसे यही कहना चाहूंगा कि अपने बच्चों पर आपको पूरा नियंत्रण रखना चाहिए ताकि वह आपके कार्य को बिल्कुल भी अस्वीकार ना कर सके जिस प्रकार आपके बच्चे दूसरों के कार्य को अस्वीकार नहीं करेंगे ठीक उसी प्रकार दूसरों के बच्चे भी आपके कार्य को आसानी से कर देंगे क्योंकि दोस्तों पहले खुद को सुधरना होगा तब ही दूसरों को सुधरने के लिए कह सकते हैं।
चाहें बच्चे हों या बड़े या कोई अधिकारी ही क्यों ना हो अपने कार्य को करवाने के लिए आपको प्रेमभाषा का उपयोग करना चाहिए क्योंकि प्रेमवाणी ऐसी है जो किसी को भी प्रेरित करने के लिए काफी होती है।
तो दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किसी से भी कार्य करवाने के लिए हमें सदैव मीठी वाणी का उपयोग करना चाहिए।

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