परिचय
क्या आप जानते है कि, RSS Full Form या फिर RSS क्या है? यदि नहीं जानते है तो हम, अपने सभी पाठको व युवाओँ को इस आर्टिकल में, RSS Ka Full Form Kya Hai? की जानकारी देने के साथ ही साथ आप सभई को विस्तार से बतायेंगे कि, RSS Kya Hai?
हम, आपको बता दें कि, RSS एक ऐसा संगठन है जो कि, भारतीय राष्ट्र की एकता व अखंडता वर्तमान स्थिति को सुधारने के साथ ही साथ आगामी भविष्य की रुपरेखा को भी उजागर करती है ताकि भारत में, सांस्कृतिक विरासत के साथ – साथ संगठन की एकता का संचार हो सकें जिससे ना केवल RSS को बल्कि सम्पूर्ण भारत को लाभ प्राप्त होगा और इसीलिए हम, अपने इस आर्टिकल में, आपको benefits of joining rss in hindi में प्रदान करेंगे।
अन्त में, हम, आपको ये भी बताते चलें कि, RSS के साथ अन्य कई संगठन है जो कि, आपस में मिलकर सांक्षा उद्धेश्यों का निर्धारण करते है और उनकी प्राप्ति का अथक व सतत प्रयास करते है और इसीलिए हम, इस आर्टिकल में, आपको list of rss affiliated organizations की जानकारी भी प्रदान करेंगे जिसे आमतौर पर ’’ संघ परिवार ’’ कहा जाता है।
पृष्ठभूमि
जहां तक बात है RSS की पृष्ठभूमि की तो हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को बता दें कि, RSS एक प्रमुख व प्रभावी भारतीय हिंदू राष्ट्रवादी, अर्धसैनिक स्वयंसेवक संगठन के तौर पर जाना जाता है जिसे आमतौर पर भारत की एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दल व वर्तमान समय में, सत्तारुढ़ राजनीतिक दल अर्थात् ’’ भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) ’’ के पैतृक संगठन होने का गौरव व सम्मान प्राप्त है।
RSS Full Form । आर.एस.एस का फुल फॉर्म क्या है?
हमारे अनेको युवाओं व पाठको को इसकी जानकारी होगी लेकिन हमारे कुछ पाठक व युवा ऐसे है जिन्हें RSS Ka Full Form Kya Hai? ।। आर.एस.एस का फुल फॉर्म क्या है? के बारे में, जानकारी नहीं हैं और इसीलिए हम, अपने इस आर्टिकल में, आपको बतायेंगे कि, RSS Ka Full Form Kya Hai?
हम, आपको बता दे कि, RSS Ka Full Form ।। आर.एस.एस का फुल फॉर्म – ’’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ।। Rashtriya Swayamsevak Sangh ’’ होता है जो कि, राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत व अटूट भारत के निर्माण व निर्धारित लक्ष्यो की प्राप्ति के लिए राष्ट्रीय स्तर पर स्वंयसेवकों की भर्ती करती है।
यहां पर हम, अपने सभी पाठको व युवाओँ को बताना चाहते है कि, RSS ना केवल एक मजबूत भारत का निर्माण करना चाहती है बल्कि साथ ही साथ भारत को उसके सनातनी व सांस्कृतिक मूल्यों से ओत – प्रोत करके एक समृद्ध व क्षमतावान भारत का निर्माण करना चाहती है।
RSS Ka Full Form को दर्शाते कुछ मौलिक बिंदु इस प्रकार से हैं-
- RSS एक गैर राष्ट्रीय संगठन है,
- RSS को प्रमुख तौर पर एक हिंदूवादी संगठन माना जाता है जिसका मूल आधार हिंदू धर्म है,
- RSS का प्रमुख लक्ष्य हिंदूत्व के हितों की प्राप्ति करना है व
- RSS, एक अर्धसैनिक संगठन है।
उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आपको RSS के पूर्ण रुप से परिचित करवाने का प्रयास किया है।
वहीं दूसरी तरफ भारत में, आई किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगो की मदद करने व मानव सेवा के लिए भी RSS प्रमुख तौर पर जानी जाती है और इसीलिए हम, अपने इस आर्टिकल को प्रमुख तौर पर RSS Ka Full Form Kya Hai? ।। आर.एस.एस का फुल फॉर्म क्या है? व इससे संबंधित अन्य जानकारीयों पर केंद्रीत कर रहे हैं जिनकी जानकारी आपको विस्तार से इस आर्टिकल में, प्रदान की जायेगी।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) का मौलिक लक्ष्य क्या है?
अब हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को कुछ अलग – अलग बिंदुओं की मदद से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के मौलिक लक्ष्यो के बारे में, जानकारी प्रदान करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –
- मातृभूमि के लिए नि-स्वार्थ सेवा करना,
- भारत के सभी नागरिको का हिंदू अनुशासन के तहत चरित्र निर्माण करना,
- एक मजबूत व अटूट हिंदू राष्ट्र के निर्माण के लिए हिंदू समुदाय का निर्माण करना,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के माध्यम से भारतीय संस्कृति व नागरिक समाज के मूल्यों की स्थापना करना,
- भारतीय समाज में, फैले वर्ग – भेद को समाप्त करना,
- किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान मानव सेवा के सिद्धान्त को चरितार्थ करना,
- देश मे सामाजिक, आर्थिक, नागरिक, पर्यावरणीय व अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए उनका समाधान करना,
- देश के बच्चो के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यावसायिक प्रशिक्षण, नागरिक मुद्दो, पर्यावरणीय मुद्दो, गौ रक्षा, ग्रामीण विकास, सांस्कृतिक व साहित्यिक विकास के लक्ष्यो की प्राप्ति करना,
- हिंदूत्व की विचारधारा का व्यापक स्तर पर प्रचार – प्रसार करना और
- एक आत्मनिर्भर हिंदू राष्ट्र का निर्माण करना।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने अपने सभी पाठको, नागरिको व युवाओं को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के मौलिक लक्ष्यों की जानकारी प्रदान की ताकि वे भी राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) में, शामिल होकर उनके कल्याणकारी लक्ष्यो की प्राप्ति में, अपना योगदान दे सकें।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) – सम्पूर्ण परिचय
अब हम, अपने सभी पाठको व युवाओ को कुछ अलग – अलग बिंदुओँ की मदद से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के सम्पूर्ण परिचय से परिचित करवायेंगे जिसके लिए हम, कुछ बिंदुओं की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं-
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की स्थापना कब व किसने की?
हम, आपको बता दे कि, साल 1925 में, विजयादशमी के पावन अवसर पर अर्थात् आज से ठीक 95 साल पहले 27 सितम्बर, 1925 को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ( संस्थापक ) द्धारा की गई थी। अब हम, आप सभी को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की स्थापना से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान करने के लिए कुछ बिंदुओं की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं-
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की स्थापना विजयादशमी के पवित्र अवसर पर की गई थी,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) का मुख्यालय भारत के नागपुर ( महाराष्ट्र ) में, स्थित है,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की स्थापना के समय इसमें कुल 17 सदस्य शामिल थे,
- इस संगठन को 17 अप्रैल, 1926 को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) से नामित किया गया,
- इस संगठन अर्थात् राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) में, नि-शुल्क प्रवेश प्रदान किया जाता हैं,
- संगठन में, बच्चो को देश – प्रेम व देश भक्ति से ओत – प्रोत करने के लिए उन्हें 18 साल से पहले ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) में, प्रवेश प्रदान किया जाता है,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) द्धारा बाल भारती व बाल – गोकुल का संचालन किया जाता है।
उपरोक्त बिंदुओँ की मदद से हमने आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की स्थापना व इससे संबंधित अन्य जानकारीयों के बारे में, बताया।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की प्रार्थना कैसी होती है?
कुछ मौलिक बिंदुओं की मदद से हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की प्रार्थना के बारे में, बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं-
- हम, आपको बता दे कि, ’’ नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे ( सदा वत्सल मातृभूमि, आपके सामने शीश झुकाता हूँ। ) को संघ की प्रार्थना के तौर पर स्वीकार किया गया है,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की प्रार्थना संस्कृत में है लेकिन इसकी अन्तिम पंक्ति हिंदी भाषा में है,
- संघ की प्रार्थना का गायन राष्ट्रीय ध्वज के सम्मुख नमन होकर गाया जाता है,
- राष्ट्रीय सेविका समिति ( लड़कियो व स्त्रियों की शाखा ) व विदेशो में, आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की शाखा अलग होती है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की प्रार्थना के बारे में, जानकारी प्रदान की।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की संरचना कैसे होती है?
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की संरचना कैसे होती है कि, पूरी जानकारी प्रदान करने के लिए हम, कुछ बिंदुओँ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं-
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) में, संगठनात्मक व संरचनात्मक रुप से सबसे सर्वोच्च स्थान सर – संघ संचालक का होता है जिनकी नियुक्ति मनोनयन द्धारा होती है और इन्हीं के द्धारा पूरे संघ का संचालन व निर्देशन किया जाता है और हम, आपको बता दे कि, वर्तमान में, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के सर – संघ संचालक ’’ मोहन भागवत ’’ है,
- सर – संघ संचालक द्धारा ही अपने उत्तराधिकारी की घोषणा की जाती है,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के अधिकतर कार्यों का सम्पादन विभिन्न शाखाओं द्धारा किया जाता है जिसके अन्तर्गत सुबह या शाम को किसी सार्वजनिक स्थान पर सभी स्वयंसेवको की बैठक होती है और
- अन्त में, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की संरचनात्मक स्तर इस प्रकार से हैं – केंद्र, क्षेत्र, प्रान्त, विभाग, जिला, तालुका, नगर, खंड, मंडल, ग्राम और शाखा।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के संरचनात्मक पहलू की जानकारी प्रदान की।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) – शाखा क्या है व क्या कार्य करती है?
अब हम, आपको सबसे पहले बता दें कि, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के तहत सभी कार्यो का सम्पादन संघ के अलग – अलग शाखाओं द्धारा किया जाता है जिसके तहत वे सुबह या शाम को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अपनी बैठक करके योजना बनाते है और लक्ष्य की प्राप्ति करते है और इन शाखाओं की विशेषतायें इस प्रकार से हैं-
- आज के समय में, अर्थात् वर्तमान भारत में, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के लगभग 50,000 से अधिक शाखायें सक्रिय है,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की शाखाओं में, आमतौर पर इन क्रियाओं को सम्पन्न किया जाता है जैसे कि – सूर्य नमस्कार, व्यायाम, खेल, परेड, गीत व प्रार्थना,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की अलग – अलग शाखाओं के प्रकार इस प्रकार से हैं-
- प्रभात शाखा – सुबह के समय आयोजित होने वाली शाखा को ’’ प्रभात शाखा ’’ कहा जाता है,
- सांय / सांध्य शाखा – सांय या फिर सांध्य के समय आयोजित होने वाली शाखा को ’’ सांय / सांध्य शाखा ’’ कहा जाता है,
- रात्रि शाखा – जिस शाखा का आयोजन रात में अर्थात् रात्रि के समय होता है उसे ’’ रात्रि शाखा ’’ कहते है,
- मिलन शाखा – एक सप्ताह में, एक या दो बार मिलने वाली शाखाओं को आमतौर पर ’’ मिलन शाखा ’’ कहा जाता है,
- संघ – मंडली शाखा – माह / महिने में, एक या दो बार मिलने वाली शाखाओं को आमतौर पर ’’ संघ – मडंली शाखा ’’ कहा जाता है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के अलग – अलग शाखाओं व उसके कार्यो की जानकारी प्रदान की।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) क्या कार्य करती है?
अब हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को कुछ बिंदुओं की मदद से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के मौलिक कार्यो के बारे में, बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) प्रमुख तौर पर अपनी सामाजिक सेवा व सुधार कार्यो के लिए जानी जाती है,
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) प्राकृतिक आपदाओं के कारण विस्थापित हुए लोगो के राहत व पुनर्वास का कार्य करती है,
- देश के नागरिको, युवाओं व विद्यार्थियो को देश भक्ति व देश प्रेम का पाठ पढ़ाती है,
- एक मजबूत व अखंड भारत के निर्माण हेतु सतत तौर पर प्रयास करती है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के मौलिक कार्यो के बारे में, बताया।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) पर लगे आरोप व उसकी आलोचनायें क्या है?
अब हम, कुछ बिंदुओं की मदद से अपने सभी पाठको व युवाओं को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) पर लगे आरोगो व उसकी आलोचनाओं के बारे में, बताना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं-
- राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के सदस्य ’’ नाथूराम गोडसे ’’ द्धारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्या किये जाने के बाद से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था,
- संघ की आलोचना स्वरूप राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) को एक ’’ अतिवादी व दक्षिणपंथी ’’ बताया जाता रहा है,
- हिंदूवादी व फांसीवादी संगठन के तौर पर भी संघ की आलोचना की जाती रही है,
- हिंदूत्व के हितो की पूर्ति के सतत प्रयासों के कारण ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) पर भारतीय धर्मनिरपेक्षता के खंडन का आरोप लगाया जाता रहा है।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) पर लगे आरोपो व उसकी आलोचनाओं के बारे में, जानकारी प्रदान की।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) – list of rss affiliated organizations क्या है?
अब हम, कुछ बिंदुओँ की मदद से आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) से संबंधित अलग – अलग संगठनो के बारे में, बताना चाहते है जिन्हें संघ – परिवार कहा जाता है जो कि, इस प्रकार से हैं –
- भारतीय किसान संघ,
- भारतीय मजदूर संघ,
- भारतीय रेलवे संघ,
- मछुवारा सहयोगी समाज,
- अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद्,
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्।
उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) से संबंधित अलग – अलग संगठनो के बारे में, बताया जिन्हें आमतौर पर संघ – परिवार के नाम से जाना जाता है।
निष्कर्ष
अन्त, हमने अपने इस आर्टिकल में, आपको देश की एकता व अखंडता को सुनिश्चित करने वाले प्रमुख संगठन अर्थात् राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) की पूरी जानकारी विस्तार से प्रदान की ताकि आप भी राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ( RSS ) के मौलिक लक्ष्यो की प्राप्ति के लिए संघ में, शामिल हो और एक मजबूत व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में, अपना मूल्यवान योगदान दें और ’’ मातृभूमि के लिए नि-स्वार्थ सेवा ’’ के सिद्धान्त का अक्षरस पालन कर सकें।
हमें, पूरी आशा है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो जिसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को लाइक करेंगे, शेयर करेंगे और साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव हमारे साथ कमेंट करके सांक्षा करेंगे।
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