Narendra Modi Biography in Hindi, कुछ लोग होते है जिन्हें अपना पूरा नाम या फिर पहचान बताने की जरुरत नहीं पड़ती है बल्कि उनकी प्रसिद्धी और लोकप्रियता ही उनके अस्तित्व की गवाही देती है और ऐसे ही एक शानदार अस्तित्व वाले व्यक्तित्व से हम, आपको परिचित करवायेंगे जिन्हें हम, आप और पूरा विश्व श्री. नरेन्द्र मोदी के नाम से जानता है।
Narendra Modi Biography in Hindi
साल 2014 से ही मोदी, भारतीय राजनीति का प्रमुख चेहरा बनकर उभरे है क्योंकि मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने ना केवल साल 2014 बल्कि साल 2015 के लोकसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करके ना केवल अपनी जीत तय की बल्कि भारतीय राजनीति और लोकतंत्र के इतिहास में ऐतिहासिक क्रान्ति का भी शुभारम्भ कर दिया है।
इस प्रकार हम कह सकते है कि, पी.एम मोदी हमारे देश के 15वें माननीय प्रधानमंत्री है जिनके कुशल व चपल नेतृत्व में समूचे भारतवर्ष का चहुमुखी विकास हो रहा है और यही हमारी उम्मीदें व अभिलाषा कि, पूरे भारत का सतत व सर्वांगिन विकास हो और हर भारतीय को एक बेहतर जीवन स्तर जीने को मिलें।
नरेन्द्र मोदी – एक संक्षिप्त परिचय
नरेंद्र मोदी का पूरा नाम हिंदी में? | श्री. नरेन्द्र दामोदर दास मोदी |
जन्म तिथि | 17 सितम्बर, 1950 |
जन्म स्थान | वड़नगर, बॉम्बे स्टेट |
पेशा | राजनेता |
आयु | 68 साल |
गृहनगर | वडनगर, गुजरात, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
जाति | मोघ धाची ( ओ.बी.सी ) |
ब्लड ग्रुप | A+ |
पता | 7 रेस कोर्र रोड, नई दिल्ली |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा कितनी है? | Political Science में B.A and M.A |
राशि | कन्या |
भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर वेतन | 1 लाख 60 हजार रुपय व अन्य भत्ते |
मोदी का नेट वर्थ क्या है? | 2.28 करोड़ रुपय |
कार | मोदी के नाम पर कोई कार पंजीकृत नहीं है |
क्या आप जानते है कि, मोदी का जन्म कब, कहां और किस परिवार में हुआ था?
भारत एक युवा देश है। इतने बड़े प्रतिशत वाले देश में ना केवल भारत को बल्कि पूरे विश्व के भाग्य को बदलने की क्षमता है। - मोदी
निसंदेद आप मे से बहुत कम लोगों के पता होगा कि, मोदी का जन्म कब, कहां और किस परिवार में हुआ था और इसीलिए इस आर्टिकल में आपको विस्तार से मोदी के जन्म से संबंधित हर सूक्ष्म सूचना आपको प्रदान की जायेगी ताकि आप मोदी को करीब से देख पायें।
साल 1960 से पहले के बॉम्बे राज्य के महेसाना जिले के वडनगर में रहने वाले श्री. दामोदरदास मूलचन्द मोदी व श्रीमति. हीराबेन मोदी नामक दम्पत्ति के यहां पर 17 सितम्बर, 1950 को हुआ था
मोदी के परिवार की पारिवारीक पृष्ठभूमि क्या थी?
जैसा कि हमने आपको बताया कि मोदी का जन्म 17 सितम्बर, 1950 को हुआ था और जहां तक प्रश्न है मोदी के पारिवारीक पृष्ठभूमि की तो हम, आपको बता दें कि, मोदी के परिवार की पारिवारीक पृष्ठभूमि सामाजिक – आर्थिक तौर पर ग्रसित थी। इस परिवार में मोदी, कुल 6 सन्तानों में से 3 नंबर की सन्तान थे।
मोदी का परिवार, मूलत भारत सरकार द्धारा वर्गीकृत अल्पसंख्यक पिछड़ा वर्ग के तहत आता था क्योंकि मोदी का परिवार मूलत ’’ मोध घाची तेली ’’ समुदाय से आता था। इस प्रकार हम, कह सकते है कि, मोदी की पारिवारीक पृष्ठभूमि सामाजिक – आर्थिक तौर पर कमजोर और पिछड़ी हुई थी।
मोदी जी के परिवार से परिचय – एक नजर
मोदी के पिता जी का नाम क्या था? | स्व. श्री. दामोदर दास मूलचंद मोदी |
मोदी जी की माता का नाम क्या था? | हीरा बेन मोदी |
मोदी जी के भाईयों का नाम क्या है? | सोमा मोदी, अमृत मोदी, प्रहलाद मोदी व पंकज मोदी |
मोदी जी की बहन का नाम क्या है? | वसंती बेन हसमुख लाल मोदी |
मोदी जी की पत्नी का नाम क्या है? | जशोदा बेन चिमनलाल मोदी |
नरेंद्र मोदी के कितने बच्चे हैं? | कोई नहीं। |
मोदी का शुरुआती जीवन कैसा था?
मोदी का शुरुआती जीवन बेहद संघर्षमय और परिश्रमपूर्ण था क्योंकि मोदी का जन्म एक सामाजिक व आर्थिक तौर पर कमजोर परिवार में हुआ था। मोदी के पिताजी चाय बेचने का काम किया करते थे, माता जी एक साधारण घरेलू महिला थी और अपने घर के संचालन में, अपना योगदान देने के लिए मोदी अपने अन्य भाईयों के साथ रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर जाकर बेचा करते थे और अपने जीवन के इसी चरण में उनकी ना केवल मुलाकात बल्कि गहरी दोस्ती हो गई थी संघर्ष से।
मोदी का शुरुआती जीवन बेहद सादा व उच्च आदर्शो वाला था। जीवन के अपने शुरुआती दौर से मोदी शुद्ध शाकाहारी रहे हैं, भारत और पाकिस्तान के बीच जब दूसरा युद्ध हुआ था उस दौरान मोदी रेलवे स्टेशनों पर जाकर यात्रियों की सहायता व सेवा किया करते थे और यही से उनके व्यक्तित्व में निखार आना प्रारम्भ हुआ जिसका परिपक्व रुप आप हम, देखते है।
मोदी की पसंद – नापसंद क्या है?
मोदी किस तरह का खाना सर्वाधिक पसंद करते है? | शाकाहारी व शुद्ध भोजन का सेवन मोदी सर्वाधिक पसंद करते है। |
रुचियां क्या है? | साहित्य, योग व नियमित अध्ययन करना |
मोदी के पसंदीदा राजनेता कौन है? | श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी |
मोदी के पसंदीदा नेता कौन है? | महात्मा गांधी व विवेकानन्द। |
संघर्षपूर्ण पारिवारीक पृष्ठभूमि में कैसा रहा मोदी का शैक्षणिक सफ़र?
मंगल मिशन की सफलता के बाद कोई भी भारत के युवाओं पर सवाल नहीं उठा सकता है क्योंकि सब कुछ स्वदेशी है। – मोदी
आइए अब हम कुछ चरणों की मदद से आपको बताये कि, विरासत में मिले एक संघर्षपूण पारिवारीक जीवन में, जन्म लेने के बाद भी मोदी ने, अपने शैक्षणिक सफ़र को कैसे तय किया जो कि, इस प्रकार से हैं-
- वडनगर से मिली प्राथमिक शिक्षा
ऐसा कहा जाता है कि, मोदी की शुरुआती शिक्षा उनके पैतृग शहर वड़नगर से ही हुई थी और यही से उन्होंने साल 1967 में, अपने हायर सेकेंडरी की शिक्षा पूरी की।
- युवा-वस्था मे ही भारत भ्रमण कर विविध संस्कृतियों की खोज की
कहा जाता कि, कुछ समय बाद ही मोदी के परिवार की पिछड़ी हुई आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गई थी जिसकी वजह से मोदी ने, परिवार छोड़कर भारत – भ्रमण के लिए निकल गये थे जिसके तहत उन्होंने ऋषिकेश, हिमालय व उत्तर पूर्व भारत का दौरा किया और अपने इसी भारत – भ्रमण के दौरान उन्होंने विविध संस्कृतियों की खोज की और 2 वर्ष के बाद घर लौंट आयें।
- साल 1978 में मोदी ने, Political Science में B.A and M.A किया
भारत भ्रमण से वापस आने के बाद मोदी ने, अपनी उच्च शिक्षा की ओर कदम बढ़ाते हुए दिल्ली विश्वविघालय में दाखिला लिया और इसके बाद गुजरात विश्वविघालय में दाखिला लेकर Political Science में B.A and M.A किया था।
- पढ़ाई मे सामान्य थे मोदी लेकिन वाद – विवाद में, एक कुशल संवादकर्ता थे
उनके शैक्षणिक जीवन के बारे में कहा जाता है कि, मोदी पढ़ाई – लिखाई मे एक सामान्य विद्यार्थी हुआ करते थे जो अपने अधिकतर समय, लाईब्रेरी मे ही बिताया करते थे लेकिन मोदी वाद – विवाद में बेहद कुशल और दूर-दृष्टि रखते थे।
इस प्रकार हमने, आपको कुछ बिंदुओं की मदद से मोदी के शैक्षणिक सफ़र के बारे में बताया।
मोदी का लुक टेबल कैसा है?
कद | 5 फुट 7 इंच |
वजन | 75 किलोग्राम |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | सफ़ेद |
मोदी के भाई, वर्तमान आयु, पेशा
हर किसी में सपने देखने की शक्ति होती है लेकिन सपनो को संकल्पो में बदलना चाहिए और कभी किसी विचार को मरने नहीं देना चाहिए। – मोदी
आइए अब हम, आपको कुछ बिंदुओँ की मदद से मोदी के भाईयों, उनकी वर्तमान आयु और पेशा के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं-
- मोदी के सबसे बड़े भाई है ’’ सोमा मोदी ’’ जो कि, एक पूर्व स्वास्थ्य अधिकारीक रह चुके है और जिनकी वर्तमान आयु 75 साल के आस – पास है,
- मोदी के एक दूसरे 72 वर्षीय बड़े भाई है ’’ अमृत मोदी ’’ जो कि, एक मशीन ऑपरेटर का काम करते हैं,
- मोदी एक 62 वर्षीय छोटे भाई ’’ प्रहलात मोदी ’’ भी है जो कि, गुजरात के अहमदाबाद में, अपनी शॉप चलाते है और
- मोदी के सबसे छोटे भाई है ’’ पंकज मोदी ’’ जो कि, गांधीनगर के सूचना विभाग मे एक क्लर्क का काम करते है।
इस प्रकार हमने आपको मोदी के भाईयों की पूरी जानकारी प्रदान की।
Modi जी का वैवाहिक जीवन कैसा है?
मोदी जी के भाईयों की पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद आइए अब हम, आपको बतायें मोदी जी के वैवाहिक जीवन के बारे में जो कि, इस प्रकार से हैं-
हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री. नरेन्द्र मोदी का विवाह उनकी जाति अर्थात् धाची समुदान की रिति-रिवाज़ों के अनुसार साल 1968 में ही ’’ जशोदा बेन चिमनलाल ’’ से हो गया था जब मोदी केवल 18 वर्षीय एक युवा हुआ करते थे। आमतौर पर कहा जाता है कि, मोदी का अपनी पत्नी से तलाक हो गया था लेकिन ये गलत जानकारी है क्योंकि मोदी का अपनी अपनी पत्नी से तलाक नहीं हुआ था बल्कि वे स्वेच्छा से एक – दूसरे से अलग हो गये थे जब उनकी पत्नी गुजरात के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका काम करती थी और वर्तमान समय में रिटायरमेंट के बाद एक सुखी व शांतिपूर्ण जीवन जी रही है।
राजनीति के मंच पर कैसे हुई मोदी के करियर की शुरुआत?
बंदूक के साथ आप पृथ्वी को लाल बना सकते है लेकिन यदि आपके पास हल तो आप पृथ्वी को हरा बना सकते है। – मोदी
शैक्षणिक जीवन से लेकर एक सफल नेता तक का जीवन मोदी के लिए आसान नहीं रहा और इसीलि हम, आपको कुछ बिंदुओं की मदद से बतायेंगे कि, राजनीति के मंच पर कैसे हुई मोदी के करियर की शुरुआत जो कि, इस प्रकार स हैं-
- सबसे पहले AVBP मे बनाई जगह
मोदी ने, अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में सबसे पहले ’’ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् अर्थात् AVBP में, सबसे पहले जगह बनाई जहां पर वे पूर्ण तौर पर समर्पित प्रचारक बनकर उभरे और इसके बाद वे आर.एस.एस अर्थात् राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ में शामिल होने के लिए अहमदाबाद गये।
- आपातकाल के दौरान मोदी अंडरग्राउंड और भेस बदलकर यात्रा किया करते थे
यदि ध्यान से देखा जाये तो मोदी के शुरुआती जीवन से स्पष्ट हो गया था कि, ये इंसान आगे चलकर भारतवर्ष का नेतृत्व करेगा क्योंकि जिस समय भारतीय राजनीति पर गांधी परिवार का एकाधिकार और वर्चस्व हुआ था उस दौरान जब साल 1975-77 तक प्रधानमंत्री श्रीमति. इंदिरा गांधी द्धारा लगाये गये आपातकाल के दौरान मोदी को अनेको बार अंडरग्राउंड रहकर कार्य करना पड़ता था और कई बार तो उन्हें रुप बदलकर अर्थात भेस बदलकर यात्रा भी करनी पड़ती थी जो कि, उनके राजनीतिक जीवन के लिए आदर्श परिस्थितियां थी।
- राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर मोदी ने, आर.एस.एस के लिए लेखन कार्य किया
कुछ ही समय बाद मोदी में, भीतर छुपे राजनीति के लक्षण उजागर होने लगे जिसके परिणामस्वरुप मोदी ने, एक सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता के तहत आर.एस.एस के लिए स्वतंत्र रुप से लेखन कार्य करना प्रारम्भ किया और पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
- साल 1987 में, जाकर मोदी को बी.जे.पी और बी.जे.पी को मोदी मिले
मोदी ने, साल 1985 में, आर.एस.एस के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी अर्थात् बी.जे.पी को ज्वाइन करने के बारे मे सोचा था लेकिन कुछ पक्का नहीं हो पाया लेकिन आखिरकार साल 1987 में, मोदी ने, बी.जे.पी को ज्वाइन किया और मोदी ने, अपने राजनीतिक जीवन मे पहली बार अहमदाबाद के नगरपालिका चुनावीं अभियान को मोदी ने, व्यवस्थित किया जिसकी मदद से बी.जे.पी को सफलता प्राप्त हुई।
इस प्रकार, राजनीतिक मंच पर मोदी के राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई जिसका लगातार विकास और विस्तार हुआ।
मोदी ने कौन सी किताबें लिखी है और मोदी पर कौन सी किताबे लिखी गई है?
मोदी ने कौन सी किताबे लिखी है? | मोदी पर कौन की किताबे लिखी गई है? | मोदी पर किताबे लिखने वाले लेखक कौन है? |
ज्योतिपुंज | Narendra Modi – A Political Biography | Andy Marino |
एबोड ऑफ लव | Center Stage – Inside The Narendra Modi Model Of Governance | Uday Mahurkar |
प्रेमतीर्थ | Modi : Makin A Prime Minister | Vivinian Farnandise |
केल्वे ते केलावणी | The Man of The Moment : Narendra Modi | MV kamath and Kalindi Randeri |
साक्षीभाव | The Namo Story : A Political Life | Kingshuk Naag |
सामाजिक समरसता | Narendra Modi : The Game Changer | Sudesh Verma |
1987 से लेकर वर्तमान तक मोदी का राजनीतिक सफर कैसा रहा है?
साल 1987 से लेकर मोदी का राजनीतिक सफर कई उतार – चढ़ावों से परिपूर्ण रहा है जिसे प्रस्तुत करने के लिए हम, कुछ बिंदुओँ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं-
राजनीतिक कार्यकर्ता के रुप में मोदी
- साल 1987 में बी.जे.पी ज्वाइन करने के बाद मोदी की कुशाग्र बुद्धि और कार्यप्रणाली को देखते हुए मोदी को गुजरात ब्रांच के महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई,
- साल 1990 में, मोदी ने, ’’ लाल कृष्ण आडवानी ’’ जी के ’’ अयोध्या रथ यात्रा ’’ के कुशल व सफल संचालन के बाद जाकर मोदी के भीतर छिपे राजनेता को मान्यता प्राप्त हुई और यही उनका पहला राष्ट्रीय राजनीतिक कार्य बनकर उभरा,
- साल 1990 में सम्पन्न हुए गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद मोदी ने, गुजरात में बी.जे.पी की स्थिति को मजबूत करने में अमूल्य योगदान दिया,
- साल 1995 में मोदी के प्रयासों से बी.जे.पी को गुजरात में कुल 121 सीटें जीती जिसकी वजह से गुजरात में पहली बार जाकर बी.जे.पी की सरकार बनी जो कि, अल्पकालिक थी,
- वहीं साल 1995 मे ही मोदी को ’’ हरियाणा व हिमाचल प्रदेश ’’ में बी.जे.पी की गतिविधियों को नियंत्रित व दिशा-निर्देशित करने के लिए ’’ राष्ट्रीय सचिव ’’ के तौर पर नियुक्त किया गया और उन्हें दिल्ली भेजा गया,
- बी.जे.पी के लिए घातक सिद्ध होने वाले आन्तरिक विवादों को सुलझाते हुए मोदी ने, साल 1998 में पार्टी के लिए जीत की राह तय की।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में मोदी
- साल 2001 में गुजरात में हुए विधानसभा चुनावों के बाद मोदी द्धारा राजकोट में 2 में से 1 सीट जीतने के बाद मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में उभर कर सामने आये जिसके पीछे की मूल वजह यह थी कि, उस समय केशुभाई पटेल का स्वास्थ्य गंभीर रुप से खराब हो गया था जिसकी वजह से उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए राष्ट्रीय लीडरशिप की कमान मोदी को सौंपी दी गई थी।
- 7 अक्टूबर, 2001 को मोदी ने, अपने राजनीतिक करियर में पहली बार मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ग्रहण की,
- 24 फरवरी, 2002 में हुए उप-चुनावों में मोदी ने, कांग्रेस के अश्विन मेहता को कुल 14,728 वोटों से हराया।
मोदी, गोधरा कांड और गुजरात दंगो में मिली मोदी को ’’ क्लिन चीट ’’
- अभी केवल 3 ही दिन हुए थे जब मोदी ने, उप-चुनावों में अपनी शानदार जीत कायम की थी लेकिन जी के सिर्फ 3 दिन बाद ही गोधरा में हिंदू यात्रियों से भरी ट्रैन के डिब्बे मे आग लगा दी गई जिसके बाद हिंदुओं का आक्रोश मुस्लिमों के खिलाफ सामने आया और गुजरात के इतिहास में, गुजरात दंगो की दहक को लिखा गया,
- इस गुजरात दंगो में, लगभग 900 से लेकर 2,000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा,
- इसके बाद मोदी को इस दंगे का आरोपी बनाया गया और केस दर्ज किया गया जिसको लेकर पहली बार साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट द्धारा एक कमेटी का गठन किया गया और अन्त में, साल 2013 में जाकर मोदी को गुजरात दंगो के लिए ’’ क्लिक चीट ’’ दी गई जिससे मोदी के राजनीतिक करियर की नई शुरुआत हुई।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में मोदी की दूसरी पारी
गुजरात में, मोदी को दूसरी बार मुख्यमंत्री के रुप में चुना गया जिसमे उन्होने कई कल्याणकारी कार्यों का सम्पन्न किया जैसे कि – साल 2007 में हुए ’’ वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन ’’ में मोदी द्धारा कुल 6,600 अरब रुपय के रियल स्टेट सौंदो पर हस्ताक्षर किया गया और इसके साथ ही साथ मोदी ने, अपने मुख्यमंत्री के रुप में कुल 2,063 दिन पूरे किये और इसके साथ ही मोदी ने, गुजरात के सबसे लम्बे समय तक कार्य करने वाले मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
अन्त, इस प्रकार मोदी कुल 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रुप में सामने आये और पुरे गुजरात के सतत व सर्वांगिन विकास को सुनिश्चित किया।
मोदी को प्रधानमंत्री के रुप में देखने की पृष्ठभूमि का निर्माण कैसे हुआ?
साल 2014 में, मोदी ने, जब चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने उसके ठीक 1 साल के बाद ही मोदी को, ’’ भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष ’’ बना दिया गया था और मोदी को ही आगामी प्रधानमंत्री का प्रमुख और पहला चेहरा माना जा रहा था जिसका विरोध लाल कृष्ण आडवानी व अन्य सदस्यों द्धारा भी किया गया था लेकिन मोदी द्धारा इसी दौरान वाराणसी और वड़ोदरा में सीटें जीती गई और इसी जीत के साथ मोदी ने, प्रधानमंत्री होने के अपने दावे को मजबूत किया।
अन्त, मोदी ने, खुद को प्रधानमंत्री के रुप में देखते हुए साल 2014 में होने वाले लोक सभा चुनावों के लिए कुल 437 चुनावी रैलियों का आयोजन किया और आम जन की समस्याओँ को सामने रखा और इस प्रकार मोदी ने, साल 2014 में हुए लोक सभा चुनावों में 534 सीटों मे से कुल 282 सीटें जीती और भारत के प्रधानमंत्री के रुप में उभर कर सामने आये।
प्रधानमंत्री के रुप में मोदी की पहली पारी ( मोदी लहर -1)
प्रधानमंत्री के रुप में मोदी ने अपनी पहली पारी के अनुसार 26 मई, 2014 को भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ग्रहण की और अपने इस शपथ ग्रहण समारोह में मोदी ने, सभी एशियाई देशों को प्रमुखों को आमंत्रिय किया। प्रधानमंत्री के रुप में पहले कार्यकाल मे मोदी ने, कई विकासकारी कार्यों व योजनाओँ का शुभारम्भ किया जिससे ना केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्राप्त हुई बल्कि भारत के सतत व सर्वांगिन विकास का मार्ग भी साफ़ हुआ।
प्रधानमंत्री के रुप में मोदी का दूसरी पारी ( मोदी लहर -2)
’’ सबका साथ, सबका विकास ’’ जैसे लोकलुभावन नारों के साथ साल 2019 के लिए अपने राजनीतिक रैलियों की आगाज करने वाले मोदी ने, लोकसभा चुनावों में कुल 303 सीटें जीतकर भारतीय राजनीति में, अभूतपूर्व जीत दर्ज की और लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री के रुप मे उभरकर सामने आये।
साल 2019 में मोदी को मिली जीत की वजह से मोदी को ’’ मोदी लहर ’’ या फिर ’’ मोदी क्रान्ति ’’ कहा गया जिसे ना केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मान्यता प्रदान की गई और इस प्रकार मोदी एक जन नायक, लोक नायक और जन नेता बनकर उभरा।
भारत के सतत व सर्वांगिन विकास के लिए मोदी ने किन योजनाओँ का शुभारम्भ किया
आइए अब हम, आपको कुछ बिंदुओँ की मदद से विस्तार से बतायेंगे कि, साल 2014 से लेकर अब तक मोदी ने, भारत के सतत व सर्वांगिन विकास के लिए किन कल्याणकारी योजनाओँ का शुभारम्भ किया है जो कि, इस प्रकार से हैं-
- स्वच्छ भारत अभियान,
- प्रधानमंत्री जन धन योजना,
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना,
- पी.एम कृषि सिंचाई योजना,
- पी.एम फसल बीमा योजना,
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना,
- मेक इन इंडिया,
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना,
- पी.एम सुकन्या समृद्धि योजना,
- प्रधानमंत्री आवास योजना,
- डिजिटल इंडिया प्रोग्राम,
- नमामि गंगे,
- बेटी बचाओँ – बेटी पढ़ाओ योजना,
- सर्व शिक्षा अभियान व स्टैंड अप इंडिया
इस प्रकार हमने मोदी द्धारा भारत के सतत व सर्वांगिन विकासे के लिए संचालित केवल कुछ योजनाओँ की लिस्ट सांक्षा की है जबकि इसी प्रकार के कई महत्वाकांक्षी व कल्याणकारी योजनाओं का शुभारम्भ मोदी द्धारा किया गया है जिससे ना केवल आम भारतीय के जीवन में सुधार हुआ है बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति प्राप्त हुई है।
मोदी जी द्धारा अपने शासनकाल में खेले गये मास्टर – स्ट्रोक कौन से है?
आइए अब हम, आपको कुछ बिंदुओँ की मदद से बतायेंगे कि, मोदी जी द्धारा अपने शासनकारल में खेले गये मास्टर – स्ट्रोक कौन से है जो कि, इस प्रकार से हैं-
- Land Water Conservation Project
BT Cotton की खेती में मददगार, सिंचाई की मांग को पूरा करने के लिए गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी जी ने, Land Water Conservation Project को समर्थन व प्रोत्साहन दिया जिसके फलस्वरुप आज गुजरात में, बड़े पैमाने पर BT Cotton की खेती की जा रही है।
- देश में भ्रष्टाचार और ब्लैक-मनी पर सबसे बड़ी चोट – नोटबंदी
भारत में, लगातार हो रहे भष्टाचार और कालाबजारी को समाप्त करने के लिए मोदी सरकार ने, रात के 12 बजे के बाद से ही 500 और 1000 के नोटों को पूरै भारत में बैन कर दिया जिससे ब्लैक मनी के रुप में जमा तमाम पूंजी केवल कागज के टुड़के बनकर रहे गये और इसे घर बैठे – बैठे मोदी द्धारा की गई रेड भी समय सकते है जिसने सिरे से भारत में कालाबाजारी व ब्लैक मनी को समाप्त कर दिया।
- GST का कार्ड खेलकर पूरे देश की कर व्यवस्था को सरल व पारदर्शी बनाया
’’ One Nation – One Tax ’’ के सिद्धान्त को अपनाते हुए और देश के नागरिको को अलग – अलग प्रकार के शोषणकारी करों को समाप्त करने के लिए मोदी ने, अपने शासनकाल के दौरान जी.एस.टी अर्थात् Goods and Services Tax जो कि, मूलत एक अप्रत्यक्ष कर है का कार्ड खेल पूरे राष्ट्र की कर व्यवस्था को सरल व पारदर्शी बना दिया है।
- PoK में मोदी की Surgical Strike
साल 2016 मे हुए ऊरी आंतकवादी हमलों के बाद पूरा भारत आक्रोश की आग में जल रहा था और इस संवेदनशील समय में, ना केवल मोदी ने, अपने असीम धैर्य का परिचय दिया बल्कि साथ ही साथ भारतीय सेना को पूरी छूट दी ताकि वे अपने बदले का समय और स्थान खुद तय कर सकें और इसी का परिणाम था कि, भारतीय सेना ने, PoK में घुसकर Surgical Strike करते हुए कई आंतकियो को मौत के घाट उतार दिया और इस प्रकार पूरे भारत ने, अपना बदला लिया।
- Air Strike से लिया पुलवामा का बदला
साल 2019 में, पाकिस्तान कि तरह से हुए आंतकी हमले के बाद मोदी सरकार ने, भारतीय सेना को खुली छूट दे दी थी जिसको भुनाते हुए Indian Air Force ने, Air Strike करते हुए कुल 200 आंतकियों को मार गिराया।
- मोदी द्धारा किये गये कुछ अन्य प्रशंसनीय कार्य
उपरोक्त कार्यों के अलावा मोदी सरकार ने, कई प्रशंसनीय कार्यों को भी अंजाम दिया है जैसे कि – विश्व स्तर पर ’’ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस ’’ का शुभारम्भ करना, ’’ स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी ’’ का निर्माण करना और भारतीय सेना के शौर्य के प्रतीक ’’ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ’’ का निर्माण करना।
उपरोक्त कार्यों की मदद से हमने आपको विस्तार से बताया कि, मोदी सरकार ने, अपने शासनकाल के दौरान किन मास्टर स्ट्रोक्स को खेला था।
Awards and Achievements of PM Modi
कुछ बिदुंओ की मदद से हम, आपको बतायेंगे कि, मोदी ने, अपने शासनकाल के दौरान किन उपलब्धियों को अपने नाम किया जो कि, इस प्रकार से हैं –
- इंडिया टुड़े द्धारा साल 2007 में किये गये एक सर्वे के मुताबिक मोदी को देश के सबसे श्रेष्ठ मुख्यमंत्री के तौर पर नामिक किया गया,
- वहीं एफ.डी मैगजीन द्धारा मोदी को साल 2009 में, ’’ FDI Personality of The Year ’’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया,
- साल 2012 में, टाइम्स एशियन एडिशन में, मोदी की तस्वीर को कवर पेज पर छापा गया,
- साल 2014 मोदी के लिए बेहद खास रहा क्योंकि इसी साल फोर्ब्स द्धारा दुनिया के 100 सबसे शक्तिशाली लोगों में मोदी का नाम 15वें स्थान पर रहा और इसी साल टाइम्स ऑफ इंडिया द्धारा जारी दुनिया के सबसे शक्तिशाली 100 लोगों में मोदी का नाम शामिल किया गया,
- साल 2013 मे ब्लूमबर्ग मार्केट मैगजीन में, मोदी का नाम दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों में 13वें स्थान पर रहा,
- मोदी को साल 2014 और 2016 में मोदी का नाम टाइम मैगजीन के पाठक सर्वे विजेता के रुप मे घोषित किया गया,
- सऊदी अरब सरकार के द्धारा मोदी को 3 अप्रैल, 2016 को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ’’ अब्दुलाजिज – अल – सऊद ’’ के आदेश पर दिया गया था,
- इसी प्रकार 4 जून को अफगानिस्तान सरकार द्धारा मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ’’ घाज़ी आमिर अमानुल्लाह खान ’’ के आदेश पर दिया गया था,
- टाइम मैगजीन द्धारा साल 2014, 2015 और 2017 में मोदी का नाम दुनिया के 100 शक्तिशाली लोगो में शामिल किया गया,
- 2015,2016 और 2018 में मोदी का नाम फोर्ब्स मैगजीन में, दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगो में 9वें स्थान पर रहा,
- मोदी को 10 फरवरी, 2018 पेलेस्टाइन का सर्वोच्च नागरिक सम्मान अर्थात् ’’ पेलेस्टाइन राज्य के ग्रैंड कोलर ’’ से सम्मानित किया गया.
- विश्व स्तर पर सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की शुरुआत के लिए भी मोदी का नाम इसी साल ’’ नोबेल शांति पुरस्कार ’’ के लिए नामांकित किया गया है।
अन्त, इस प्रकार हमने आपको विस्तार से मोदी द्धारा अर्जित की गई उपलब्धियों के बारे मे बताया।
किन विवादों के शिकार हुए है मोदी?
मोदी, आये दिन किसी ना किसी विवाद के शिकार हुए है जिनकी एक संक्षिप्त सूची हम, आपको साथ सांक्षा करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं-
- साल 2002 में, गुजरात दंगो के लिए मोदी को आरोपी ठहराते हुए उन्हें विवाद का शिकार बनाया गया,
- साल 2002 में, गुलबर्ग सोसाइटी में, तीस्ता सीतलवाड़ द्धारा अपने पति की हत्या कर दी गई थी और इसके लिए मोदी को ही जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें विवाद का शिकार बनाया गया था,
- बिहार में हुए इशरत जहां के फर्जी एनकाउंटर में भी मोदी को विवाद का शिकाय बनाया गया,
- यहां तक की मोदी जी की वैवाहिक स्थिति को लेकर भी कई बार उन्हें आलोचनाओँ का शिकार बनाया गया हैं,
- मोदी द्धारा साल 2015 में, कुल 10 लाख की कीमत वाला एक सूट पहना गया था जिस पर मोदी लिखा था और इसके लिए भी मोदी को आलोचनाओँ का सामना करना पड़ा था।
इस प्रकार मोदी को अपने राजनीतिक करियर में अनेको बार विवादों का सामना करना पड़ा है।
कोरोना वायरस बनाम पी.एम मोदी
एक कुशल और चपल राजनेता की पहचान मुसीबत की घड़ी मे ही होती है और ऐसी एक मुसीबत से हमारा पूरा भारतवर्ष पिछले 2 सालों से सामना कर रहा है अर्थात् कोरोना वायरस से औऱ इस जानलेवा कोरोना वायरस से ना केवल लड़ने के लिए बल्कि पूरे भारतवर्ष की सुरक्षा के लिए मोदी सरकार ने, कई उल्लेखनीय और प्रशंसनीय कार्यों को अंजाम दिया है जो कि, इस प्रकार से हैं –
- कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने के लिए पूरे भारतवर्ष में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया,
- पूरे भारतवर्ष में चेहरे पर मास्क लगाने और 2 गज की दूरी बनाये रखने के लिए युद्ध स्तर पर जागरुकता अभियान का संचालन किया गया,
- प्रवासी मजदूरों को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का शुभारम्भ किया गया,
- लॉकडाउन के दौरान कई कल्याणकारी योजनाओँ का शुभारम्भ किया गया जैसे कि –
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना,
- आत्मनिर्भर भारत योजना,
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
- सभी राशनकार्डधारकों को 5 किलो प्रति सदस्य के तौर पर मुफ्त अनाज प्रदान करना,
- 3 महिने तक महिलाओं को गैस सिलिंडर मुफ्त प्रदान करना,
- कोविड सहायता के नाम पर देश की सभी महिला खाताधारकों के बैंक अकाउंट्स में 500 रुपयो की ऱाशि जमा करना,
- मास्क और हैंट सेनेटाइजर का मुफ्त वितरण करवाना और
- जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन का निर्माण करके ना केवल भारत में बल्कि अपने पड़ोसी देशों में भी नि-शुल्क निर्यात करना।
इस प्रकार हम कह सकते है कि, कोरोना वायरस बनाम मोदी की लड़ाई मे मोदी ने, ना केवल अपनी शानदार जीत दर्ज की बल्कि साथ ही साथ पूरे भारतवर्ष का सामाजिक व आर्थिक विकास भी किया है।
Interesting Facts about Modi
- मोदी, भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे लेकिन घरेलू आर्थिक स्थिति की वजह से मोदी ने, इस क्षेत्र से दूरी बनाई,
- महज 17 साल की उम्र मे ही मोदी ने, घर त्याग दिया था और भारत भ्रमण पर निकल गये थे,
- भारत सरकार की तरफ से मिले आधिकारीक आवास को मोदी ने, किसी के भी साथ में सांक्षा नहीं किया है,
- मोदी ने, अमेरिका में, कुल 3 महिने का ’’ Image Management and Public Relation ’’ का कोर्स किया है,
- मोदी जी, स्वामी विवेकानन्द को ही अपना गुरु मानते है और उनके अनुयायी के तौर पर अपना जीवन जीत है,
- अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद मोदी दुनिया के सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय नेता है जिनके 12 मिलियन से भी अधिक फोलोवर्स है,
- गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने, 13 साल के अपने शासनकाल में एक भी दिन छुट्टी नहीं ली,
- साल 2016 में, लंदन मे आयोजित मैडम तुशाद वैक्स म्यूजियम में मोदी का भी स्टैच्यू बनाया गया,
- मोदी जितने बड़े राजनेता है उतने ही धार्मिक भी है क्योंकि नवरात्रि के दिनों में मोदी द्धारा पुरे 9 दिनों का उपवास रखते है,
- एक दिन में, सामान्य से भी कम अर्थात् मोदी 5 घंटे से भी कम समय के लिए सोते है,
- और अन्त में, मोदी जी को पाम्परिक भारतीय पोशाक बेहद पसंद है।
इस प्रकार हमने आपको मोदी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे मे बताया।
निष्कर्ष
एक बार जब हम तय कर लेते है कि, हमे कुछ करना है तो हम, मीलों आगे जा सकते है। - मोदी
सफलता किसी को विरासत मे नहीं मिलती है बल्कि उसे हासिल करना पड़ता है ठीक वैसे ही जैसे हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री. मोदी जी किया है। अपने संघर्षमय जीवन को रसपूर्णता से साथ जीते हुए मोदी ने, सफलता की ऊचांईयों पर पहुंचने के बाद भी अहंकार नहीं बल्कि एक सादा, सरल और उचच् आदर्शों वाला जीवन ही जिया है और इसीलिए हमने अपने इस आर्टिकल मे आपको विस्तार से Narendra Modi Biography in Hindi की जानकारी प्रदान की ताकि ना केवल मोदी के जीवन को करीब से देख सकें बल्कि साथ ही साथ उनके संघर्षमय जीवन से प्रेरणा व प्रोत्साहन भी प्राप्त कर सकें।
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