दिल को छू लेने वाले अनमोल विचार:
दोस्तों यह तो सभी जानते हैं किसी भी व्यक्ति का व्यक्तिगत स्वभाव ही उसकी पहचान होती है और यह भी सभी जानते हैं कि जैसा व्यवहार हम दूसरों के साथ करते हैं वैसा ही दूसरे हमारे साथ करेंगे लेकिन अब बात यह आती है कि जब सबको पता ही है कि व्यक्तिगत स्वभाव ही उसकी पहचान होती है तो फिर लोगों का गलत व्यवहार या गलत स्वभाव क्यों होता है क्यों नहीं वह खुद पर नियंत्रण करते या क्यों वह दूसरों से बेहतर बर्ताव नहीं करते जिसके चलते लोगों की नजर में उनकी इज्जत कम होती है।
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी बातें ही साझा करेंगे जिन्हें पढ़कर आप अच्छी तरह समझ जाएंगे कि व्यक्ति का स्वभाव आखिर क्यों नहीं बदलता और साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि कैसे किसी सामने वाले व्यक्ति का स्वभाव आप पता कर सकते हैं।
ऐसे लोग चाह कर भी अच्छा व्यवहार नहीं कर पाते:
दोस्तों सबसे पहले बात आती है कि यदि आपको थोड़ी-थोड़ी बात पर गुस्सा आता है तो निश्चित ही सामने वाले व्यक्ति के साथ आप अच्छा व्यवहार नहीं कर पाएंगे क्योंकि अच्छा व्यवहार करने के लिए सबसे पहले आपको अपने गुस्से पर काबू करना होगा जो लोग अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाते वे लोग चाह कर भी किसी से अच्छा व्यवहार नहीं कर पाते।
दोस्तों यह बात तो मैं आपको पहले भी बता चुका हूं कि व्यवहार ही श्रेष्ठतम होता है क्योंकि इंसान की पहचान उसके व्यवहार से ही होती है जिन लोगों का व्यवहार अच्छा नहीं होता लोगों उन्हें संसार में तो बुरा कहते ही हैं लेकिन मरने के बाद भी लोग उन्हें बुरा ही कहते हैं जिससे उनकी आत्मा को भी शांति नहीं मिलती होगी।
तो दोस्तों श्रेष्ठतम व्यवहार करने के लिए सबसे पहले आपको अपने गुस्से पर नियंत्रण करना होगा।
दया हीन व्यक्ति इसलिये कभी सुखी नहीं रहता:
दोस्तों इंसानियत की सबसे बड़ी पहचान दया है जो व्यक्ति दया हीन होते हैं वे इंसानियत के नाम पर कलंक है मेरे कहने का अर्थ यह है किसी भी लाचार व्यक्ति या पशु पक्षियों पर जो लोग दया नहीं करते वे कभी वास्तव में सुखी नहीं रहते केवल उनके मन का भोग होता है कि वह सुखी हैं लेकिन अंदर से वे हमेशा परेशान ही रहते हैं।
दोस्तों सबसे पहले तो हमें लाचार और बेबस लोगों की सहायता करनी चाहिए यदि कोई किसी भी समस्या में है तो उससे उसकी समस्या के बारे में अवश्य पूछना चाहिए और उसकी सहायता करनी चाहिए क्योंकि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत ही है।
मनुष्य का वास्तविक व्यवहार इसलिए कभी परिवर्तित नहीं होता:
दोस्तों मनुष्य का व्यवहार प्राकृतिक होता है अर्थात किसी का व्यवहार परिवर्तित नहीं किया जा सकता कहने का अर्थ यह है कि मनुष्य का व्यवहार जैसा होता है ठीक वैसा ही रहता है चाहे आप उसे कितना भी समझा लो लेकिन उसका वास्तविक व्यवहार ठीक वैसा ही रहता है जैसा शुरुआत में होता है हां यह तो सच है थोड़ा बहुत परिवर्तन आ सकता है लेकिन पूर्ण रूप से किसी का व्यवहार परिवर्तित कर पाना नामुमकिन है क्योंकि व्यवहार तो प्राकृतिक ही होता है जो परिवर्तित नही हो सकता।
जो व्यक्ति आपसे झूठ बोलता हो लेकिन यदि आपको उस पर विश्वास भी हो जाता है तो भी आपको आशंका रहती है कि शायद वह झूठ बोल रहा हो क्योंकि मनुष्य का आचरण वैसा ही रहता है जैसा वह स्वयं चाहता है अर्थात किसी के कहने से उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
कैसे पता करें मनुष्य का व्यवहार कैसा है:
दोस्तों कुछ लोग ऐसे होते हैं जो ऊपर से तो शहद जैसे मीठे लगते हैं और आपसे इस प्रकार बात करेंगे कि आप उनकी बातों में विश्वास कर लेंगे वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो आपकी बुराई आपके सामने ही करते हैं लेकिन इन दोनों लोगों में बस यही फर्क है कि जो व्यक्ति आपके सामने आपकी बुराई करेगा आप उससे क्रोधित होंगे लेकिन जो व्यक्ति आपके सामने आपकी भलाई के गुण गाएगा निश्चित ही आप उससे प्रेरित और प्रसन्न होंगे।
लेकिन इन दोनों ही लोगों में बहुत बड़ा अंतर होता है और वह अंतर यह है कि जो व्यक्ति आपके सामने आपकी भलाई करता है निश्चित ही वह आपके पीठ पीछे बुराई करता होगा लेकिन उसी के विपरीत जो व्यक्ति आपके सामने ही आपकी बुराई करता है तो निश्चित ही वह आपकी पीठ पीछे आपकी बुराई नहीं करता होगा क्योंकि जब वह आपके सामने ही आपकी बुराई करने की क्षमता रखता है तो वह आपके पीठ पीछे आपकी बुराई क्यों करेगा।
तो दोस्तों इसी तरह से आप सामने वाले व्यक्ति के स्वभाव के बारे में अच्छी तरह से पता लगा सकते हैं यदि वह आपके सामने आपकी भलाई करता है तो निश्चित ही उसका व्यवहार बेहद नीच होगा और यदि वह आपके सामने आपकी बुराई करता है तो निश्चित ही वह साफ दिल इंसान होगा।
वृद्ध लोगों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए:
दोस्तों सबसे पहले तो यदि आपके माता-पिता वृद्ध हैं तो खासकर आपको उनका बेहद खयाल रखना चाहिए जिससे उनको आपके होने का एहसास हो।
अक्सर मैंने देखा है इस संसार में बहुत से वृद्ध माता-पिता ऐसे हैं जिनको अपनी संतान के होने का एहसास तक नहीं होता लेकिन फिर भी उनके माता-पिता उन्हें श्राप नहीं देते क्योंकि इस संसार में माता-पिता ही ऐसे होते हैं जिन्हें यदि उनकी संतान तकलीफ भी देती है तो भी वह उनका बुरा नहीं चाहते।
इसके बाद बात करते हैं माता पिता के अलावा भी यदि आपको कोई वृद्ध व्यक्ति परेशान मिलता है तो आपको उसकी सहायता सबसे पहले करनी चाहिए वैसे तो सभी की सहायता करनी चाहिए लेकिन वृद्ध लोगों की सहायता हमें अवश्य करनी चाहिए।
उदाहरण के तौर पर यदि कोई वृद्ध व्यक्ति आपको रास्ते में पैदल जाते हुए मिलता है तो आपको उसे अपने यातायात से उसके घर तक छोड़ कर आना चाहिए यही इंसानियत का सबसे बड़ा प्रतीक है इसी से आपके व्यक्तित्व की पहचान होती है।