मनुष्य को इसलिए आलसी नहीं होना चाहिए | Man should not be lazy

मनुष्य को इसलिए आलसी नहीं होना चाहिए:

मित्रों कोई भी मनुष्य हो सबसे पहले तो उसे चाहिए कि सुबह जल्दी उठे उसके बाद उसी अपने शरीर के लिए थोड़ी बहुत कसरत अवश्य करनी चाहिए ताकि उसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़े बहुत बार देखा गया है कि जो लोग आलसी होते हैं बैठे रहते हैं कोई भी मेहनत का कार्य नहीं करते हैं अक्सर उन्हें ही ज्यादा रोग लगते हैं।
Man should not be lazy
Man should not be lazy
दोस्तों सुबह को कसरत करने के बाद हमें स्नान करना चाहिए और स्नान करने के बाद कुछ खाना पीना चाहिए जैसा भी आपके शरीर के अनुपात में ठीक रहे वैसा खानपान करना चाहिए यदि आप दुबले पतले हैं तो आपको सुबह अच्छी खासी मात्रा में खानपान करना चाहिए लेकिन यदि आपका वजन ज्यादा ही बढ़ गया है तो आपको कसरत करने के बाद सुबह हमें सामान्य भोजन लेना चाहिए कहने का मतलब यह है कि आपको ज्यादा डाइट नहीं लेना चाहिए जिससे आपके शरीर का वजन घटने में समस्या आए।
दोस्तों सुबह उठने का सबसे बड़ा तो एक यह फायदा है कि हम अपने आवश्यक कार्य को आसानी से सुबह-सुबह ही निपटा लेते हैं जिससे हमारे पास बहुत अधिक समय बचता है दूसरे कार्यों के लिए।
तो मित्रों इसीलिए हमें आलसी नहीं होना चाहिए।
प्रयास करने से ही किसी काम में सफलता मिलती है:

 

मित्रों सफलता का सबसे बड़ा राज है प्रयास करना यदि आप प्रयास ही नहीं करेंगे तो सफलता कैसे मिलेगी।
एक सफल व्यक्ति की जीवनी पढ़ने पर हमें यह मालूम होता है कि उसने अपने जिंदगी में बहुत ही ज्यादा प्रयास किए हैं तब जाकर कहीं वह सफल हुआ है कोई भी सफल व्यक्ति ऐसा नहीं है जो बिना प्रयास और बिना मेहनत किए हुए सफल हुआ हो।
इस संसार में जितने भी लोग दुनिया के धनी व्यक्तियों में गिने जाते हैं उन सभी की जीवनी पढ़ने पर हमें सच्चाई पता चलती है क्योंकि ज्यादातर लोग उनमें से ऐसे हैं जो बहुत ही ज्यादा गरीब परिवार से थे लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने वह कर दिखाया है जो आज वह दुनिया के धनी व्यक्तियों में शामिल हैं।
 सफलता का श्रेय प्रयास पर निर्भर करता है।
दोस्तों बेहतर सफलता के लिए कठिन प्रयास की आवश्यकता होती है जो लोग कठिन परिश्रम करके सफल होते हैं वही व्यक्ति वास्तव में सफल होते हैं लेकिन उसी की विपरीत कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सफलता के लिए छोटे रास्तों का चयन करते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि सफलता का कोई संक्षिप्त रूप नहीं होता।

धर्म और देश की रक्षा हमें इसलिए करनी चाहिए:

दोस्तों आज के इस दौर में लोग धार्मिक ना होकर अधार्मिकता की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं किसी भी धर्म या मजहब की बात करें तो लोग अपने धर्म के अनुसार ना चल कर अन्य रास्तों पर जा रहे हैं।
कोई तो किसी का भक्त है तो कोई किसी का मुरीद है लेकिन इन धर्म के ठेकेदारों ने ही धर्मों का सर्वनाश किया है क्योंकि यही ऐसे खूंखार जानवर हैं जो हमारे देश और धर्म के दुश्मन हैं।
बीते कुछ सालों में ही हमारे देश में वह माहौल है जो शायद ही सोचने पर किसी को शर्म ना आए लेकिन उसके बावजूद भी कुछ ऐसे अंधभक्त हैं जो अपनी अंधभक्ति में बिल्कुल ही डूबे हुए हैं वह आज भी उन बाबाओं पर ऐसे विश्वास करते हैं कि मानो यही ईश्वर हों।
मित्रों मैं उन्हीं अंधभक्तों को यह संदेश देना चाहूंगा कि अब तो होश में आ जाओ या अब भी तुम्हारी भक्ति का ऐनक ऐसा ही लगा रहेगा।
अब तो यह अंधभक्ति के ऐनक को उतार कर फेंक ही दीजिए,
अब तो इस देश में हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाइए।

कोई भी धर्म गलत संदेश नहीं देता:

संसार में बहुत से धर्म है लेकिन कोई भी ऐसा धर्म नहीं है जो आपको गलत संदेश देता हो या गलत कार्य करने के लिए प्रेरित करता हो ऐसा किसी धर्म में नहीं बताया गया या किसी धर्म ग्रंथ में नहीं लिखा है कि आप अपने कर्मों से दूसरे सज्जन व्यक्तियों को कष्ट पहुंचाएं या किसी को बेवजह  समस्या में डालें।
जो व्यक्ति गलत कार्य करता है उसका किसी भी धर्म या समुदाय से कोई तात्पर्य नहीं होता अर्थात वह अपने गलत कार्य करने के लिए स्वयं ही जिम्मेदार होता है।
सबसे पहली बात तो यह है कि जो व्यक्ति गलत कार्य करता है वह संपूर्ण धार्मिक ही नहीं होता अर्थात उसका धर्म के साथ कोई लगाव नहीं होता यदि उस व्यकित  का किसी भी धर्म के साथ लगाव होता तो वह गलत कार्य करने से पहले अवश्य ही इस पर मंथन करता।
 ऐसे व्यक्ति जो गलत कार्य करते हो वह किसी भी धर्म से  जुड़े हुए हो इससे कोई भी तात्पर्य नहीं है।
और ऐसे व्यक्ति उस धर्म के नाम पर कलंक है।

देश से दरिद्रता हटाने के लिए हम सबको आवाज उठानी होगी:

इस देश में दरिद्रता भ्रष्टाचार और विकास की बात करें तो विकास जैसे कहीं लुप्त ही हो गया हो लेकिन दरिद्रता और भ्रष्टाचार का प्रकोप ऐसे चल रहा है जैसे इसी से देश का भला होगा।
देश के इन भ्रष्टाचार नेताओं ने हमारे प्यारे भारत का ऐसा नाश किया है कि हमें पूरे विश्व में एक अलग नजर से देखा जा रहा है और इसकी सबसे प्रमुख वजह इस देश के गद्दार नेता हैं यदि इस देश के आजाद होने के बाद इस देश के सभी नेता अपना कार्य इमानदारी और सज्जनता से करते तो शायद यह देश आज दुनिया के सबसे अमीर देशों में एक होता और इस देश से भ्रष्टाचार तो बिल्कुल ही लुप्त हो जाता जिस प्रकार आजकल विकास लुप्त हो चुका है।
लेकिन हम इस देश के नेताओं को क्यों दोष दे रहे हैं दोस्तों हमें खुद को ही देना चाहिए क्योंकि हम ही लोग ऐसे नेताओं को या ऐसी सरकार को चुनते हैं जो हमारे देश हित में ना होकर गद्दारी का पाठ करते हैं।
यहां देश हित में ना होने का मतलब यह नहीं है कि वह देशद्रोही हैं लेकिन इसका इस पट्टू पर यह भी है कि देश के अंदर जो भ्रष्टाचार हो रहा है वह इसके खिलाफ भी नहीं है।
दोस्तों मैं तो आपसे यही कहना चाहूंगा कि देश की भलाई चाहते हो तो बहुत ही सोच समझकर हमें सरकार का या नेताओं का चयन करना होगा तभी इस देश में शांति और विकास की रेल चल पाएगी।

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