ICMR Full Form | ICMR का फुल फॉर्म क्या है?

भारत की राजधानी नई दिल्ली में, जैव चिकित्सा अनुसंधान निर्माण, सहयोग, समर्पण, प्रेरणा व प्रोत्साहन के लिए ’’ भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को शीर्षस्थ व प्राथमिक संस्था / निकाय के तौर पर स्थापित किया गया है और इसी पर आधारित होगा हमारा ये आर्टिकल जिसमें हम, अपने सभी पाठको व युवाओं को विस्तार से ICMR Full Form के साथ ही साथ icmr full form in Hindi? की भी जानकारी प्रदान करेंगे।

हम, अपने सभी पाठको व युवाओँ को बता दे कि, जैव चिकित्सा अनुसंधान को विकसित करने व सतत प्रोत्साहन के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को भारत सरकार के अधीन स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्धारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि ये संस्था बिना किसी आर्थिक रुकावटों के अपना कार्य कर सकें।

अन्त हम, अपने इस आर्टिकल में, आप सभी को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) क्या है, इसका हिंदी व अंग्रेजी में, फुल फॉर्म क्या होता है, इसका लक्ष्य क्या है व साथ ही साथ इसके क्या – क्या कार्य है आदि की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे जिसके लिए आपको हमारा ये आर्टिकल अन्त तक पढ़ना होगा।

ICMR Full Form

ICMR Full Form

सबसे पहले हम, अपनी प्रथा के अनुसार आप सभी को ICMR के Full Form की जानकारी प्रदान करते है जो कि, इस प्रकार से हैं-

हिंदी में, ICMR का Full Form होता है – भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और

अंग्रेजी में, ICMR का Full Form होता है – Indian Council of Medical Research आदि।

अन्त, इस प्रकार हमने आप सभी को ICMR के Full Form की जानकारी प्रदान की।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) क्या है?

आइए सबसे पहले हम, अपने सभी पाठको को विस्तार से कुछ बिंदुओँ की मदद से बतायें कि, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) क्या है जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. भारत की राजधानी दिल्ली में, जैव चिकित्सा अनुसंधान के सतत निर्माण, कल्याण, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के लिए राष्ट्र की प्राथमिकता के तौर पर नई दिल्ली में, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की जैव चिकित्सा के क्षेत्र में, शीर्षस्थ संस्था के तौर पर स्थापना की गई है,
  2. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) का सबसे बड़ा गौरव ये है कि, ये विश्व की आयुर्विज्ञान को समर्पित सबसे बड़ी संस्थाओ में से एक है,
  3. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) का पूरा वित्त पोषण, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्धारा किया जाता है,
  4. हम, आपको बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री परिषद के अध्यक्ष इसके अधिकारी होते है,
  5. Indian Council of Medical Research अर्थात् ICMR अपने कार्यो का निर्वाह सुगमता से कर सकें इसके लिए एक विशेष बोर्ड का गठन किया जाता है जिसमें प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को शामिल किया जाता है जो कि, ना केवल उचित सुझाव देते है बल्कि संस्था का मार्ग – दर्शन भी करते है आदि।

उपरोक्त बिंदुओँ कम मदद से हमने अपने सभी पाठको व युवाओं को सरल बिंदुओं की मदद से बताया कि, Indian Council of Medical Research अर्थात् ICMR क्या है ताकि आपको इसकी पूरी जानकारी प्राप्त हो सकें।

ICMR के रोचक तथ्य क्या है?

आइए अब हम, आप सभी को कुछ बिंदुओँ की मदद से ICMR के  बेहद रोचक तथ्यों की जानकारी प्रदान करते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

ICMR का गौरवपूर्ण इतिहास क्या है?

  1. ICMR को पहले Indian Research Fund Association ( IRFA) कहा जाता था जिसकी स्थापना साल 1911 में की गई थी,
  2. साल 1949 तक आते – आते Indian Research Fund Association ( IRFA) का नाम बदलकर Indian Council of Medical Research अर्थात् ICMR कर दिया गया आदि।

ICMR के मौलिक उद्धेश्य क्या हैं?

  1. ICMR का सर्वप्रथम मौलिक उद्धेश्य है सम्पूर्ण राष्ट्र में, ज्ञान का प्रबंधन और प्रचार – प्रसार करना,
  2. राष्ट्र में, जैव चिकित्सा को सतत तौर पर विकसित करके निरन्तर प्रोत्साहन करते हुए मार्गदर्शन करना,
  3. सभी प्रकार के रोगों के सतत रोकथाम व उपचार के लिए समाधान बताना,
  4. विभिन्न रोगो के उपचार, टिकों व अन्य स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी को एकत्रित करके उसका प्रचार – प्रसार करना और
  5. सम्पूर्ण भारतवर्ष का सतत व सर्वांगिन स्वास्थ्य सशक्तिकरण करना आदि।

ICMR की मदद / सहायता कौन करता है?

हम, आप सभी को बता दें कि, ICMR देश की जैव चिकित्सा के क्षेत्र में, सबसे शीर्ष संस्था है जिसे एक विशेष बोर्ड या कमैटी द्धारा मदद / सहायता प्रदान की जाती है जिसमें इन सदस्यों को शामिल किया जाता है –

  1. वैज्ञानिक सलाहकार दलों को,
  2. वैज्ञानिक सलाहकार समितियों को,
  3. विशेषज्ञ दलों को,
  4. टास्क फोर्सेज को और
  5. संचालन समितियों आदि।

उपरोक्त सभी को मिलाकर एक विशेष बोर्ड का गठन किया जाता है जिसका मुख्य कार्य ICMR को उसके कार्यों व लक्ष्य की प्राप्ति में, हर संभव तरीके से मदद करना होता है।

ICMR कौन से कार्य करती हैं?

जैसा कि, हमने आपको बताया कि, ICMR जैव चिकित्सा के क्षेत्र में, एक शीर्ष संस्था है इसीलिए इसके द्धारा किये जाने वाले कार्यों का दायरा भी बेहद व्यापक है जिन्हें हम, कुछ बिंदुओँ की मदद से आपके सामने प्रस्तुत करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

  1. हम, आप सभी को बता दें कि, ICMR अपने सभी कार्यों का सफल सम्पादन अपने अधीन कार्यरत 26 शोध संस्थानों, 21 मिशन उन्मुख राष्ट्रीय संस्थानो व 5 क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केद्रों की मदद से कार्य करती है,
  2. ICMR के तहत कार्य करने वाली मिशन उन्मुख राष्ट्रीय संस्थान के द्धारा कुछ विशेष कार्य किये जाते है जैसे कि – हैजा, कुष्ठ रोग, तपेदिक, दस्त, वायरल रोग, मलेरिया पोषण, प्रजनन, ऑन्कोलॉजी व चिकित्सा सांख्यिकी पर शोध के कार्यों को सम्पन्न करती है,
  3. साथ ही साथ ICMR द्धारा अनुसंधान से संबंधित विभिन्न क्षेत्रो में, गुणवत्तापूर्ण व उन्नत अनुसंधान हेतु विभिन्न केंद्रो को स्थापित करने का कार्य भी करता है,
  4. ICMR के तहत कार्यरत टास्क फोर्सेज द्धारा विभिन्न राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए रुप – रेखा बनाकर उसका संचालन किया जाता है,
  5. ICMR के द्धारा मेडिकल कॉलेजो, विश्वविघालयों व गैर – ICMR अनुसंधान संस्थानो के वैज्ञानिकों से प्राप्त अनुदान की मदद से ’’ Open and Research ’’ का काम करता है,
  6. ICMR मेडिकल क्षेत्र को समर्पित अलग – अलग वर्क- शॉप्स का आयोजन करता है ताकि मेडिकल के क्षेत्र का सतत व सर्वांगिन विकास हो सकें आदि।

उपरोक्त सभी कार्यों का सफल संचालन ICMR द्धारा किया जाता है।

ICMR द्धारा मानव संसाधनो को किन योजनाओँ द्धारा बढ़ावा दिया जाता है?

  1. Junior & Senior Fellowships and Research Fellowships,
  2. Short Term Visiting Fellowships,
  3. Short Term Research Studentship,
  4. Different Types of Workshops और
  5. विदेशी सम्मेलनो में, भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता आदि।

उपरोक्त सभी योजनाओं की मदद से ICMR द्धारा मानव संसाधनो को विकसित करने का मौलिक कार्य किया जाता है।

ICMR के अंतर्गत कुल कितने प्रभाग आते है?

ICMR जो कि, राष्ट्र में, जैव चिकित्सा को समर्पित एक शीर्षस्थ संस्था के अंतर्गत अनेको प्रभाग आते है जैसे कि –

  1. मौलिक आयुर्विज्ञान प्रभाग,
  2. जानपदिक रोगविज्ञान व संचारी रोग प्रभाग,
  3. असंचारी रोग प्रभाग,
  4. प्रजनन स्वास्थ्य व पोषण प्रभाग,
  5. प्रकाशन व सूचना प्रभाग,
  6. स्वास्थ्य प्रणाली अनुसंधान सेल प्रभाग,
  7. अनुवाद अनुसंधान ईकाइ प्रभाग,
  8. सामाजिक व व्यवहारात्मक अनुसंधान ईकाइ प्रभाग,
  9. अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रभाग,
  10. प्रशासन प्रभाग,
  11. वित्त व लेखा प्रभाग,
  12. जनशक्ति विकास प्रभाग और
  13. औषधीय पादप यूनिट प्रभाग आदि।

उपरोक्त सभी प्रभाग ICMR के तहत आते है जिनकी मदद से ICMR अपने व्यापक मौलिक लक्ष्यों की प्राप्ति के साथ ही साथ अपने मौलिक कर्तव्यों का निर्वहन कर पाता है।

उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको ICMR से संबंधित सभी उपलब्ध जानकारी प्रदान करने की कोशिश की ताकि आप ICMR की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें।

निष्कर्ष

आज के समय में, जैव चिकित्सा का क्षेत्र लगातार विकसित होता जा रहा है और हम, तेज़ी से जैव चिकित्सा प्रणाली को अपनाते जा रहे है और इसकी विशेषता ये है कि, जैव चिकित्सा का क्षेत्र हमारे युवाओं के लिए रोजगार के सुनहरे अवसर भी ला रहा है इसीलिए हमने अपने सभी पाठको व युवाओं को जैव चिकित्सा को समर्पित देश की की शीर्ष संस्था ICMR के बारे में, सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की।

अन्त हम, आशा करते है कि, आपको हमारा ये आर्टिकल ज्ञानपूर्ण व रोचक प्रतीत हुआ होगा व आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए मूल्यवान सिद्ध हुई होगी। यदि आपकी इससे संबंधित कोई जिज्ञासा या समस्या हैं तो बेझिझक हमे, कमेंट करके बतायें व साथ ही साथ अपने विचार व सुझाव हमें, कमेंट करके बतायें ताकि हम, इसी तरह के आर्टिकल आपके लिए लाते रहें।

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