रोज़ करो ये काम हो जाओगे सफल | Chanakya Niti In Hindi

 

रोज़ करो ये काम हो जाओगे सफल | Chanakya Niti In Hindi
रोज़ करो ये काम हो जाओगे सफल | Chanakya Niti In Hindi

 

जिसके घर आए अतिथि नहीं आते वह घर किस काम का घर आए अतिथि ही भगवान होते हैं हमें घर आए अतिथि का संस्कार करना चाहिए अर्थात घर आए अतिथि को भोजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए यह बात सत्य है कि अतिथि भोजन करने के पश्चात् आपके घर को छोड़ देता है लेकिन वह जहां कहीं भी जाता है आपके गुणगान करेगा अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने गुणगान करवाएंगे या नहीं इसीलिए घर आए अतिथि का आदर सम्मान करें और उसे भोजन के लिए जरूर आमंत्रित करें।

 

ब्राह्मणों का बल क्या है:-

ज्ञानी लोगों के अनुसार जो लोग मन के धनी होते हैं वास्तव में वही धनी होते हैं ठीक इसी के विपरीत जो लोग अपने धनी होने पर गर्व करते हैं वे लोग स्वभाव से नीच और गंदी सोच रखने वाले लोग होते हैं ऐसे लोग कभी भी किसी का भला नहीं चाहते वे केवल अपने ही स्वार्थ के लिए जीते हैं और अपने ही स्वार्थ के लिए मरते हैं वास्तव में वही लोग धनी होते हैं जो मन के धनी होते हैं।

 

ब्राह्मण क्या त्याग देते हैं:-

दोस्तों ये तो सच है कि ब्राह्मण दान दक्षिणा लेकर आपके घर से चले जाते हैं ठीक इसी प्रकार विद्यार्थी विद्या अध्ययन के उपरांत अपने गुरु को छोड़ कर चले जाते हैं जैसे कि एक हिरन वन में आग लग जाने के उपरांत वन को त्याग देती है ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार से विद्यार्थी विद्या गणना करने के पश्चात अपने सदगुरु को छोड़ देता है और इसीलिए शिष्य को अपने गुरु का बहुत ही आदर करना चाहिए।

 

 

सदैव अच्छे मित्र के साथ ही रहना चाहिए:-

मित्रों अगर आप गलत स्वभाव या संगति में पड़ जाते हैं तो आप का विनाश हो जाएगा कि किसी के विपरीत अगर आपका मित्र सच्चा है तो आपको अच्छी सलाह देगा जिससे आपका भविष्य बन सकेगा और अगर आपका मित्र गलत है तो आपको सही सलाह नहीं दे सकेगा।

मेरे अनुसार यदि आपका मित्र अशुद्ध स्थान पर रहता है या अशुद्ध स्थान पर जाता है तो आप भी निश्चित ही उसके साथ जाएंगे ऐसी स्थिति आने पर आप घनघोर पाप करने की ओर अग्रसर होंगे इसीलिए सच्चे मित्र से ही वार्तालाप या मित्रता करने का उपदेश दिया है।

 

कौन सी नौकरी अच्छी होती है:-

मेरे अनुसार तो राजगद्दी की नौकरी अच्छी होती है लेकिन राजा को प्रजा के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए जिससे कि प्रजा के मन में राजा के लिए भी बेहतर विचार आएं ठीक इसी के विपरीत अगर राजा अपनी प्रजा के साथ दुर्व्यवहार करता है तो प्रजा भी उसके साथ दुर्व्यवहार ही करने का जतन करेगी।

इसीलिए हमेशा शाही नौकरी ही करें था और सदैव आप अपने बराबर के लोगों से ही मित्रता करें तब ही आपकी मित्रता सफल रहेगी अन्यथा आपकी मित्रता ज्यादा समय तक नहीं चलेगी।

व्यापारी व्यवहार में कुशल होना चाहिए तभी उसका व्यापार अच्छे से हो पाएगा ठीक इसी के विपरीत अगर व्यापारी व्यवहार में ठीक नहीं है तो उसका व्यापार नष्ट हो जाएगा इसीलिए आचार्य चाणक्य जी कहते हैं सभी से अमृत वचन बोलना चाहिए।

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