सच बोलने वाला कभी धोखेबाज नहीं होता | chanakya niti in hindi

सच बोलने वाला कभी धोखेबाज नहीं होता:

दोस्तों इस संसार में कुछ लोग ऐसे भी है जो कभी भी झूठ बोलना नहीं चाहते लेकिन वहीं इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें झूठ बोलने से कोई भी परहेज नहीं होता दोस्तों यही वह लोग होते हैं जो आपके सामने तो आपकी अच्छाइयों को बताते हैं और पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं।
सच बोलने वाला कभी धोखेबाज नहीं होता
सच बोलने वाला कभी धोखेबाज नहीं होता
ऐसे लोग चाहे वह आपके मित्र हो या आपके रिश्तेदार लेकिन ऐसे लोगों से बहुत ज्यादा दूरी बनाकर रखना चाहिए जो आपकी पीठ पीछे बुराई करते दोस्तों मैं तो मानता हूं किसी के दोष उसके पीछे नहीं बल्कि उसे खुद बताना चाहिए कि हां दोस्त आप में ये कमियां है जिनमें आप सुधार करें।
लेकिन ऐसा बताने पर शायद ही वह आपसे प्रसन्न रहेंगे मेरा तो मानना यह है कि वह आपसे वार्तालाप तक करना छोड़ देंगे क्योंकि किसी को भी अपनी बुराइयां सुनने का मन नहीं होता।
लेकिन जो लोग अपनी गलती को मान लेते हैं वही लोग सच्चे अर्थों में मानवता के प्रतीक हैं।
दोस्तों जो लोग आपके सामने भी आपकी बुराई करते हैं सही अर्थो में वही लोग सच्चे हैं और वह आपकी पीठ पीछे बुराई नहीं करेंगे इसीलिए ऐसे लोग कभी आपको धोखा नहीं देंगे।

अपनी रुचि के अनुसार ही हमें सदैव कार्य करना चाहिए:

दोस्तों आज के इस युग में लोग एक दूसरे के पीछे भाग रहे हैं अब उनको यह नहीं पता कि वह जिनकी पीछे भाग रहे हैं उनका रास्ता कहां ले जाएगा लेकिन यहां जरूर पता होता है कि वह भी किसी अच्छे रास्ते पर जा रहे होंगे दोस्तों मैं तो आपसे सदैव एक ही बात कहता हूं कि सदैव अपना रास्ता खुद चुने ना कि दूसरों के कहने पर कोई कार्य करें।
और ना ही लोगों के कहने की परवाह करें क्योंकि लोगों का काम है कहना जो कार्य आपको अच्छा लगता हो उसमें आप अपना पूरा योगदान अवश्य दें।
दोस्तों आप अपने जीवन में जो भी कार्य करें उसमें अपना संपूर्ण योगदान दें इससे यह होगा कि आप यदि उस कार्य में असफल भी हो जाते हैं फिर भी आप को उससे कुछ सीखने को अवश्य मिलेगा जो आने वाले समय में आपको बहुत ज्यादा सीख देगा।
दोस्तों जिंदगी के इस पड़ाव में हमें हमेशा कुछ न कुछ सीखना चाहिए हमेशा सीखने वाले लोग कभी असफल नहीं होते।
दोस्तों अगर बात करें हम माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के मालिक बिल गेट्स की तो उनके बारे में कहा जाता है कि वह अब भी पुस्तकों को बहुत समय तक पढ़ते हैं और अगर बात करें हम एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब की तो वह भी पुस्तकों को पढ़ते हैं।
कहने का अर्थ यह है कि वह अब भी अपनी जिंदगी में सीखना चाहते हैं।
दोस्तो मैं तो आपसे यही कहना चाहूंगा कि जो कार्य आपको अच्छा लगता है उसमें अपना पूरा योगदान दें और लोगों के कहने या ना कहने पर कोई टिप्पणी ना दें क्योंकि लोगों का काम है कहना।

संसार में सब कुछ भिन्न है:

दोस्तों यह संसार तो विचित्र है ही लेकिन उससे भी विचित्र यह है कि इस संसार में कोई भी व्यक्ति एक समान नहीं दिखता है और ना ही उनकी सोच एक जैसी होती है।
कहने का अर्थ या है कि संसार में जितने भी लोगों ने जन्म लिया है उन सभी की वेशभूषा और रंग रूप भिन्न है और उससे भी ज्यादा आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि सभी लोगों की सोच भी अलग होती है।
मान लीजिए आप विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और आप सोचते होंगे कि मैं बड़ा होकर देश की रक्षा करना चाहूंगा लेकिन वही अगर आपके दोस्तों से पूछा जाए कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहेंगे तो हो सकता है वह आप से बोले कि मैं बड़ा होकर विद्वान बनना चाहूंगा।
दोस्तों इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सभी लोगों की सोच अलग होती है।
दोस्तों बात आती है समान गुणों और आसमान गुणों की कुछ लोगों के अंदर विशेष गुण होते हैं जैसे कुछ लोग टेनिस के अच्छे खिलाड़ी होते हैं और कुछ लोग क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी होते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो खेल में कोई दिलचस्पी नहीं रखते।
कहने का अर्थ यह है कि सभी लोगों के गुण दोष सोंच और वेशभूषा सभी में भिन्नता अवश्य होती है।
 

 

मनुष्य की पहचान भी विपत्ति के समय ही होती है:

 

दोस्तों जब तक मनुष्य पर कोई विपत्ति नहीं आती है तब तक वह जिंदगी का आनंद लेता है और जब विपत्ति आती है तब उसे जिंदगी की असल परीक्षा के बारे में पता चलता है क्योंकि दोस्तों बिना विपत्ति के हमें जीवन में सफलताएं भी नहीं मिलती जितने भी सफल लोग इस संसार में हुए हैं सभी को किसी ना किसी विपत्ति का सामना करना पड़ा है यदि आपको ऐसा लगता है कि आसानी से कोई भी महान हुआ है तो आप उनकी जीवनी पढ़ कर देख लीजिए चाहे वह अब्राहम लिंकन हो या लाल बहादुर शास्त्री लेकिन सभी को विपत्तियों का सामना करना पड़ा है।
दोस्तों मैं भारत देश की ही बात नहीं कर रहा हूं यहां तक कि पूरे संसार में जितने भी सफल व्यक्ति हुए हैं उनकी जीवनी या आत्मकथा को एक बार पढ़ कर अवश्य देखें कि उन्हें अपने जीवन में किन कठिनाइयों से गुजारना पड़ा है।
दोस्तों अब बात करते हैं की कैसे हम उस व्यक्ति की पहचान करें कि यह संघर्षों से जूझ कर इस मुकाम तक पहुंचा है देखिए दोस्तों ऐसे व्यक्ति जो अपने जीवन में बहुत ज्यादा संघर्ष करते हैं वे अवश्य ही सफल होते हैं।

हमें कब डरना चाहिए और कब नहीं डरना चाहिए:

दोस्तों सामान्य तौर पर बात करें तो हमें बिल्कुल नहीं डरना चाहिए किसी भी समस्या के आने से पहले हमें उसकी पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए ताकि समस्या आने पर हम डरें नहीं और उसका डटकर सामना करें और यदि समस्या आपातकाल समय में आ जाती है तो भी हमें पीछे नहीं हटना चाहिए और ना ही डरना चाहिए क्योंकि अगर आप एक बार समस्या से डर गए तो समस्या आप पर हावी हो जाएगी और आपको कोई भी कार्य ठीक ढंग से नहीं करने देगी दोस्तों इसीलिए मैं आपसे कहना चाहूंगा कि समस्या से डरे नहीं बल्कि उसका सामना करें।
कई बार हमारे जीवन में ऐसा भी समय आता है जब समस्याएं बहुत बड़ी होती है और हम उन समस्याओं के आने से पहले ही डर जाते हैं जिससे हमारा कोई भी कार्य संपूर्ण नहीं हो पाता है और हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं लेकिन दोस्तों हमारा तात्पर्य केवल समस्या से होना चाहिए ना की समस्या छोटी है या बड़ी यह सोचना चाहिए जब कोई समस्या का आप समाधान करेंगे तब ही उस समस्या के छोटे बड़े होने का अनुमान लगा सकते हैं किसी काम को बिना किए हम कैसे ज्ञात कर सकते हैं कि यह कार्य कठिन है या सरल।
कहने का अर्थ यह है कि हमें किसी भी कार्य को करने से पहले उसका अनुमान नहीं लगाना चाहिए बल्कि उस कार्य में पूरी मेहनत और लगन के साथ जुट जाना चाहिए।
तो दोस्तों आप तो आप समझ ही गए होंगे किसी भी समस्या के आने से पहले हमें बिल्कुल नहीं डरना चाहिए बल्कि उसका पूरी मेहनत और लगन के साथ निवारण करने के लिए जुट जाना चाहिए।

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