पीठ पीछे बुराई करने वालों से इसलिए रहें दूर | Chanakya Neeti in Hindi

पीठ पीछे बुराई करने वालों से इसलिए रहें दूर:-

मेरा तो मानना यह है कि जो मित्र प्रत्यक्ष रूप से आपके लिए मधुर वचन बोलता है और पीठ पीछे आपकी बुराई करता है अर्थात आपका मित्र ना होकर आपका शत्रु है जो व्यक्ति आपके सामने आपकी तारीफ करें और आप के पीठ पीछे आपकी बुराई करें ऐसे मित्र को त्याग देना चाहिए।
Chanakya Niti in Hindi
Chanakya Niti in Hindi
यही वह लोग हैं जो आपके कार्य में रोड़ा अटकाते हैं ऐसे मित्र ठीक उसी प्रकार होते हैं जैसे कि एक घड़ा होता है जिसके अंदर तो विष भरा होता है लेकिन उसके मुंह के पास दूध भरा होता है अर्थात मुख से मधुर वचन बोलने वाले तथा हृदय में घृणा रखने वाले मित्र को त्याग देना ही आपके लिए उचित होगा इसीलिए पीठ पीछे बुराई करने वाले लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है।

 

 

जीवन में सुखी रहने के लिए करना चाहिए यह कार्य:-

धर्म ग्रंथों ने जीवन में सुखी रहने के लिए बहुत सी बातें बताई हैं जिनमें से यह भी कहा है कि आपको उतना ही भोजन करना चाहिए जितना आप को पचाने की क्षमता हो अर्थात अगर ज्यादा भोजन आप कर लेंगे तो आपकी पाचन क्रिया ठीक ढंग से कार्य नहीं करेगी।

 

कहने का अर्थ यह है कि आपको उतना ही कार्य करना चाहिए जितना आपके लिए उचित हो अनुचित कार्य करने से आपको उसका लाभ नहीं अपितु आपको हानि का सामना करना पड़ेगा इसीलिए हर कार्य को उचित तथा उचित ढंग से करने के लिए बताया है।

 

मित्रों प्रेम करने के लिए आपसे यही कहना चाहूंगा कि आप उसी स्त्री से प्रेम करें जो आपको रति सुख प्रदान कर सके अगर आप के पास धन की उपलब्धता हो और आप उसे दान करने का उत्साह भी रखते हैं तो आप वास्तव में एक तपस्या करने के समान कार्य कर रहे हैं अर्थात आप को दान करना चाहिए।

 

झूठ बोला इसलिए माना गया है सबसे बड़ा पाप:-

स्वाभाविक रूप से झूठ बोलने वाले को सबसे बड़ा पापी माना है क्योंकि झूठ बोलने वाला व्यक्ति किसी के साथ भी छल कपट करके अपना उल्लू सीधा करने की बात सोचेगा छल कपट करने वाला व्यक्ति आपके साथ कभी भी धोखा कर सकता है।

उतावलापन अर्थात बिना समय प्रबंधन के कार्य करने वाले व्यक्ति को मूर्ख बताया है आचार्य चाणक्य जी ने बताया है कि शुद्धता और दयाहीनता जैसे दोष स्त्रियों में स्वाभाविक रूप से अवश्य पाए जाते हैं।

दोस्तों आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिये कि स्त्रियों में अत्यधिक लालच का भी एक अवगुण  है कहने का अर्थ यह है कि यदि आप झूठ बोलते हैं तो आपके अंदर यह सब अवगुण होंगे इसीलिए आचार्य चाणक्य जी ने सदैव सत्य बोलने को कहा है।

 

आज्ञाकारी पुत्र होने के होते हैं यह लाभ:-

आचार्य चाणक्य जी ने आज्ञाकारी पुत्र के विषय में बताया है कि अगर आपका पुत्र आज्ञाकारी है तो आपको किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा अर्थात आप के ऊपर आई हुई सभी आपदाओं का वह आसानी से सामना कर सकेगा जिससे आपको ज्यादा कष्ट उठाने का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अगर आपका पुत्र आज्ञाकारी है तो मान लो आप का स्वर्ग यही धरती पर ही है ठीक है इसी के विपरीत अगर आपका पुत्र सुपुत्र ना होकर कुपुत्र होता है तो भी आप के लिए धरती पर नर्क होगा।

दोस्तों स्त्री के बारे में भी कहा है कि अगर आप की स्त्री आपके अनुसार कार्य करने वाली और सही दिशा में चलने वाली है तो भी आप के लिए धरती पर ही स्वर्ग होगा अर्थात अगर आपका पुत्र आज्ञाकारी है और आप के अनुसार चलने वाली आपकी स्त्री है आपके पास पर्याप्त धन है तो मान लीजिए आपका स्वर्ग यही है।

परिवार में सुख शांति के लिए करना चाहिए यह कार्य:-

प्रिय मित्रों परिवार में सुख शांति के लिए आपको अपने बच्चों का पालन-पोषण सही से करना होगा और उनको उत्तम शिक्षा ग्रहण करवाना होगी जिससे आपके घर का वातावरण अच्छा होगा।

आपको अपने बच्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए अपने बच्चों से हर बात मानने के लिए कहना चाहिए यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उनको दंडित करना चाहिए कहने का अर्थ यह है कि आपके बच्चों का आज्ञाकारी होना जरूरी है।

घर में सुख शांति के लिए स्त्री पर पूर्ण विश्वास होना आवश्यक है अगर आपका स्त्री पर पूर्ण विश्वास नहीं है तो आपके घर में सुख शांति नहीं आ सकती क्योंकि इस्त्री ही घर की सुख शांति में अपना योगदान देती है

अर्थात स्त्री पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए और आपके बच्चे आज्ञाकारी होना चाहिए तथा आपको अपने बच्चों का सही ढंग से पालन पोषण करना चाहिए और उनको उत्तम शिक्षा ग्रहण करवाना चाहिए जिससे आपके घर में सुख शांति का वातावरण बना रहेगा।

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