मनुष्य का वास्तविक व्यवहार कैसे पहचानें:
दोस्तों हम सभी जानते हैं कि हमारे शरीर के लिए गुस्सा बहुत ज्यादा हानिकारक है सबसे पहली बात तो यह है कि हमें गुस्सा करना ही नहीं चाहिए लेकिन कभी-कभी स्थिति के अनुसार हमें गुस्सा आ ही जाता है जिससे हमारे शरीर में कुछ ऐसी इंद्रियां होती हैं जो गुस्से के समय काम करने लगती हैं और उन इंद्रियों के जाग्रत होने से गुस्सा बढ़ता ही जाता है।
गुस्सा मनुष्य की अक्ल को खा जाता है और गुस्से में मनुष्य कुछ भी बोलने लगता है।
हर व्यक्ति गुस्से में ऐसा बोलना चाहता है जिससे कि सामने वाले व्यक्ति को अधिक से अधिक तकलीफ का एहसास हो अर्थात गुस्से में मनुष्य वह सब बोल जाता है जो वह सामान्य स्थिति में कभी नहीं बोल पाता इसीलिए कहते हैं कि मनुष्य के वास्तविक व्यवहार का पता तो उसके गुस्से के समय ही चलता है।
इसीलिए कहते हैं मनुष्य के व्यवहार की असली पहचान तो उसके गुस्से के समय ही की जा सकती है क्योंकि गुस्से में उसका असली चेहरा सामने आता है।
तो दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि किसी भी व्यक्ति को परखने के लिए उसे गुस्से की स्थिति में देखें तभी आपको उसके वास्तविक व्यवहार की स्थिति का पता चलेगा।
मनुष्य आखिर कैसे दूसरे ग्रहों पर रहेगा:
जो आज से कुछ साल पहले एक व्यक्ति के लिए मात्र एक कल्पना थी सोचने पर ऐसा प्रतीत होता है कि ना जाने हम क्या कर रहे हैं और ऐसा कैसे हो जाता है दोस्तों कुछ सामान्य व्यक्तियों के लिए ऐसा सोच पाना भी मुश्किल है कि-
“चांद पर जीवन”
आज नहीं तो कल हम इस धरती से किसी और ग्रह पर तो बस ही जाएंगे क्योंकि नासा ने कुछ लोगों को मंगल ग्रह पर भेजने का पूरा प्रबंध कर लिया है अब देखते हैं नासा की निगरानी में उन लोगों को कैसे तैयार किया जाता है और क्या सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
दोस्तों वैसे तो मैं अपनी निजी बात करूं तो जो लोग लगभग 23 या 24 लोगों का चयन हुआ है मंगल ग्रह पर जाने के लिए उन्होंने शायद गलत फैसला ले लिया है।
लेकिन यदि किसी अन्य ग्रह पर जीवन की तलाश ना होगी तो विज्ञान के अनुसार कुछ समय में इस धरती पर रहने के लिए स्थान तक नहीं बचेगा इसीलिए दूसरे ग्रहों पर भी जीवन की तलाश हो रही है।
दुर्जनों के साथ इसलिए दया करनी चाहिए:
दोस्तों आजकल के इस दौर में किसी की सहायता भी बहुत ही सोच समझकर करनी चाहिए क्योंकि जिस व्यक्ति की आप सहायता करते हैं यदि वह ही आपके बारे में गलत सोचने लगे तो आपको बहुत ज्यादा कष्ट होगा।
लेकिन आजकल के इस दौर में ऐसा ही अक्सर होते हुए देखा गया है जिस व्यक्ति ने जिस की मदद की हो वही उसे गलत समझने लगता है वह सोचता है कि शायद उस व्यक्ति ने मेरी मदद अपने किसी स्वार्थ के लिए की हो लेकिन दोस्तों इस दुनिया में सभी लोग एक जैसे तो नहीं है कुछ लोग बहुत ही विचित्र हैं तो कुछ लोग बहुत अनोखे भी।
दोस्तों अगर मैं अपनी बात करूं तो मेरा तो मानना यही है कि हमें सदैव दुर्जनों की मदद करनी चाहिए फिर चाहे हमें कोई गलत ही क्यों ना समझे लेकिन ईश्वर तो सब जानता ही है और वह सब देख रहा है इस बात को हमें अपने दिल में रखना चाहिए।
यदि आपके साथ कोई बुरा करता है तो आप उसका बुरा ना माने और ना ही उसे कोई जवाब दें क्योंकि-
“जिन्हें आप जवाब नहीं देते उन्हें खुदा जवाब देता है”
ऐसा मेरा खुद का मानना है।
मनुष्य को इन गुप्त स्थानों पर बिल्कुल नहीं जाना चाहिए:
दोस्तों यहां गुप्त शब्द का अर्थ निजता से लिया गया है कहने का अर्थ यह है कि व्यक्ति को उस स्थान पर तो बिल्कुल ही नहीं जाना चाहिए जहां दो व्यक्ति आपस में खड़े होकर किसी गुप्त या विशेष बात पर चर्चा कर रहे हो ऐसे ही स्थान पर जाने से आप अपनी तो मान मर्यादा खो ही देंगे और साथ ही वह व्यक्ति भी आपसे वह बात साझा नहीं करेंगे क्योंकि यदि उन लोगों को आपसे वह बात साझा ही करनी होती तो वह अकेले में क्यों बात करने के लिए जाते।
आप बात यहां पर यहां भी आती है कि हमें किन स्थानों पर गुप्त या विशेष बातों को करना चाहिए तो दोस्तों सबसे पहले तो मैं आपसे यही कहना चाहूंगा कि यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर बैठे हुए हैं तो सबसे पहले आपको चाहिए कि उस स्थान से इतनी दूर चले जाएं ताकि अन्य लोगों को आपकी बात सुनाई ना दे।
दोस्तों इसके बाद बात आती है कि हमें ऐसा तो कभी नहीं करना चाहिए जैसा कि हम किसी सार्वजनिक स्थान पर बैठे हो और कोई ऐसी गुप्त या विशेष बात करने लगे जिससे कि साथ में बैठे हुए व्यक्ति को अच्छा ना लगे और वह स्वयं ही उठकर वहां से चला जाए ऐसा करने से उस व्यक्ति के हृदय में आपके लिए सम्मान भावना नहीं रहेगी।
तो दोस्तों अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हमें किस जगह पर कैसी और किस प्रकार की बातचीत करनी चाहिए ताकि किसी को ठेस ना पहुंचे।
अंग्रेजों के चंगुल से इस तरह मिली थी भारत को आजादी:
दोस्तों यह तो सभी लोग जानते हैं कि हम जिस तरह से बातचीत करते हैं उसी बातचीत के आधार पर हमारे व्यक्तित्व का अनुमान लगाया जाता है।
दोस्तों अगर हम बात करें व्यक्तित्व की उसमें बोलने की अहम भूमिका है इसके बाद आपने किस प्रकार लोगों को संबोधित करने का जतन किया है यह बात भी मायने रखती है।
दोस्तों बहुत से ऐसे भी लोग प्रसिद्ध हुए हैं जो अपनी बात के दम पर लोगों को कुछ ना कुछ नया करने के लिए प्रेरित कर देते हैं लेकिन इसी के विपरीत कुछ लोग ऐसे भी विश्व में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हुए हैं जिन लोगों ने बातों से नहीं बल्कि अपने कार्य से लोगों को प्रेरित करने का साहस जुटाया है।
दोस्तों अगर हम बात करें स्वतंत्रता संग्राम की तो उसमें सबसे बड़ी भूमिका महात्मा गांधी जी की रही है लेकिन महात्मा गांधी जी ने बहुत ही शांतिपूर्ण कार्यों से देश में “भारत छोड़ो आंदोलन” का प्रारंभ किया उसी के चलते हम सभी भारतीयों को अंग्रेजों के चंगुल से छुटकारा मिल पाया है।
लेकिन यदि हम बात करें कि किसी के विपरीत सुभाष चंद्र बोस जी की तो उन्होंने लोगों को अपने भाषण देकर इतना उग्र बना दिया था किसे जंग के लिए तैयार हो गए थे और सुभाष चंद्र बोस जी की भी बहुत बड़ी भूमिका रही है भारत को आजाद करवाने में क्योंकि कोई भी कार्य करने के लिए हमें कई विकल्पों का चयन करना होता है ठीक उसी प्रकार सुभाष चंद्र बोस जी ने देश के युवाओं में जोश भरा तो वही महात्मा गांधी जी ने शांतिपूर्ण भारत छोड़ो आंदोलन का आरंभ किया ठीक ऐसे ही बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था।
तब जाकर कहीं हम लोगों को अंग्रेजों से छुटकारा मिल पाया है तो दोस्तों अब हम सभी भारतीयों को एकत्रित रहना चाहिए और किसी भी धर्म जाति पर कोई भी टिप्पणी नहीं करना चाहिए।
बस हम सभी भारतीयों यही जपना चाहिए –
“गर्व से कहो हम भारतीय हैं”
apne bahut achha jankari di hain
or website par bhi achha content dala hain
thank you
Most welcome buddy keep visiting.